देहरादून, (ब्यूरो): उत्तराखंड में जल्द ही नेशनल कमिशन फॉर एलाइड एंड हेल्थकेयर प्रोफेशन एक्ट के तहत स्टेट एलाइड एंड हेल्थकेयर काउंसिल का गठन होगा। इसके लिए अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार कर राज्य कैबिनेट में प्रस्तुत करने के निर्देश दे दिए गए हैं। गठन के उपरांत राज्य में हेल्थ सर्विसेस की गुणवत्ता में सुधार के साथ ही मेडिकल क्षेत्र में खास बदलाव नजर आएगा।
काउंसिल की अनुमति जरूरी
स्वास्थ्य मंत्री डॉ। धन सिंह रावत ने सचिवालय में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने नेशनल कमिशन फॉर एलाइड एंड हेल्थकेयर प्रोफेशन एक्ट तहत राज्य में स्टेट एलाइड एंड हेल्थकेयर काउंसिल के शीघ्र गठन के लिए कहा। जिसमें अध्यक्ष सहित कुल 30 मेंबर्स होंगे। जिनमें 7 पूर्णकालिक व 22 अंशकालिक होंगे। डॉ। रावत ने कहा कि राज्य में उक्त काउंसिल के गठन से जहां एक ओर स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार आएगा। वहीं, समयबद्ध स्वास्थ्य व्यवसायियों के लिये नए अवसर पैदा होंगे। जबकि, पैरामेडिकल क्षेत्रों में भी हाई क्वालिटी वाली सर्विसेज सुनिश्चित की जा सकेंगी। इसके अलावा प्रदेश के सभी चिकित्सा व्यवसायियों को परिषद में पंजीकरण कराना होगा। चिकित्सा शिक्षण संस्थानों को स्थापना से पूर्व परिषद की अनुमति लेनी अनिवार्य होगी।
टीबी के लिए घर-घर अभियान
विभागीय मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को टीबी मुक्त बनाने के लिए स्टेट की घनी आबादी वाले 5 जिलों में घर-घर अभियान चला कर टीबी रोग की जांच कराई जाएगी। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को रोडमैप तैयार करने के निर्देश दे दिये गये हैं।
स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश
-मानसून सीजन को देखते हुए संभावित जिलों में जल जनित रोगों के कंट्रोल को चलेगा विशेष अभियान।
-इसके साथ ही लोगों को किया जाएगा अवेयर, सीएमओ व नोडल अफसरों को निर्देश।
-जिला अस्पतालों व सब डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटलों में स्वास्थ्य सुविधाएं सुदृढ़ करने के भी निर्देश।
-हॉस्पिटलों में स्पेशलिस्ट, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, ईसीजी, पैथौलॉजी की व्यवस्था के भी निर्देश।
-सब डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटलों में भी स्वीकृत पदों के सापेक्ष डॉक्टर्स, पैरामेडिकल, अल्ट्रासाउंड व एक्सरे मशीन की उपलब्धता के लिए कहा।
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