देहरादून, (ब्यूरो): पहले की अपेक्षा अब दून में फुटपाथों का निर्माण हुआ है, लेकिन कब्जों के चलते पब्लिक को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। फुटपाथ पर व्यापारियों के साथ ही फल-सब्जी ठेली, जूस कॉर्नर, फास्ट फूड्स वालों का कब्जा है। कई जगहों पर फुटपाथ पर स्थाई निर्माण भी शुरू हो गया है। सड़क-फुटपाथ पर व्यापारियों का सबसे ज्यादा कब्जा है। इन्हें पुलिस-प्रशासन का कोई खौफ नहीं है। एक सर्वे में शहर के 83 परसेंट लोगों ने कहा है कि फुटपाथ खाली करने के लिए सख्त से सख्त कानून लागू किया जाना चाहिए।

मौके पर की पड़ताल
दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की ओर से ये फुटपाथ किस काम के नाम से कैंपेन चलाया जा रहा है। इसी के तहत आई नेक्स्ट की टीम शहर के तमाम इलाकों में रियलिटी चेक किया। टीम ने देखा कि कई इलाकों में फुटपाथों पर दुकानें पोल-ट्रांसफार्मर, वाहन, कूड़े के ढेर, कूड़े के कंटेनर रास्ता रोके हुए हैं। सबसे ज्यादा सड़क-फुटपाथों पर व्यापारियों और फल-सब्जी व फड़ व्यापारियों का कब्जा सामने आया है। इसको लेकर पब्लिक में खासा आक्रोश भी देखने को मिला।

दूनाइट्स ने दी राय
टीम की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किए गए सर्वे में भाग लेते हुए 78 परसेंट दूनाइट्स का कहना था कि फुटपाथ पर बार-बार कब्जा न हो, इसके लिए सख्त कानून बनाकर लागू हो। 67 परसेंट ने अनियोजित निर्माण को धन की बर्बादी बताया। फुटपाथों की दुर्दशों के लिए 40 परसेंट लोगों ने प्रशासन व नगर निगम को जिम्मेदार ठहराया है।

अंधी बनकर न चले पुलिस
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स रप दिए गए कमेंट में अधिकांश लोगों का कहना है कि फुटपाथों पर फुटपाथों को दुकानदार अपनी बपौती समझते है। पूरी दुकान फुटपाथ पर सजा दी जाती है और पुलिस अंधी होकर गुजरती है। पुलिस को आंख खोलने की जरूरत है। इससे न केवल पब्लिक को चलने की परेशान हो रही है, बल्कि ट्रैफिक पर भी असर पर पड़ रहा है। लोगों जाम से भी जूझना पड़ रहा है।

ये हैं समस्याएं
-कई जगहों पर फुटपाथ पर खुले पड़े मेन होल
-फुटपाथ के बीच खड़े मिले ट्रांसफार्मर व तो कहीं पोल
-कई जगहों पर दीवार लगाकर फुटपाथ किए गए बंद
- आधा बाजार चल रहा फुटपाथ और रोड पर

पब्लिक बोली, कानून का हो सख्ती से पालन
दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की ओर से सोशल मीडिया पर किए गए पोल में दूनाइट्स से पूछे गए सवालों को लेकर बेवाकी से राय रखी।
1. राजधानी दून में फुटपाथों के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद हालत खस्ताहाल है। इसके लिए आप किसे जिम्मेदार मानते हैं।
1. पुलिस 10
2. जिला प्रशासन 40
3. पीडब्ल्यूडी 10
4. नगर निगम 40

2. फुटपाथ चलने के लिए होते हैं, लेकिन कई जगहों पर चलने के लिए फुटपाथों पर जगह ही नहीं बची है। क्या यह सही है।
1. हां 11
2. नहीं 78
3. ठीक है 11
4. थोड़ा बहुत 0

3. फुटपाथों के ऊपर टाइल्स बिछाई गई है। नाला चोक होने पर बार-बार टाइल्स उखाड़ी जाती हैं। क्या यह धन की बर्बादी है।
1. हां 67
2. नहीं 0
3. अनप्लान्ड वर्क 33
4. औचित्यहीन 0

4. फुटपाथ पर जगह-जगह पर दुकानों से लेकर रेहड़ी-ठेली वालों के कब्जे हैं। इसके लिए क्या होना चाहिए।
1. सख्त कानून बने 83
2. केवल जुर्माना काफी नहीं 13
3. जेल का भी प्रावधान हो 25
4. जैसा है वैसा ही चलने दें 0
(नोट: जवाब परसेंटेज में)

सीन-01
बल्लीवाला फ्लाईओवर की सर्विस लेन पर ऐनमेरी स्कूल के बाहर फुटपाथ पर मंदिर की दीवार का निर्माण किया जा रहा है। जबकि यहां पर पहले सही रोड संकरी है, जिससे यहां पर लगातार एक्सीडेंट का खतरा बना हुआ है। इस तरह शहर के अन्य इलाकों में भी फुटपाथ पर अतिक्रमण हो रहा है।

सीन- 2
जीएमएस रोड पर खादी ग्रामोद्योग आयोग के पास फुटपाथ पर कूड़ा घर बना दिया गया है। कूड़ाघर बनने से यहां पर फुटपाथ बंद हो गया है। खाली पड़े प्लॉट पर गेट लगाया गया है। यह गेट भी आमतौर पर खुला ही रहता है, जिससे फुटपाथ का यूज नहीं हो रहा है।

सीन- 03
रिंग रोड पर फुटपाथ के साथ ही सड़क घेर दी गई। हाईकोर्ट के आदेश के बाद 2018 में चले अतिक्रमण के दौरान इस रोड पर अतिक्रमण हटाया गया, लेकिन यह कब्जा जस का तस बना है। यह कोई रसूखदार है, जिसे विभाग हटा नहीं पा रहा है। जिससे यहां पर लोगों के कदम रुक रहे हैं।


ऐसे आए कमेंट्स
फुटपाथ चलने के लिए इस पर किसी भी तरह के कब्जे बर्दाश्त नहीं किए जाने चाहिए।
अरविंद कुमार

दून में पहले ही रोड संकरी है। ऐसे में फुटपाथों पर कब्जे और समस्या बढ़ा रहे हैं।
देवेंद्र प्रह्लाद

सड़क-फुटपाथ पर कब्जा करने वालों को जेल की सलाखों के पीछे डालना चाहिए, तभी सुधार होगा।
प्रमोद जगूड़ी

पहले की अपेक्षा देहरादून में काफी फुटपाथ बन गए हैं, लेकिन कब्जे के चलते दिखाई नहीं देते।
उमेश सिंह रावत

पुलिस-प्रशासन को सख्त से सख्त एक्शन लेना चाहिए। जिससे फुटपाथ पर कोई कब्जा करने की हिमाकत न कर सके।
जयशंकर प्रसाद

व्यापारी हो या कोई रेहड़ी-ठेली वाला, सब पर एक्शन लिया जाए। दोबारा कब्जा करने वालों को जेल में डाला जाए।
नसीम अहमद

dehradun@inext.co.in