देहरादून (ब्यूरो) महाशिवरात्रि पर टपकेश्वर महादेव मंदिर में 10 दिवसीय शिवरात्रि मेला आठ मार्च से शुरू होगा। यहां की भांग-ठंडई और भांग-पकोड़ी का प्रसाद काफी प्रसिद्ध है। दूर-दराज से आए शिव भक्त यह प्रसाद ग्रहण करते हैं और भोले बाबा का गुणगान करते हैं। मंदिर के 108 श्री कृष्णा गिरी महाराज ने बताया कि श्रद्धालुओं का विशेष ध्यान रखते हुए इस बार पुलिस के साथ ही सेवादार भी जगह जगह तैनात रहेंगे। इसके अलावा 32 सीसीटीवी कैमरे से से जगह जगह नजर रहेगी।
5 मार्च से दो दिवसीय मेला
सिद्धपीठ शिव मंदिर रायपुर रोड में सात मार्च दोपहर से दो दिवसीय मेला शुरू होगा। मंदिर के पंडित अंकित मिश्रा ने बताया कि मध्यरात्रि से मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। ब्रह्म मुहूर्त में भगवान शिव का रुद्राभिषेक के बाद जलाभिषेक किया जाएगा। दोपहर, शाम व रात्रि पूजा के बाद शृंगार होगा। बताया कि मंदिर को सजाने की तैयारी चल रही है। शिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक रहती है इसको देखते हुए विभिन्न धार्मिक संगठनों से जुड़े सेवादार भी व्यवस्था बनाने में सहयोग करेंगे।
इन मंदिरों में तैयारी शुरू
पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर सहारनपुर चौक, जंगम शिवालय पलटन बाजार, कमलेश्वर महादेव मंदिर जीएमएस रोड, नर्वदेश्वर मंदिर डालनवाला, प्राचीन शिव मंदिर धर्मपुर, आदर्श मंदिर पटेलनगर, श्याम सुंदर मंदिर पटेलनगर।
72 वर्ष के बाद बन रहा अद्भुत संयोग
आचार्य डॉ। सुशांत राज के मुताबिक शिवरात्रि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष चतुदर्शी तिथि को मनाई जाती है। जो आठ मार्च को पड़ रही है। इसलिए इसी दिन शिवरात्रि मनाई जाएगी। इस दिन शुभ योग में सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव योग व चतुर्गही योग बन का अद्भुत संयोग 72 वर्ष के बाद बाद बन रहा है। इस दिन प्रदोष व्रत भी रखा जाएगा।
शिवरात्रि पर इस तरह करें पूजा
सुबह व्रत धारण कर मिट्टी के लोटे में पानी या दूध भरकर ऊपर से बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल, चावल आदि डालकर शिवङ्क्षलग पर चढ़ाएं। अगर आस-पास कोई शिव मंदिर नहीं है तो घर में ही मिट्टी का शिवङ्क्षलग बनाकर पूजन करें। शिवपुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। शिवरात्रि के व्रत में व्रतधारियों को चावल, दाल और गेहूं का सेवन नहीं करना चाहिए। फल, दूध और चाय पी सकते हैं। रात को भगवान शिव की आराधना कर व्रत खोलें।
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