देहरादून (ब्यूरो) ट्यूजडे को एसएसपी दून अजय ङ्क्षसह की देखरेख में चले सत्यापन अभियान में बड़ी संख्या में बाहरी लोगों को हिरासत में लिया गया। इसके पीछे पुलिस का तर्क था कि ये बिना सत्यापन किए बाजारों में फड़ व ठेली लगा रहे थे। ऐसे संदिग्धों को पुलिस कई वाहनों के जरिए नजदीकी थानों और पुलिस लाइन लाइन ले गई। जहां उनसे एक-एक कर न केवल पूछताछ की गई, बल्कि, उनका सत्यापन भी किया गया। सत्यापन के दौरान उनका नाम, पता, मोबाइल नंबर रजिस्टर में नोट करते हुए उनकी फोटो भी ली गई। इसके अलावा उनका क्रिमिनल रिकॉर्ड कैसा है, जांच पड़ताल भी की गई।
वेरिफिकेशन की अपील
बताया जा रहा है कि पुलिस की जांच में कुछ संदिग्धों का क्रिमिनल रिकॉर्ड भी पता चला। ये कई अपराधिक मामलों में जेल से छूटे हैं। इन सभी लोगों को अपने-अपने थानों से सत्यापन करवाकर लाने के निर्देश जारी किए गए हैं। पुलिस ने अभियान के दौरान सभी दुकानदारों से अपील की है कि वे अपने प्रतिष्ठानों में बिना सत्यापन के बाहरी व्यक्तियों को रखने से परहेज करें। इसके बाद भी किसी दुकान में बाहरी व्यक्ति को बिना वेरिफिकेशन के काम पर रखा, उसके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
फस्र्ट टाइम पलटन बाजार में अभियान
शायद, ये पहला मौका था, जब पलटन बाजार में पुलिस की ओर से बड़े पैमाने पर सत्यापन अभियान चलाया गया। दरअसल, बाजार में बाहरी लोगों की ओर से युवतियों के साथ छेड़छाड़ के कई मामले सामने आ चुके हैं। इस वजह से बाहरी लोगों के सत्यापन व उनके खिलाफ कार्रवाई करने की आवाज उठती रही है। इसी को देखते हुए खुद एसएसपी ने मोर्चा संभाला।
पुलिस एक्शन की तारीफ
पुलिस की ओर से चलाए गए सत्यापन अभियान की कई संगठनों के पदाधिकारियों व व्यापारियों ने प्रशंसा की है। दून उद्योग व्यापार मंडल के महामंत्री पंकज मैसोन ने कहा कि पुलिस ने अच्छी कार्रवाई की है। जो लोग खुद किराए पर रहकर दुकानें चला रहे हैं, उन्होंने ही किराए पर फड़ व रेहड़ी लगवाई हुई हैं। पुलिस के सत्यापन कार्रवाई से साफ हो गया है कि बाजार में कौन लोग बाहर व कौन स्थानीय हैं।
दून की धड़कन है पलटन मार्केट
पलटन बाजार को दून की धड़कन कहा जाता है। जहां रोजाना करीब 15 से 20 हजार लोगों की आवाजाही लगी रहती है। लेकिन, सड़कों पर अतिक्रमण के कारण कई बार पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। सड़कों पर फंड, ठेली व ङ्क्षरग के कारण बाजार की स्थिति दयनीय नजर आती है।
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