- जरा भी लापरवाही न करें, खतरा टल जाएगा

देहरादून, 8 सितम्बर (ब्यूरो)। डॉक्टर्स के अनुसार इस बार जो डेंगू का डी-2 का वेरिएंट देखा जा रहा है, जो ज्यादा खतरनाक है। ये पेशेंट्स में हेमरेजिक फीवर के साथ मल्टीपल ऑर्गन फेलियर के लिए भी जिम्मेदार है। इसके कारण ज्यादा पेशेंट्स को आईसीयू में भर्ती करना पड़ रहा है। इस वेरिएंट के कारण शरीर में तेजी से पानी की कमी हो जाती है, इंटेस्टाइनल वेसल्स पतली हो जाती हैैं और शरीर से पानी रिसने लगता है। स्टूल, यूरीन, नाक, मुंह से ब्लीडिंग भी हो सकती है और ये वेरिएंट किडनी फेल्योर का भी कारण बन सकता है।

शुरुआत से ही बरतें सावधानी
डॉक्टर्स के अनुसार डेंगू के इस वेरिएंट से बचने के लिए शुरुआत में प्रीकॉशन लेना जरूरी है। फीवर होने पर लापरवाही बिल्कुल न करें। शुरुआत के पांच से छह दिन बहुत क्रूशियल होते हैैं। ऐसे में खुद को रिहाइड्रेट करते रहें। जितना हो सके पानी पीयें। हेल्दी और सुपाच्य खाना खाएं और बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई न लें।

गलत दवा गिरा रही प्लेटलेट््स
सिर दर्द होने पर अक्सर पेशेंट खुद से मेडिकल स्टोर से लेकर पेन किलर खा रहे हैं, जो प्लेटलेट्स के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। डॉक्टर के अनुसार पेन किलर बोन मेरो अफेक्ट करते हैैं, जिससे प्लेटलेट््स बननी बंद हो जाती हैं। ऐसे में सिर दर्द या दूसरी परेशानी होने पर बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न खायें।

पांचवे, छठे दिन बाद बढऩे लगती हैं प्लेटलेट्स
एक्स्पट्र्स के अनुसार डेंगू के शुरुआत में अगर सावधानी बरती जाए तो पेशेंट को ज्यादा परेशानी नहीं होती। शुरुआत में ही ज्यादा से ज्यादा पानी पीयें और आराम करें। आराम करने से प्लेटलेट्स डाउन नहीं होंगी और पांचवे व छठे दिन के बाद प्लेटलेट्स बढऩी शुरू हो जाएगी और पेशेंट धीरे-धीरे स्वस्थ होकर घर लौट सकेगा।

ये हो रही शिकायत
तेज बुखार
पेट में तेज दर्द होना
लगातार उल्टी होना
मसूड़ों या नाक से खून आना
यूरीन, स्टूल में खून आना
स्किन में ब्लड के धब्बे बनना
सांस लेने में तकलीफ होना
थकावट लगना


ये रखें सावधानी
- डेंगू के सिंप्टम्स होने पर ज्यादा पानी पीयें।
- सादा और सुपाच्य खाना खाएं।
- बिना डॉक्टर की सलाह के दवाई न लें।
- तेज बुखार, उल्टी, नाक-मुंह से खून निकलने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
- सिर दर्द होने पर पेन किलर न खाएं।
- ज्यादा से ज्यादा आराम करें।

मिडिल एज के लिए हो रहा घातक
डॉक्टर्स के अनुसार अब तक दून में डेंगू संक्रमित 12 पेशेंट की मौत हो चुकी है। जिनमें 2 बच्चे और 2 बुजुर्ग शामिल हैं जबकि, 8 मीडिल ऐज (30 से 55 वर्ष) तक की उम्र के हैं। डॉक्टर्स इसका कारण डेंगू के शुरुआत में लापरवाही बरतना बता रहे हैं, जिसके कारण उनकी प्लेटलेट्स कम हो रही है और वे पानी भी कम पी रहे हैं। जिससे उनकी प्लेटलेट्स कम होने के साथ मल्टीपल ऑर्गन फेल हो रहे हैं। इससे जान का रिस्क बढ़ रहा है।

---------------
अब तक देखने में आया है कि डेंगू के पेशेंट सिर दर्द होने पर पेन किलर खाकर तबियत बिगडऩे पर हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं। ऐसे में डेंगू संक्रमित पेशेंट को शुरुआत के 5-6 दिन विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। बिना डॉक्टर की सलाह के दवा नहीं लेनी चाहिए।
डॉ। सीएस रावत, एसीएमओ