- दून समेत प्रदेशभर में लगाए जाएंगे 16 लाख स्मार्ट मीटर
- 2024 तक पूरी तरह स्मार्ट हो जाएगा पावर सिस्टम
देहरादून, (ब्यूरो): इस पर करीब 2500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पावर सिस्टम अपग्रेड होने के बाद बार-बार बिजली जाने का झंझट खत्म होगा। इंफ्रास्ट्रक्चर और स्मार्ट मीटरिंग का काम आरडीएसएस और एडीबी के तहत होंगे। यूपीसीएल ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है।
इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होंगे 1500 करोड़
स्मार्ट पावर सिस्टम के लिए तैयार किए जा रहे इंफ्रास्ट्रक्चर पर करीब 1500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस बजट से बिजली लाइनों को भूमिगत किया जाएगा और कंडक्टर्स को कवर्ड किया जाएगा। लो वोल्टेज की समस्या वाले इलाकों में ट्रांसफार्मर बदले जाएंगे। सब स्टेशनों की क्षमता बढ़ाने के लिए आरएमयू कार्य भी प्रस्तावित हैं।
लगेंगे कॉम्पेक्ट ट्रांसफार्मर
वर्तमान में सड़कों पर जहां-तहां बेतरतीब ढंग से बिजली ट्रांसफार्मर खड़े हैं, ऐसी जगहों पर काम्पेक्ट ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे। जो कम जगह ही नहीं घेरेंगे, बल्कि दिखने में भी सुंदर होंगे और सेफ भी होंगे।
16 लाख स्मार्ट मीटर लगेंगे
प्रदेश में करीब 24 लाख बिजली उपभोक्ता हैं, लेकिन पहले फेज में दून समेत पूरे प्रदेश भर में करीब 16 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। स्मार्ट मीटर लगने के बाद न मीटर रीडिंग की टेंशन रहेगी और न ही बिल भुगतान को लेकर लाइन में लगने का झंझट। स्मार्ट मीटर में मोबाइल रिचार्जिंग जैसी सुविधा भी होगी। यहां तक कि सार्वजनिक अवकाश के दिन भी पावर कट नहीं होगा, भले ही प्रीपेड मीटर में पैसे न हों। अन्य दिनों में भी रात के समय रिचार्ज खत्म होने पर पावर कट नहीं होगी।
ये होंगे मुख्य काम
- स्मार्ट मीटरिंग
- उपकरणों का अपग्रेडेशन
- अंडरग्राउंड केबलिंग
- ओवर हेड कंडक्टर रिप्लेसिंग
- आईटी-ओटी वर्क
- नए बिजली सब स्टेशनों का निर्माण
- हाईटेक डाटा कंट्रोल रूम का निर्माण
ये होंगे फायदे
- उपभोक्ताओं को मिलेगी चौबीस घंटे बिजली
- बार-बार बिजली की आंख मिचौनी से मिलेगी निजात
- बिजली चोरी पर भी लगेगी लगाम, लाइन लॉस से मिलेगी मुक्ति
- बिजली जमा करने को नहीं काटने पड़ेंगे दफ्तरों के चक्कर
- आंधी-तूफान में बार-बार बिजली गुल होने से मिलेगी राहत
- लो वोल्टेज की समस्या का नहीं करना पड़ेगा सामना
- शिकायतें दर्ज करने को नहीं काटने होंगे कार्मिकों के चक्कर
- बिजली कनेक्शन से लेकर सभी सुविधाएं मिलेगी ऑनलाइन
बिजली सिस्टम को और सुदृढ और मजबूत किया जाएगा। बिजली सुधारीकरण और अपग्रेडेशन पर करीब ढाई हजार करोड़ खर्च होंगे। इंफ्रस्ट्रक्चर और स्मार्ट मीटरिंग को टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद जल्द ही काम शुरू किया जाएगा।
एमएल प्रसाद, डायरेक्टर ऑपरेशन, यूपीसीएल