- दो स्पा सेंटर्स से जिस्मफरोशी के मामले में 16 लोगों की गिरफ्तारी पर उठे सवाल
- भारतीय चिकित्सा परिषद ने बनाये थे रूल्स, सेंटर्स ने नहीं किए फॉलो
देहरादून
दून के दो स्पा सेंटर्स में जिस्मफरोशी का धंधा किये जाने का मामला सामने आने के बाद दून सहित राज्यभर में चल रहे इन सेंटर्स को लेकर कई तरह के सवाल फिर से उठने लगे हैं। उत्तराखंड में बड़ी संख्या में टूरिस्ट के आने के कारण स्पा सेंटर्स का चलन शुरू हुआ था। लेकिन, इनके लिए क्या रूल रेगुलेशन हैं, कहां इनके लिए रजिस्ट्रेशन किया जाएगा, इस तरफ आज तक किसी ने ध्यान नहीं दिया।
बीएसीपी ने तय किये है नियम
स्पा और मसाज सेंटर्स हेल्थ से जुड़े होने के कारण राज्य सरकार ने आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी हॉस्पिटल और डिस्पेंसरी के साथ ही स्पा और मसाज सेंटर्स पर रेगुलेट करने के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड का गठन किया था। इस परिषद को स्पा और मसाज सेंटर्स के लिए रूल-रगुलेशन तय करने का भी जिम्मा सौंप था।
2018 बने थे रूल्स
भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड 2018 में स्पा और मसाज सेंटर्स के लिए रूल-रेगुलेशन तय किये थे। इस रूल्स के अनुसार स्पा सेंटर चलाने के लिए परिषद में रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। बिना रजिस्ट्रेशन स्पा या मसाज सेंटर नहीं चलाया जा सके। ऐसे सेंटर्स चलाने के लिए भवन की रिक्वायरमेंट और कर्मचारियों की संख्या, सेंटर में उपलब्ध किये जाने वाले सामान और सुविधाएं की सूची भी तैयार की गई थी।
बीसीपी में रजिस्ट्रेशन जरूरी
तीन साल पहले परिषद ने स्पा सेंटर्स के लिए रूल एंड रेगुलेशन जारी करके बाकायदा विज्ञापन देकर इस तरह के सेंटर चलाने वालों को परिषद में अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन करने को कहा था। एक साल तक जब किसी स्पा सेंटर ने इसमें रुचि नहीं ली तो परिषद ने पुलिस की मदद से ऐसे सेंटर्स के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू की। ऋषिकेश के कुछ सेंटर्स को निरीक्षण किया गया, जो बिना रजिस्ट्रेशन चलाये जा रहे थे। इससे पहले कि दून सहित राज्य के अन्य हिस्सों में अभियान चलाया जाता, कोविड लॉकडाउन शुरू हो गया।
केवल 12 सेंटर रजिस्टर्ड
भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के अनुसार पिछले तीन सालों के दौरान राज्यभर के केवल 12 स्पा सेंटर्स ने ही परिषद में रजिस्ट्रेशन करवाया है। इनमें से 7 सेंटर देहरादून के हैं, बाकी सेंटर ऋषिकेश, रामनगर और कुछ दूसरी जगहों के हैं। परिषद के अधिकारी खुद मानते हैं कि राज्यभर में स्पा और मसाज के नाम पर हजारों सेंटर अवैध रूप से चलाये जा रहे हैं।
क्या हैं नियम
बिल्डिंग पैरामीटर्स
परामर्श रूम 1
वेटिंग रूम 1
पंचकर्म कक्ष मेल 1
पंचकर्म कक्ष फीमेल 1
किचन 1
बाथरूम 1
टॉयलेट 1
स्टाफ पैरामीटर
आयुर्वेदिक डॉक्टर 1
पंचकर्म सहायक मेल 1
पंचकर्म सहायक फीमेल 1
पंचकर्म अटेंडेंट मेल 1
पंचकर्म अटेंडेंट फीमेल 1
रिसेप्सनिस्ट 1
सफाईकर्मी 1
क्रॉस मसाज पूरी तरह बैन
भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड की नियमावली में यह बात स्पष्ट रूप से शामिल की गई है कि किसी भी स्पा सेंटर में क्रॉस मसाज पूरी तक बैन होगी। यानी यदि कोई महिला मसाज करवाने आती है तो उसकी मसाज महिला ही करेगी और पुरुष की मसाज पुरुष ही करेगा। इसके अलावा यह भी स्पष्ट निर्देश हैं कि मसाज से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श ली जाएगी। और शरीर के किस हिस्से में कौन सी मसाज होनी है, यह डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही होगा।
बोर्ड लगाकर अवैध धंधा
फिलहाल ज्यादातर स्पा सेंटर्स में इन रूल्स को फॉलो नहीं किया जा रहा है। बिना नियमों को पूरा किये और बिना बीसीपी के रजिस्ट्रेशन के दून में हजारों की संख्या में स्पा सेंटर्स चल रहे हैं। खास बात यह है कि जब पुलिस किसी सेंटर पर छापा मारती है तो यह देखती है कि सेंटर में लेबर लॉ का पालन हो रहा है या नहीं। बीसीपी का कहना है कि स्पा और मसाज हेल्थ से जुड़े मामले हैं, यहां मजदूर नहीं डिग्री और डिप्लोमाधारी लोग होने चाहिए।
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स्पा सेंटर चलाने के नियम भारतीय चिकित्सा परिषद ने तय किये हुए हैं। बिना परिषद में रजिस्ट्रेशन के स्पा सेंटर नहीं चलाये जा सकते, लेकिन बिना रजिस्ट्रेशन हजारों सेंटर चल रहे हैं। दो साल पहले परिषद ने ऐसे सेंटर्स पर छापेमारी शुरू की थी, लेकिन इन छापों में पुलिस से जरूरी सहयोग नहीं मिल पाता।
डॉ। दर्शन कुमार, अध्यक्ष
भारतीय चिकित्सा परिषद, उत्तराखंड