देहरादून, (ब्यूरो): दून के कॉलेजेज में छात्र संघ चुनाव को लेकर गहमागहमी जारी है। स्टूडेंट्स कॉलेज की समस्याओं को दोहरा रहे हैैं, जबकि छात्र नेता उन्हें हर सुïिवधा मुहैया कराने का आश्वासन देते दिख रहे हैैं। चुनाव हो जाते हैैं, समस्याएं जस की तस रह जाती हैैं। स्टूडेंट्स को सबसे ज्यादा दिक्कत लंबे एडमिशन प्रॉसेस से हैै, जिसे वे सरल करवाना चाहते हैैं। यहीं नहीं, टीचर्स की शॉर्टेज हर बार कैंपस पॉलिटिक्स का मुद्दा बनता है। कहीं शौचालय नहीं हैैं तो कहीं खेलों के लिए ग्राउंड नहीं हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने दून के एमकेपी गल्र्स पीजी कॉलेज और एसजीआरआर पीजी कॉलेज का विजिट किया तो स्टूडेंट्स ने अपनी समस्याएं खुलकर बताईं।

एडमिशन प्रॉसेस से परेशान स्टूडेंट्स

स्टूडेंट्स का कहना है कि पहले कॉलेजेज में एडमिशन प्रॉसेस सरल था। लेकिन, अब सीयूईटी व समर्थ पोर्टल के आधार पर एडमिशन होते हैं। ऐसे में कई बार रूरल और रिमोट एरिया से आने वाले बच्चों के लिए मुश्किल हो जाती है। एडमिशन प्रॉसेस को सरल बनाने की जरूरत है। अगर किसी भी नियम के जरिए एडमिशन होता है तो इसकी जानकारी पूर्व में ही स्कूलों के माध्यम से बताई जानी चाहिए, जिससे स्टूडेंट्स को चक्कर न काटना पड़ें।

टॉयलेट्स की भी है दिक्कत

एमकेपी पीजी कॉलेज की स्टूडेंट्स के अनुसार कॉलेज में हर बार चुनाव के दौरान टॉयलेट पहना मुद्दा रहा है। बीते कई सालों से इस मुददे को लेकर कई मंचों पर विरोध भी जताया गया। शौचालय की कमी के कारण स्टूडेंट्स को कॉलेज से बाहर जाना पड़ता था। इसके साथ ही टीचर्स की शॉर्टेज भी चुनाव का मुद्दा रहती है। टीचर्स न होने के कारण पूरे-पूरे सेमेस्टर तक क्लासेस शुरू नहीं हो पाती हैं, जिसके कारण स्टूडेंट्स को दिक्कत झेलनी पड़ती है।

एकेपी कॉलेज में ये दिक्कतें

- शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं है।

- कॉलेज के फनीचर्स पुराने हो चुके हैं।

- कैंपस में प्रॉपर स्पेस नहीं है।

- कॉलेज में टीचर्स की शॉर्टेंज।

- कॉलेज में फील्ड की सुविधा न होना।

- पार्किंग की सुविधा न होना।

- खेल कोच की व्यवस्था नहीं है।

एसजीआरआर कॉलेज की समस्या

- कॉलेज कैंपस में टीचर्स की शॉर्टेज

- सफाई कर्मचारी न होने के कारण गंदगी पसरी रहती है।

- कॉलेज में कोर्सेज बढ़ाने की जरूरत है।

- एडमिशन प्रॉसेस आसान की जानी चाहिए।

बढ़ाए जाएं कोर्स, टीचर्स की हो नियुक्ति

हर बार छात्र संघ चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा कैंपस में सुविधाओं को बढ़ाने का रहता है। यहां खेल के लिए ग्राउंड भी नहीं है। ऐसे में कई बार गेम्स की प्रैक्टिस के लिए स्टूडेंट्स को दिक्कत होती है। टीचर्स की लम्बे समय से शॉर्टेज है।

बिपाशा बिष्ट, स्टूडेंट एमकेपी

कॉलेज में शौचालय न होने के कारण गल्र्स को पास में बने दून हॉस्पिटल के शौचालय का इस्तेमाल करना पड़ता है। कई बार गल्र्स स्टूडेंट्स को दिक्कत भी होती है। ऐसे में कॉलेज प्रबंधन को यहां पर व्यवस्था बनाने की जरूरत है।

काजल सहगल, स्टूडेंट एमकेपी

कॉलेज में साफ सफाई के लिए स्टाफ की सुविधा न होना बड़ी समस्या है। कॉलेज प्रबंधन को चाहिए कि यहां सफाई का स्टाफ बढ़ाए। जिससे कॉलेज कैपंस में गंदगी न पसरी मिले। इसके साथ ही जो भी कोर्स चल रहे हैं, उन्हें जल्द शुरू किया जाए।

हरजोत सिंह, स्टूडेंट एसजीआरआर

कॉलेज को आज 25 साल से ज्यादा का समय हो गया है। लेकिन, कुछ चुनिंदा कोर्स होने के कारण स्टूडेंट्स यहां एडमिशन नहीं ले पाते हैं। ऐसे में प्रबंधन को चाहिए कि यहां पर कोर्सेज बढ़ाएं, जिससे कॉलेज में एडमिशन का स्टूडेंट्स को मौका मिल सके।

करन राय, स्टूडेंट एसजीआरआर

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