-चौक-चौराहों पर ड्रोन के अलावा आरएलवीडी, एसवीडी जैसे कैमरों की नजर से नहीं बच रहा कोई
-ट्रैफिक वॉयलेशन करने वालों पर इस तकनीक की पैनी नजर से घर पर पहुंच रहे चालान
देहरादून, 11 मई (ब्यूरो)। पहले से ट्रैफिक की मार झेल रहे दून शहर में अब पहले जैसे चौक-चौराहों न पर पुलिस बूथ दिख रहे हैं और न ज्यादा संख्या में ट्रैफिक पुलिस। वजह भी साफ है कि दूसरे मेट्रो शहरों के जैसे दून सिटी तकनीक से लैस हो रही है। चौराहों पर आरएलवीडी कैमरों से (रेड लाइट वॉयलेशन डिटेक्शन), एसवीडी कैमरों से (स्पीड वॉयलेशन डिटेक्शन) जैसे कैमरों की मदद से यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को दबोचा जा रहा है। शुरुआत में ट्रैफिक पुलिस इसको ट्रायल के तौर पर ले रही थी, लेकिन अब इस पर पुलिस ने तेजी दिखाई शुरू कर दी है। आंकड़े इस बात की गवाही देने के लिए काफी है कि अकेले ड्रोन के जरिए इस वर्ष अप्रैल तक यानि चार महीने में 795 चालान किए। ऐसे ही कैमरों की मदद से 811, आरएलवीडी से 14164 व एसवीडी से 13145 चालान किए गए।
::ड्रोन से हुए चालान:::
-वर्ष 2022
-अक्टूबर में हुए 80 चालान
-नवंबर में हुए 102 चालान
-दिसंबर में हुए 104 चालान
-वर्ष 2023
-जनवरी में हुए 285 चालान
-फरवरी में हुए 104 चालान
-मार्च में हुए 172 चालान
-अप्रैल में हुए 234 चालान
2022 में 4 माह में हुए चालान
-आरएलवीडी से चालान--7787
-एसवीडीएस से चालान--4680
2023 में 4 माह में हुए चालान
-कैमरों से हुए चालान--711
-आरएलवीडी से चालान--14164
-एसवीडीएस से चालान--13145
2022 में महीनेवार चालान
जनवरी---2897
फरवरी---2706
मार्च--3458
अप्रैल--3406
2023 में महीनेवार चालान
जनवरी---6584
फरवरी---5858
मार्च--6088
अप्रैल--9500
::वर्जन::
पुलिस की ओर से तकनीक का यूज किया जा रहा है। अच्छा प्रयास है। इससे ट्रैफिक उल्लंघन करने वालों पर की गई कार्रवाई में ट्रांसपेरेंसी नजर आएगी। कोई भी मुकर नहीं सकता है।
-कंचन सिंह।
ये प्रयास काफी पहले ही हो जाने चाहिए थे। बड़े शहरों में इस टेक्नोलॉजी का प्रयोग काफी पहले से हो रहा है। लेकिन, कोई नहीं। अपना शहर दून भी स्मार्ट व टेक्नोलॉजी से लैस हो रहा है।
-नैंसी रजौरी।
अब आम लोगों को पहले से सचेत रहने की जरूरत है। चौराहों व सड़कों पर ट्रैफिक वॉयलेशन में जहां पुलिस की नजर नहीं पहुंच पाती थी। वहां ड्रोन व कैमरे काम कर रहे हैं। अच्छा प्रयास कहा जा सकता है।
-अमित पुंडीर।
तकनीक का यूज होने पर जो कार्रवाई होती है। वह पुख्ता सबूत भी हो जाता है। कैमरों से ट्रैफिक उल्लंघन की तस्वीर भी कैप्चर होती है। सभी शहरवासियों को सचेत रहने के साथ पुलिस का सहयोग करना चाहिए। ट्रैफिक में सुधार आएगा।
-अमित त्यागी।