देहरादून, (ब्यूरो): दून सदर तसहील में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। यहां रोजाना बड़ी संख्या में लोग दूर-दूर से अलग-अलग काम लेकर पहुंचते हैं। कोई प्रमाण पत्र बनवाने, तो कोई जमीन संबंधी कार्य के लिए। आय प्रमाण पत्र बनवाना हो या स्थाई निवास या फिर चरित्र प्रमाण पत्र। हर किसी के लिए लोगों को तहसील की दौड़ लगानी पड़ती है, लेकिन राजधानी दून का तहसील कार्यालय अराजकता का गढ़ बन गया है। यहां प्रशासनिक व्यवस्थाएं पूरी तरह ध्वस्त हैं। फरियाद सुनना तो दूर कर्मचारी से लेकर तहसीलदार तक फोन उठाने को तैयार नहीं है। तहसीलदार के दफ्तर से नदारद रहने से अक्सर फरियादी बैरंग लौटने को मजबूर हैं। एक काम के लिए कई-कई दिन लोगों को चक्कर काटने पड़ते हैं। यहां समस्याओं का अंबार है। जगह-जगह कूड़े का ढेर, पान मसाले की पीक से दीवारें पटी पड़ी है। बेसमेंट पार्किंग पानी से भरी है। लंबे समय से लिफ्ट खराब होने से लोग 5 मंजिल तक हांफकर सीढिय़ां चढऩे को मजबूर हो रहे हैं।

सामने आई खामियां ही खामियां
सैटरडे को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने राजीव गांधी बहुद्देशीय काम्प्लेक्स में तहसील कार्यालय की पड़ताल की तो तमाम तरह की अव्यवस्थाएं नजर आई। अन्य दिनों की तरह लोग आज भी तहसील संबंधी कार्यों के लिए पहुंचे, लेकिन दो बजे तक भी तहसीलदार दफ्तर नहीं पहुंचे। सुबह 10 बजे से 2 बजे तक विभिन्न कार्यों को लेकर 80 फीसदी लोग बैरंग लौट गए थे, बाकी कुछ इंतजार कर रहे थे। कई फरियादियों ने बताया कि वह कल भी सुबह से लेकर शाम तक तहसीलदार का इंतजार करते रहे, लेकिन वह नहीं पहुंचे। आज भी वही हाल है। कहा कि ऐसे में हम जाएं तो जाएं कहां।

जमीन पर कचरा, पीक से पटी दीवारें
तसहील परिसर की पार्किंग के एक कोने में कूड़े का ढेर जमा है। जिससे बदबू निकल रही है। तसहील की सीढिय़ां पान-गुटके के पीक से पटी हुई है। लिफ्ट खराब पड़ी है। फरियादियों के बैठने के लिए बेंच पूरी नहीं है। लेखपाल से लेकर पटवारी आम जनता को मिलते नहीं है। लोगों को एक-एक काम के लिए कई-कई चक्कर काटने पड़ रहे हैं। टीम ने तहसील प्रशासन का पक्ष जानना चाहा, तो तहसीलदार विवेक राजौरी दोपहर दो बजे तक ऑफिस में मौजूद नहीं थे। संपर्क करने पर उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया।

तहसील रिकॉर्ड रूम में भारी गड़बड़ी
तहसील में पूरी तरह अराजकता का माहौल है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जाता है कि कुछ दिन पहले ही तहसील सदर के रिकॉर्ड रूम में भारी गड़बड़ी और दस्तावेज फाडऩे का मामला सामने आया है। जिसके बाद रजिस्ट्रार कानून गो की शिकायत पर राजस्व तहसील के कर्मचारियों के खिलाफ कोतवाली में केस दर्ज किया गया है1 आरोप है कि यहां रायपुर क्षेत्र की कई जमीनों के सरकारी रिकॉर्ड फाड़ दिए गए। जिन लोगां के नाम जमीन दर्ज करने के आदेश हैं, उन पत्रावलियों को ही गायब कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि अभिलेखों में छेड़छाड़ व गड़बड़ी के कई अन्य मामले भी हैं।

तीन दिन से लगा रहा हूं चक्कर
मैं पिछले तीन दिन से तहसील के चक्कर काट रहा हूं। मुझे तसीलदार साहब नहीं मिले। मुझे केवल बेटे के चरित्र प्रमाण पत्र पर साइन करवाने हंै। कल भी दिनभर दफ्तर में बैठा रहा। आज भी सुबह से बैठा हूं। साहब कब बैठेंगे किसी को कोई पता नहीं।
अहसान अली

मुझे बेटे के लिए आय प्रमाण पत्र बनवाना है। सभी फार्मालिटी पूरी हो चुकी है। मैं मसूरी में रहता हूं। बुजुर्ग होने के बावजूद कई दिन से मसूरी तहसीलदार कार्यालय के चक्कर लगा रहा हूं। मुझे नहीं पता कि इस छोटे से काम के लिए मुझ इतना घूमना पड़ेगा।
गजे सिंह

मैं आर्मी पर्सन हूं। मेरी जमीन के कुर्रे की फाइल चल रही है। आठ महीने हो गए पटवारी आज तक प्रोपर्टी की पैमाइश कराने नहीं आया। कई बार तसहीलदार साहब से मिलने के आ गया हूं, लेकिन वह नहीं मिल पा रहे हैं।
विजय सिंह पडियार

कल सर्वर न चलने की बात कहकर मैं बैरंग लौट गया था। आज भी सुबह से लाइन पर लगा हूं, लेकिन बिजली न होने की बात कहकर फर्द नहीं दी जा रही है। मेरे जमीन का दाखिला गलत चढ़ाया गया है, जिसे ठीक कराने में मेरे पसीने छूट गए।
वेद प्रकाश

तहसील में मिली ये खामियां
- समय पर सीट पर नहीं बैठते अधिकारी-कर्मचारी
- तहसील कार्यालय में अराजकता का माहौल
- कई दिन चक्कर काटने के बाद भी नहीं होते पब्लिक के काम
- तहसीलदार के न मिलने से अक्सर बैरंग लौट जाते हैं फरियादी
- लंबे समय से तहसील की लिफ्ट खराब, पीक से पटी दीवारें
- रिकार्ड का सही रखरखाव नहीं, जहां-तहां फैली गंदगी
- परिसर से लगी पार्किंग में कूड़े का ढेर, बीमारी फैलने की आशंका
- पब्लिक बोली, तहसील में नहीं होता समय पर कोई काम, जाएं तो कहां जाएं

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