-सिटी में कई चौक-चौराहों, सडक़ों व हाईवे पर मौजूद हैं 49 मैसेज डिस्प्ले बोर्ड
-कोविडकाल व डेंगू बीमारी के दौरान महत्वपूर्ण सूचनाएं लोगों के तक पहुंचाने में मददगार साबित रही

देहरादून, 15 फरवरी (ब्यूरो)। दून शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इंस्टॉल वैरिएबल मैसेज डिस्प्ले बोर्ड (वीएमडी) का कौन संचालन करेगा। इस पर संशय बना हुआ है। अब इन बोर्ड को लेकर सबकी निगाहें स्मार्ट सिटी बोर्ड बैठक पर निर्भर करेगा। बताया जा रहा है कि जल्द बोर्ड बैठक होने वाली है। जिसके बाद इनके संचालन का फैसला हो सकता है। माना जा रहा है कि इनका संचालन नगर निगम कर सकता है। जिससे इन डिस्प्ले बोर्ड से जारी होने वाले विज्ञापनों से रेवेन्यू अर्जित किया जा सके। लेकिन, इनसे प्राप्त होने वाला राजस्व क्या अकेले निगम अपने खाते में जमा कराएगा या फिर स्मार्ट सिटी को भी शेयर देगा। इस बार भी बोर्ड बैठक में सहमति होनी बाकी है।

कोविडकाल में साबित हुए वरदान
कहने के लिए ये मैसेज डिस्प्ले बोर्ड आम बोर्ड दिखते हों। लेकिन, इनकी अपनी इंपोर्टेंस है। इनका प्रयोग सबसे ज्यादा इमरजेंसी के दौरान किया जाता है। कोविडकाल और डेंगू बीमारी के दौरान इन मैसेज डिस्पले बोर्ड से ही लोगों की सहायता के लिए सूचनाओं का आदान-प्रदान किया गया था। इनके जरिए ही इमरजेंसी के दौरान कई जरूरी फोन नंबर जारी किए गए थे। जिसका लोगों ने सदुपयोग कर कोविड और डेंगू जैसी बीमारी से निजात में मदद ली थी।


49 हैं इन बोड्र्स की संख्या
दून स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत दून सिटी में 49 वैरिएबल मैसेज डिस्प्ले बोर्ड इंस्टॉल किए गए हैं, जो सिटी के तमाम चौक-चौराहों, मुख्य सडक़ों के अलावा हाईवे में स्थापित किए गए हैं। फिलहाल, इनके जरिए सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जा रहा है। इन डिस्प्ले बोर्ड का संचालन स्मार्ट सिटी की ओर से किया जा रहा है। डी-आईट्रिपल-सी (देहरादून इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर) से बाकायदा, इनकी मॉनिटरिंग हो रही है। सिटी में मौजूद इन बोड्र्स के जरिए कोई भी मैसेज कन्वे करना हो, कंट्रोल सेंटर से ही फ्लैश करवाए जाते हैं।


सबकी निगाहें बोर्ड बैठक पर
इन बोड्र्स का संचालन का करीब साढ़े तीन साल से ज्यादा का वक्त पूरा हो चुका है। ट्रायल भी पूरे हो चुके हैं। लेकिन, यह तय नहीं हो पा रहा है कि आखिर इनके संचालन की जिम्मेदारी किससे सौंपी जाएगी। हालांकि, इससे पहले एक बार दून स्मार्ट सिटी से खबरें छन-छन कर सामने आई थीं। जिसमें कहा जा रहा था कि देहरादून नगर निगम को स्मार्ट सिटी सौंप सकती है। हालांकि, अभी इस पर स्मार्ट सिटी बोर्ड की बैठक में मुहर लगनी बाकी है। जिसके बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि नगर निगम को ये बोर्ड सौंपे जा सकते हैं या फिर खुद स्मार्ट सिटी इनका संचालन करेगी। इस बारे में स्मार्ट सिटी के अधिकारी भी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।

रेवेन्यू के बड़े सोर्स
स्मार्ट सिटी के मुताबिक ये बोर्ड रेवेन्यू का बड़ा सोर्स साबित हो सकते हैं। इनके जरिए सरकार के अलावा कॉमर्शियल इलेक्ट्रानिक एड भी फ्लैश हो सकते हैं। जारी होने वाले इन विज्ञापनों के रेट भी महंगे होंगे। जिससे सरकार के रेवेन्यू में इजाफा हो सकता है। पॉल्यूशन फ्री एड जारी होने व सडक़ों पर हाइट में चमचमाने के कारण इनसे जारी होने वाले विज्ञापन कॉस्टली हो सकते हैं।


1 बोर्ड की कीमत 12 लाख तक
बताया गया है कि आमतौर पर एक वैरिएबल मैसेज डिस्प्ले बोर्ड की कीमत करीब साढ़े आठ लाख रुपये तक है। लेकिन, इसमें यूपीएस, वायर और कंट्रोल रूम से होने वाली मॉनिटरिंग और मेंटेंनेंस के बाद एक बोर्ड की कीमत 12 लाख तक पहुंच रही है।
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