देहरादून, (ब्यूरो): राजधानी में स्ट्रीट लाइटें मानो जी का जंजाल बन गई हैैं। बाकायदा, खुद डीएम इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार को डीएम व प्रशासक सविन बंसल ने नगर निगम स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत को लेकर समीक्षा बैठक ली। लगातार सामने आ रही स्ट्रीट लाइटों की शिकायतों पर डीएम ने संबंधित अधिकारियों को दो टूक कहा कि अफसर अपनी जिम्मेदारी समझें और कार्यों को पूर्ण करें। उन्होंने निर्देश दिए कि संबंधित अधिकारी हर दिन अपनी टीम को कॉल कर डिमांड प्राप्त करते हुए सामग्री का वितरण करते हुए रजिस्टर बनाएं। इसके साथ ही डेली कार्यों की नियमित मॉनिटिरिंग भी करें।

अपनी कमियां खुद हैंडल करें

डीएम ने निर्धारित वर्कर उपलब्ध न कराने व रिपेयर होने गई लाइटों की वापसी की धीमी प्रगति पर ईईएसल के अधिकारियों की क्लास ली। कहा, अपने मैनेजमेंट की कमियां आप स्वयं हैंडल करें। कहा है कि नगर निगम को शर्तों के अनुसार सेवा उपलब्ध करानी होगी। ऐसा न होने पर निर्धारित मानकों के अनुसार अर्थदंड की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, डीएम ने नगर निगम के अधिकारियों को कहा है कि आप नगर निगम दून में कार्य कर रहे हैं, न कि पहाड़ों में। जबकि, यहां सभी सुविधाएं मौजूद हैं। ऐसे में कार्य करने में आखिर दिक्कत क्या आ रही है। कोई परेशानी है तो उसका समाधान ढूंढ़ा जाएगा। लेकिन, डीएम ने भी साफ किया कि लापरवाही बरतने वाले कार्मिकों पर कार्रवाई तय होगी। डीएम ने निर्देश दिए कि सैक्टर अधिकारियों को अपनी-अपनी टीम वार्डवाइज जानकारी रहे। बार-2 टीमों का बदला जाना ठीक नही है। इस दौरान अपर नगर आयुक्त बीर सिंह बुदियाल, उप नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल, यूएन गौरव भसीन आदि अधिकारी मौजूद रहे।

किसके हैं ये बड़े-बड़े पोल

प्रिंस चौक से लेकर दर्शनलाल चौक तक नजर दौड़ाएं तो आपको कुछ ऐसे बड़े पोल नजर आए जाएंगे, जो लंबे समय से खड़े हैं। लेकिन, ऐसा लगता है ये किसी काम के नहीं है। मसलन, इन पर न स्ट्रीट लाइट है और न दूसरी सुविधाएं। खास बात ये है कि इन पोलों की जिम्मेदारी उठाने वाला भी कोई सरकार विभाग नहीं है। जबकि, इनका आसानी से उपयोग किया जा सकता है। हां, ये सच है कि इन करीब एक दर्जन से अधिक पोल को पॉलिटिकल पार्टियों, सामाजिक संगठनों और अन्य संस्थाओं ने इनका पूरा यूज किया है। जिसके जरिए वे अपने विज्ञापन का खूब प्रचार प्रसार कर रहे हैं।

कहीं रात में अंधेरा, कहीं दिन में लाइट ऑन

शहर में स्ट्रीट लाइट को लेकर नगर निगम प्रशासन रोज प्रयासरत है। लेकिन, कई ऐसे इलाके हैं, जहां पर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। सोमवार को ऐसा ही नजारा कैनाल रोड पर देखने को मिला। यहां पर मौजूद बिजली के पोल पर शाम चार बजे से स्ट्रीट लाइट जलती हुई देखी गई। जबकि, इसी इलाके में ऐसे बिजली के पोल नजर आए, जो झुके हुए हैं। जिनसे खतरा भी बना हुआ है।

एक नजर

-दून में स्ट्रीट लाइट की संख्या 1.2 लाख।

-5 माध्यम से आ रही है राजधानी में शिकायतें।

-रोजाना आ रही है 350 से ज्यादा कंप्लेन।

-इनमें से अधिकतर शिकायतों का रोज निस्तारण।

-समस्याओं के समाधान को 6 टीमें मुस्तैद।

इन माध्यम से आ रही हैं कंप्लेन

-टोल फ्री नंबर

-सीएम हेल्पलाइन

-आप कंट्रोल रूम

-ऑफिस में पहुंचकर

-जनप्रतिनिधियों के जरिए

दिन में नहीं चल पाता है पता

बताया जा रहा है कि शिकायतकर्ता फोन के जरिए अपनी शिकायत तो दर्ज कर देते हैं। लेकिन, लोकेशन न होने के कारण नगर निगम को उसको ट्रैक करने में दिक्कत आती है। ऐसे में नगर निगम ने लोकेशन भेजने के लिए भी कहा है। निगम ने अपना तर्क भी दिया है। कहा है कि अक्सर दिन मेें स्ट्रीट लाइट का पता नहीं चल पाता है।

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