देहरादून (ब्यूरो)। यह पहला मौका नहीं है जब स्मार्ट सिटी के कामों पर सत्ताधारी पार्टी के नेताओं ने सवाल खड़े किये हों। कुछ समय पहले भाजपा विधायक खजानदास और मेयर सुनील उनियाल गामा ने भी इस पर सवाल उठाये थे। इसके बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने स्मार्ट सिटी के कामों को ब्योरा भी तलब किया था। हालांकि बाद में सीएम की ओर से इस मामले में किसी तरह की कार्रवाई किये जाने की कोई सूचना नहीं मिली।
दूनाइट्स छोड़ चुके उम्मीद
शुरुआती दौर में स्मार्ट सिटी को लेकर दूनाइट्स में बड़ा क्रेज नजर आया था। 1461 करोड़ रुपये के शुरुआती बजट वाले स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को इस तरह से पेश किया गया था कि मानो दून कुछ ही वर्षों में पेरिस बन जाएगा। लेकिन, साल दर साल लोगों की उम्मीदें धूमिल होती चली गई। स्मार्ट सिटी के नाम पर दून की सड़कों को खोदे 5 वर्ष बीत गये हैं, लेकिन बमुश्किल 40 परसेंट काम ही पूरा हो पाया है।
स्मार्ट रोड गायब
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में स्मार्ट रोड को लेकर सबसे हसीन सपने दिखाये गये थे। इसे साथ ही स्मार्ट बस स्टॉपेज का भी दावा किया गया था। प्रोजेक्ट में मिड सिटी की 10 किमी सड़कों को स्मार्ट बनाने की बात कही गई थी। इनमें हरिद्वार रोड का 1.5 किमी हिस्सा, ईसी रोड का 2.9 किमी हिस्सा, राजपुर रोड का 1.8 किमी हिस्सा, चकराता रोड का 1.9 किमी हिस्सा और गांधी रोड का कुछ हिस्सा शामिल किया गया था। इन सड़कों पर पिछले 5 वर्षों में खुदाई तो कई बार हो चुकी है, लेकिन सड़कों स्थिति में कोई सुधार अब तक नजर नहीं आया है।
स्मार्ट रोड पर होने थे ये काम
- सेंसर ट्रैफिक लाइटिंग
- पैडिस्ट्रियन क्रॉस
- स्मार्ट बस स्टॉपेज
- स्मार्ट पार्किंग मैनेजमेंट
- इंडिकेटिव क्रॉस
अब तक सिर्फ मैसेंजर साइन बोर्ड
स्मार्ट रोड के नाम पर पिछले 5 वर्षों में कुछ जगहों पर मैसेंजर साइन बोर्ड लगाने के अलावा कोई दूसरा काम नहीं हुआ है। ये साइन बोर्ड वाहन चालकों को डिस्टर्ब करने के अलावा किसी अन्य काम में नहीं आ रहे हैं। सूचनाओं के नाम पर इन पर ट्रैफिक रूल्स के बारे में बताया जा रहा है, जिसे हर वाहन चालक पहले से जानता है।
5 वर्षों में कितना काम
स्मार्ट रोड 30 परसेंट
पलटन बाजार 40 परसेंट
परेड ग्राउंड 50 परसेंट
सीवर लाइन 25 परसेंट
दून लाइब्रेरी भवन 80 परसेंट
स्मार्ट वाटर मैनेजमेंट 70 परसेंट
दावे ज्यादा काम कम
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर देहरादून में जबसे काम शुरू हुआ है, तब से दावे ज्यादा किये गये और काम कम। प्रोजेक्ट बनाने में डीएससीएल ने कई पुरस्कार भी हासिल किये, लेकिन जमीन में सब अस्त-व्यस्त नजर आ रहा है। यही वजह है कि विपक्षियों के बाद अब सत्तापक्ष के लोग भी स्मार्ट सिटी कामों पर सवाल उठाने लगे हैं।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कई काम कंपलीट हो गये हैं। स्मार्ट टॉयलेट, स्मार्ट सिटी, वाटर एटीएम, ई-बसेज, स्मार्ट स्कूल जैसे काम कंपलीट हो गये हैं। दून लाइब्रेरी भवन तैयार होने वाला है। स्मार्ट रोड का काम जरूर कुछ पीछे है, लेकिन इसे भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
प्रेरणा ध्यानी, पीआरओ
देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड