- राज्य में 30 इन्क्यूबेशन सेंटर खोले जाएंगे, हर सेंटर के लिए एक करोड़ मिलेंगे
- हर जिले में कम से कम एक सेंटर होगा स्थापित, 200 करोड़ का वेंचर फंड भी मंजूर
देहरादून (ब्यूरो): इससे नए इनोवेशन के क्षेत्र में काम करने वाले युवाओं को पहाड़ों में सुविधाएं मिलेगी। अपने क्षेत्र में रह कर वह इनोवेशन की दुनिया में बड़ा काम कर सकते हैं। अभी तक दून में एक ही सेंटर था, लेकिन अब 4 नए इंक्यूबेशन सेंटर शुरू हो गए हैं। युवाओं में स्टार्टअप को लेकर क्रेज बढ़ता जा रहा है। सुविधाएं न मिलने से पहाड़ों से युवा शहरों में आ रहे थे, लेकिन कई युवा मुफलिसी के चलते शहरों में नहीं आ पा रहे हैं। अब इन इंक्यूबेशन सेंटरों के खुलने से पहाड़ की प्रतिभाओं को नई उड़ान मिलेगी।
1000 स्टार्टअप का टारगेट
उत्तराखंड स्टार्टअप नीति-2023 के तहत राज्य को 1000 स्टार्टअप रन करने का टारगेट है। स्टार्टअप को शुरू करने के लिए केंद्र सरकार 1 लाख से लेकर 1 करोड़ तक प्रति स्टार्टअप वित्तीय प्रोत्साहन दे रही है। इससे इनोवेशन को नई दिशा मिलेगी। 40 से अधिक स्टार्टअप उद्यमों को वित्तीय प्रोत्साहन भी सरकार की ओर से दिया गया है। 152 स्टार्टअप अभी तक रजिस्टर्ड किए जा चुके हैं। इसके साथ ही वेंचर फंड की स्थापना के लिए 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
पेटेंट के लिए 5 लाख
मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स को 10 लाख तक एकमुश्त सीड फंडिंग दी जाएगी जबकि एसटी-एसटी, दिव्यांग और ग्रासरूट इनोवेशन पर आधारित स्टार्टअप्स को 12.50 लाख तक की सहायता कर रही है। इसके अलावा लोकल पेटेंट के लिए 1 लाख और अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट के लिए 5 लाख की सहायता दी जा रही है। हालांकि पिछले पांच साल में इन पांच जिलों बागेश्वर, चंपावत, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी में एक भी स्टार्टअप शुरू नहीं हुआ है। सबसे अधिक दून में 99 स्टार्टअप को मान्यता मिली है। इसके बाद हरिद्वार के 15, नैनीताल और यूएसनगर में 11-11, पौड़ी में 9 और अल्मोड़ा में 4, चमोली 2 और टिहरी के एक स्टार्टअप को मान्यता मिली है।
रोजगार के अवसर होंगे पैदा
उद्योग निदेशालय के उप निदेशक राजेंद्र कुमार ने बताया कि स्टार्टअप जब बिजनेस का रूप लेंगे, तो रोजगार के अवसर पर पैदा होंगे। राज्य में लगातार स्टार्टअप बढ़ता जा रहा है। स्टार्टअप को प्रमोट करने के लिए सरकार एक लाख से लेकर 1 करोड़ तक प्रोत्साहन राशि दे रही है। राज्य में स्टार्टअप कृषि, हेल्थ, सेटेलाइट समेत कई क्षेत्रों में लगातार काम कर रहे हैं। हर साल 10 उत्कृष्ट इनोवेटरों को पुरस्कृत किया जा रहा है।
मासिक भत्ते का भी प्रावधान
नई पॉलिसी में केंद्र सरकार ने मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स और छात्र उद्यमियों के स्टार्टअप्स को 15 हजार प्रतिमाह का एक साल तक मासिक भत्ता देने का प्रावधान किया है। जबकि एससी-एसटी के लिए यह राशि 20 हजार रुपये है। साथ ही 10 लाख तक एकमुश्त फंडिंग की सुविधा दी जा रही है। हर साल 10 श्रेष्ठ इनोवेटिव आइडियाज का चयन किया जाता है।
जिलेवार मान्यता प्राप्त स्टार्टअप
जिले का नाम कुल स्टार्टअप
देहरादून 99
हरिद्वार 15
यूएस नगर 11
नैनीताल 11
पौड़ी 09
अल्मोड़ा 04
चमोली 02
टिहरी 01
टोटल 152
एक नजर में स्टार्टअप
2028 तक 1000 स्टार्टअप का टारगेट
152 स्टार्टअप हुए अब तक रजिस्टर
200 करोड़ वेंचर फंड की स्थापना के लिए मंजूर
30 इंक्यूबेशन सेंटर खोले जाएंगे
40 स्टार्टअप को दिया गया शीड फंड
13 रजिस्टर्ड इन्क्यूबेटर्स
15 हजार हर माह प्रोत्साहन राशि
5 लाख तक पेटेंट के लिए सहायता
1 करोड़ तक वित्तीय प्रोत्साहन मिलेगी एक इंक्यूबेशन सेंटर के लिए
स्टार्टअप के लिए इन्क्यूबेशन सेंटरों की अहम भूमिका होती है। इसलिए सरकार को हर जिले में इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित करने चाहिए, ताकि युवाओं को आसानी से अपने इनोवेशन को आगे बढ़ाने में मदद मिल सके। पहाड़ी क्षेत्रों में इंक्यूबेशन सेंटर खुलने से स्टार्टअप को और गति मिलेगी।
अनिल मार्वा, को-ऑर्डिनेटर, फूड इंडस्ट्रीज एसो।, उत्तराखंड
स्टार्टअप को महौल देने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। 30 इंक्यूबेशन सेंटर खोलने का टारगेट है। इसमें पहाड़ी जिलों में भी इंक्यूबेशन सेंटर खोले जाएंगे। इससे पहाड़ी क्षेत्रों में स्टार्टअप को नई गति मिलेगी। प्रयास है कि ज्यादा से ज्याद इनोवेटिव युवा स्टार्टअप स्कीम का लाभ उठा सके।
रोहित मीणा, डीजी एवं कमिश्नर, इंडस्ट्री