- बारिश के चलते दून समेत राज्य में 500 से अधिक सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त
- दून में ही करीब 1000 किमी सड़कें क्षतिग्रस्त, दुरुस्त करने के लिए चाहिए 30 करोड़

देहरादून (ब्यूरो): कई जगह सड़कों पर लगातार भूस्खलन हो रहा है। भूधंसाव के चलते कई जगहों पर सड़कें 100 से लेकर 200 मीटर तक धंस गई है। दून में करीब 1000 किमी। छोटी-बड़ी सड़कों पर गड्ढे एक-एक फुट तक गहरे हो गए हैं। इस बार बारिश ने सड़कों को भारी नुकसान पहुंचाया है। अब तक दून समेत पूरे प्रदेश में सड़कों को 350 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है। हाईवे हों या स्टेट, जिला या फिर रूरल रोड, सभी बारिश और भूस्खलन से प्रभावित है। अकेले देहरादून में सड़कों की मरम्मत के लिए करीब 30 करोड़ की जरूरत बताई जा रही है। इन सड़कों पर रोजाना 4 से 5 लाख लोग आवाजाही करते हैं।

दून को चाहिए 30 करोड़
राजधानी दून की गली से लेकर हाईवे तक गड्ढो से भरे पड़े हैं। सड़कों की सतह उधडऩे से रोड पर गड्ढे ही गड्ढे दिखाई दे रहे हैं। शहर की वीआईपी राजपुर रोड से लेकर ईसी रोड, सहस्रधारा रोड, रायपुर रोड, हरिद्वार रोड, सुभाष रोड, सहारनपुर रोड, चकराता रोड, रिंग रोड में हालत बेहद खराब है। राजपुर रोड का घंटाघर से लेकर एस्लेहॉल चौक के बीच वाला हिस्सा और यूकेलिप्टिस चौक एरिया पर रोड की स्थिति और भी चिंताजनक है। दून में करीब 500 किमी। सड़क के गड्ढे भरने के लिए पीडब्ल्यूडी को 30 करोड़ रुपए का बजट चाहिए।

गढ़वाल में ज्यादा नुकसान
उत्तराखंड में मौसम जाते-जाते रौद्र रूप धारण कर रहा है। बारिश, भूस्खलन, अतिवृष्टि और बाढ़ से सबसे अधिक नुकसान हुआ है। गढ़वाल क्षेत्र की ज्यादा सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। दो हजार में से 1329 सड़कें गढ़वाल की है।

रूरल रोड के हालात भी चिंताजनक
सबसे खराब हाल राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों का है। इस मानसून में अभी तक पीडब्ल्यूडी 542 हाईवे स्टेट, जिला रूरल सड़कें जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हैं। इन सड़कों को अस्थाई तौर परमरम्मत के लिए लाख रुपये से अधिक की धनराशि की जरूरत होगी। पीडब्ल्यूडी इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है। ये धनराशि अभी अनुमानित बताई जा रही, जो एस्टीमेट में घट-बढ़ सकती है।

284 जेसीबी मशीनें कर रहीं काम
बारिश से क्षतिग्रस्त सड़कों को खोलने के लिए 284 जेसीबी मशीनें ग्राउंड पर काम कर रही हैं। जबकि इसको मिलाकर पूरे राज्य में 467 मशीनों को डेंजर जोनों पर तैनात किया गया है। मंगलवार को 96 सड़कें खोली गई। कल तक 218 सड़कें बंद थी। तेजी से सड़कों को खोलने का काम चल रहा है। अभी तक 374 सड़कों को अस्थाई तौर पर यातायात के लिए खोल दिया गया।

इतने बजट की जरूरत
340 करोड़ पीडब्ल्यूडी
5.40 करोड़ नेशनल हाईवे
19.13 करोड़ पीएमजीएसवाई
500 से अधिक सड़कें प्रभावित
200 मीटर तक धंसी है कई जगहों पर सड़कें
467 जेसीबी और पोकलेन मशीनें कर रही है रोड पर काम
1000 करोड़ से ज्यादा नुकसान हो चुका है बारिश से अभी तक राज्य को
100 करोड़ रुपये का बजट सभी सड़कों को खोलने के लिए चाहिए तत्काल
542 सड़कें हैं सर्वाधिक प्रभावित

गढ़वाल में 257 संपर्क मार्ग बंद
मंडे की रात्रि को उत्तरकाशी में भारी वर्षा हुई। वर्षा के कारण मंगलवार की सुबह गंगोत्री राजमार्ग लालढांग, हेलंग गाड़ के पास अवरुद्ध हुआ। गंगोत्री राजमार्ग करीब 5 घंटे अवरुद्ध रहा। स्याना चट्टी के पास फंसे तीर्थयात्रियों के वाहनों को निकाला गया। हालांकि करीब एक घंटे तक ही राजमार्ग सुचारू रहा। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने कहा कि डाबरकोट के पास दोनों ओर से एनएच की टीम तैनात है। जैसे ही पहाड़ी से भूस्खलन रुक रहा है वैसे ही राजमार्ग को सुचारु करने का प्रयास किया जा रहा है।

पीएमजीएसवाई की 140 सड़कें क्षतिग्रस्त
अतिवृष्टि के कारण राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के अंतर्गत आने वाली 140 सड़कें बंद हैं। ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी की अध्यक्षता में हुई विभागीय समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई। इन सड़कों में 109 गढ़वाल मंडल और शेष कुमाऊं मंडल की हैं।

बारिश और भूस्खलन से प्रदेश की सड़कों को भारी नुकसान पहुंचा है। 467 मशीनों को रोड पर उतारा गया है। सड़कों को तत्काल खोलने और गड्ढो की मरम्मत को शासन से तात्कालिक बजट की मांग की गई है। जल्द ही सड़कों को दुरूस्त करने का काम शुरू किया जाएगा।
दीपक कुमार यादव, प्रमुख अभियंता एवं एचओडी, पीडब्ल्यूडी
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