देहरादून (ब्यूरो)। शनिवार को चारधाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत के बैनर तले तीर्थ पुरोहित गांधी पार्क के बाहर इकट्ठे हुए। इसके बाद उन्होंने पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ सचिवालय के लिए कूच किया। हालांकि, पुलिस ने सचिवालय से कुछ दूरी पहले ही सुभाष रोड पर बैरिकेडिंग लगाकर भीड़ को आगे बढ़ने से रोक लिया। इसके बाद तीर्थ पुरोहित वहीं सड़क पर धरने पर बैठ गए। इस दौरान पुलिस ने प्रस्ताव रखा कि उनकी वार्ता शासन से कराई जा रही है, मगर महापंचायत ने निर्णय होने तक किसी भी वार्ता से इन्कार कर दिया।
जब तक फैसला नहीं, आंदोलन जारी
महापंचायत के प्रवक्ता डॉ। बृजेश सती ने कहा कि जब तक सरकार देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं करती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट के अध्ययन के लिए मंत्रिमंडलीय उपसमिति बनाई, मगर इसके माध्यम से सिर्फ पुरोहितों को गुमराह किया जा रहा है। इस अवसर पर महापंचायत के संयोजक सुरेश सेमवाल, पंडा समाज के अध्यक्ष प्रवीण ध्यानी, यमुनोत्री तीर्थ पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल ने भी विचार रखे। रैली में गंगोत्री मंदिर समिति, गंगोत्री तीर्थ पुरोहित महासभा, यमुनोत्री मंदिर समिति, यमुनोत्री तीर्थ पुरोहित महासभा, बदरीश पंडा पुरोहित सभा, ब्रह्मकपाल तीर्थ पुरोहित पंचायत समिति, बदरीनाथ, डिमरी पंचायत बदरीनाथ आदि के प्रतिनिधि शामिल रहे।
कांग्रेस व आप ने किया समर्थन
महापंचायत की रैली को समर्थन देते हुए कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), समाजवादी पार्टी समेत विभिन्न महंतों ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि कुछ दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का केदारनाथ में विरोध किया गया था। तब त्रियुगीनारायण में यह कहकर प्रचार किया गया कि यहां के लोग बोर्ड के समर्थन में हैं। भाजपा व राज्य सरकार सिर्फ जनता को गुमराह करने का काम कर रही है। आप की प्रवक्ता उमा सिसोदिया, समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा। सत्यानारायण सचान, महंत प्रमानंद शास्त्री, महंत शुभम गिरी, स्वामी विवेकानंद आदि ने भी देवस्थानम बोर्ड भंग करने की मांग उठाई।