देहरादून, (ब्यूरो): दून शहर में ब्यूटिफिकेशन के नाम पर हरियाली के लिए तमाम इलाकों में कई विभागों की ओर से पहल की गई। एमडीडीए, पीडब्ल्यूडी, प्रशासन व वन विभाग ने मुख्य मार्गोंं पर बने डिवाइडर के बीच में और सड़कों के किनारे प्लांटेशन किए गए। लेकिन, ऐसा लगता है कि प्लांटेशन के बाद ये डिपार्टमेंट प्लांट्स की देखरेख करना ही भूल गए। यही वजह है कि इनमें से अधिकतर इलाकों में ज्यादातर प्लांट्स या तो सूख चुके हैं या फिर सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं।

बारिश थमी, धूप खिली और मुरझाने लगे पौधे

दो वर्ष पहले सहस्रधारा रोड पर फोर लेन प्रस्तावित किया गया। प्रस्ताव के साथ ही यहां पर पेड़ों के कटान भी हुए। नतीजतन, सड़कों के किनारे मौजूद सैकड़ों पेड़ों के काटे जाने का मुद्दा स्थानीय लोगों व पर्यावरणप्रेमियों ने जमकर उछाला, विरोध किया। सोशल मीडिया पर मुद्दा छाया रहा। इसके बाद यहां डिवाइडर और सड़कों के दोनों ओर और डिवाइडर के बीचोंबीच पहले प्लांटेशन का प्लान बना और उसके तहत सैकड़ों की संख्या में मानसून सीजन के दौरान प्लांटेशन किए गए। लेकिन, इस प्लांटेशनच्की सच्चाई अब ये है कि यकीनन मानसून तक ये पौधे पनपते हुए दिख। अब जब मानसून की विदाई हो गई है। पौधे मानो पानी के लिए तरस गए हों। सिटी के कुछ इलाकों में वर्तमान स्थिति ये है कि शहर के कई इलाकों में प्लांट्स के सूखने की खबरें आ रही हैं। विभागों तक शिकायत भी पहुंचाई जा रही है। लेकिन, संबंधित विभाग को फिर भी इसकी कोई परवाह नहीं।

विभाग के मुताबिक चोरी भी हो रहे पौधे

सहस्रधारा रोड पर प्लांटेशन को लेकर एमडीडीए का तर्क है कि इलाके से कई प्लांट्स की चोरी तक हो गई है। यहां तक कि ये प्लांट्स डिवाइडर तक से गायब मिले। ऐसा ही हाल वर्टिकल गार्डन में लगे प्लांट्स का भी है। जहां प्लांट्स को जाली लगाकर बचाने के प्रयास किए थे, अब इन जाली को भी काटकर प्लांट्स की चोरी की जा रही है।

शिकायत के बाद भी अनसुनी

स्थानीय लोगों के अनुसार मानसून रुकने के कुछ दिनों बाद ही पौधों की हालत देखकर स्थानीय लोगों व कई सोशल एक्टिविस्ट ने विभागीय अधिकारियों को वाट्सएप व अन्य माध्यम से शिकायत दर्ज कराई। लेकिन, इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। इस कारण या तो क्षेत्रों से पेड़ सूख हैं या फिर कुछ सूखने के कगार पर हैं। हालांकि, कुछ सीमित इलाकों में संबंधित विभाग प्लांट्स को सुबह शाम पानी देते हुए नजर आ जाते हैं।

पौधों की निरंतर देखभाल की जा रही है। हाल ही मेें लगाए पौधे जड़ पकड़ रहे है। सूखने जैसी कोई बात नहीं है। यदि कहीं इस तरह की शिकायत है तो उन पौधों को जल्द ही बदला जाएगा। जहां पौधों के पानी की जरूरत महसूस की जा रही है, पानी भी दिया जा रहा है।

-बीएन द्विवेदी, ईई पीडब्ल्यूडी

वन विभाग के साथ मिलकर हमारी ओर से किरसाली चौक से लेकर पैसिफिक गोल्फ तक प्लांट्स लगाए गए थे। जिनकी लगातार देखभाल की जा रही है। लेकिन, पौधों को हरियाली बरकरार रह,े इसके लिए पानी की सुविधा नहीं मिल पा रही है। इसके लिए विभाग को काम करने की जरुरत हैं।

-सुशांत मोहन, पर्यावरणप्रेमी।

हमारी ओर से जल्द ही प्लांटेशन को लेकर कुछ एफआईआर दर्ज की जाएगी। सहस्रधारा रोड पर हमारे पौधे चोरी हो चुके है। यही हाल वर्टिकल गार्डन का भी है। यहां जाले लगे होने के बाद भी गमले और पौधे दोनों चोरी हो रहे हैं।

-भानु प्रिया, उद्यान निरीक्षक, एमडीडीए

विभाग की चेर से प्लांटेशन कर एक अच्छा प्रयास किया गया। लेकिन, इनकी देखभाल की जिम्मेदारी भी विभाग को सबंधित अधिकारी को देनी चाहिए। जिससे जब तक ये पौधे बड़े न हो जाएं, तब तक इनकी देखभाल सही तरीके से होनी चाहिए।

-गीता बिष्ट, स्थानीय निवासी

प्लांटेशन कर केवल खानापूर्ति कर देना ठीक नहीं हैं। जिन प्लांट्स का प्लांटेशन किया गया है। उनकी देखभाल के लिए उचित प्रयास किए जाने की भी जरुरत है। तेज धूप में कई इलाकों में पौधों के सूखने की खबरें हैं।

-मंजू, स्थानीय निवासी।

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