देहरादून ब्यूरो। ट्रांसपोर्ट नगर के व्यवसायियों की माने तो ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना के समय यहां स्ट्रीट लाइट और लगभग सभी चौक-चौराहों पर हाई मास्ट लाइट लगाई गई थी। कुछ समय बाद लाइट बंद होती चली गई, लेकिन उन्हें दुरुस्त नहीं किया गया। 2017 में ट्रांसपोर्ट नगर में डेवलमेंट का एक झटका लगा था। दरअसल लगातार शिकायतें मिलने के बाद तत्कालीन अरबन डेवलपमेंट मिनिस्टर मदन कौशिक खुद ट्रंासपोर्ट नगर पहुंचे थे और यहां तमाम विकास कार्यों की घोषणा की थी। इनमें पूरे ट्रांसपोर्ट नगर की स्ट्रीट लाइट हाई मास्ट लाइट ठीक करना भी शामिल था। मिनिस्टर की जिन कुछ घोषणाओं पर अमल हुआ, उनमें स्ट्रीट लाइट भी शामिल थी। स्ट्रीट लाइट ठीक होने से ट्रांसपोर्ट नगर जगमगाने लगा, लेकिन दो महीने बीतते फिर से स्ट्रीट लाइट और हाई मास्ट लाइट बंद हो गई।
अक्सर चोरी और झटपटमारी
व्यवसायियों का कहना है कि स्ट्रीट लाइट न होने के कारण अंधेरा होते ही ट्रांसपोर्ट नगर में चोर-उचक्के सक्रिय हो जाते हैं। गाडिय़ों में रखा सामान चोरी होने के अलावा कई बार झपटमारी की घटनाएं भी हो चुकी हैं। कुछ समय पहले एक व्यक्ति का मोबाइल झपट लिया गया। घटना सीसीटीवी में भी कैद हुई। पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने झपटमार को पकडऩा तो दूर एफआईआर लिखने से भी यह कहकर इंकार कर दिया कि मोबाइल गुम होने की घटना दर्ज करवाओ।
एक्सीडेंट का भी खतरा
सड़कें खराब होने और रात को सड़कों पर अंधेरा होने के कारण ट्रांसपोर्ट नगर में एक्सीडेंट का खतरा भी बना रहता है। यहां भारी-भरकम ट्रकों का आना-जाना दिनभर लगा रहता है। सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं। बारिश के दौरान गड्ढों में पानी भरा रहता है। ऐसे में एक्सीडेंट का खतरा हर समय बना रहता है। व्यवसायियों को कहना है कि वे कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
क्या कहते हैं व्यवसायी
हमने तो 2017 में ही यहां सभी स्ट्रीट लाइट जलती देखी थी। वह भी सिर्फ डेढ़ या दो महीने जली। उसके बाद एक-एक कर खराब होती चली गई। अब सब अंधेरा है।
- दीपक अग्रवाल
ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से ट्रांसपोर्ट नगर की समस्याओं को लेकर कई जगह कई बार शिकायत की जा चुकी है। आज तक किसी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की गई।
शमी भाटिया
हर तरफ समस्याएं हैं ट्रांसपोर्ट नगर में। कहीं अतिक्रमण है तो कहीं सड़कें बुरी हालत में है। न स्ट्रीट लाइट है, न सीवरेज की व्यवस्था। बरसात में बेसमेंट में पानी भरा रहता है।
- शिव कुमार गुप्ता
यहां रात-दिन ट्रकों का आना-जाना लगा रहता है। थके-हारे ट्रक वालों के लिए थोड़ा सा आराम करने तक की जगह नहीं है। एक रैन बसेरा है लेकिन वहां भी व्यवस्थाएं लगातार खराब रहती हैं।
- प्रवीण गुप्ता