देहरादून (ब्यूरो)। देहरादून में खोये गये मोबाइल फोन की बरामदगी के लिए पुलिस की साइबर क्राइम सेल और एसओजी ग्रामीण की टीमों द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। हाल के महीनों मे सर्विलांस के माध्यम से 252 स्मार्ट फोन बरामद किये गये। इनमें से कुछ फोन मंडे को उनके मालिकों को सौंपे गये। पुलिस के अनुसार ये स्मार्ट फोन उत्तराखंड के अलावा हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, बिजनौर, दिल्ली, मेरठ आदि जगहों से बरामद किये गये।
इन्हें वापस मिले फोन
मंडे को जिन लोगों को उनके खोये हुए फोन वापस दिलाये गये उनमें गौरव ठाकुर, शिव प्रसाद नौटियाल, अंजु देवी, आरती आदि शामिल थे। अपने खोये हुए मोबाइल फोन वापस पाने पर सभी ने प्रसन्नता जताई और पुलिस का आभार व्यक्त किया।
पहले भी लौटाये गये फोन
यह पहला मौका नहीं है, जबकि पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने खोये हुए या चोरी किये गये मोबाइल फोन बरामद कर लौटाये हैं, बल्कि इससे पहले भी कई लोगों के फोन बरामद कर लौटाये जा चुके हैं। मोबाइल फोन की रिकवरी के लिए जिला पुलिस द्वारा साइबर क्राइम सेल और एसओजी बनाई गई है। पुलिस के पास मोबाइल फोन खोने की जो भी सूचनाएं आती हैंं, उन पर तत्परता से कार्रवाई करते हुए मोबाइल की जल्द से जल्द बरामदगी के प्रयास किये जाते हैं।
लालच देकर बेचते हैं चोरी के फोन
दून सहित सभी शहरों में मोबाइल चोर गिरोह सक्रिय रहते हैं। ये लोग फोन चोरी करके, टप्पेबाजी करके या छीनकर लोगों से ले लेते हैं। इसके बाद फोन की सिम निकालकर फेंक देते हैं और कम कीमत का लालच देकर ये फोन आम लोगों को बेच दिये जाते हैं। पुलिस जब सर्विलांस के जरिये उस फोन तक पहुंचती है, ज्यादातर ऐसे लोग हाथ आते हैं, जिन्होंने कम कीमत के लालच में ये फोन खरीदे होते हैं। एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने आम लोगों से अपील की है कि कम कीमत के लालच में किसी भी अनजान व्यक्ति से बिना वैध बिल व उसकी वैधानिक पहचान पत्र के कोई मोबाइल फोन न खरीदें। पुराने फोन की खरीद-फरोख्त के बारे में मोबाइल बेचने वालों को भी पुलिस की ओर से इस तरह के निर्देश दिये जाते हैं। आमतौर पर दुकानों पर अब सेकेंड हैंड मोबाइल फोनों की खरीद-फरोख्त बिल और पहचान पत्र के बिना नहीं होती। लेकिन गैर कानूनी तरीके से मोबाइल फोन हासिल करने वाले कम कीमत का लालच देकर फोन बेच देते हैं और पुलिस की पकड़ में फोन खरीदने वाले आते हैं।