देहरादून ब्यूरो। संडे को टर्नर रोड निवासी नेहा सिंघल ने थाना क्लेमेंट टाउन में जिम में अपना आई फोन चोरी होने की शिकायत दर्ज करवाई थी। तहरीर में फोन की कीमत डेढ़ लाख रुपये बताई गई थी। पुलिस ने जिम में लगे सीसीटीवी कैमरों को चेक करने पर एक व्यक्ति मोबाइल चोरी करता हुआ दिखाई दिया। उसकी तलाश के लिए पुलिस ने जिम के आसपास आने जाने वाले रास्तों 40- 45 सीसीटीवी कैमरे चेक किये। एक कैमरे में व्यक्ति टाइटन फैक्ट्री से आगे हेलमेट पहन कर बाइक पर जाता हुआ दिखाई दिया। जिम के आसपास की फुटेज चेक करने पर वह बिना हेलमेट के जिम से बाहर जाता हुआ दिखाई दिया था। जिस पर पुलिस ने बैक रूट के कैमरे चेक किये गये तो टाइटन फैक्ट्री के पास एक व्यक्ति उसे हेलमेट देते हुए सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दिया। बाइक का नंबर सीसीटीवी कैमरे में ट्रेस हुआ। मोटर साइकिल नम्बर की जानकारी करने पर पता चला कि बाइक सौरभ कुमार पुत्र जसबीर सिंह निवासी टीचर कॉलोनी थाना देवबंद, जिला सहारनपुर यूपी के नाम पर रजिस्टर्ड है।
मोबाइल चोरी की जांच, स्मैक तस्करी का खुलासा
पुलिस ने सौरभ के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि सौरभ कुमार ऑल्टो 800 कार में सहारनपुर से देहरादून आने वाला है। पुलिस ने संदिग्ध ऑल्टो कार की तलाश में आशारोड़ी और आईएसबीटी चेक पोस्ट के बीच चेकिंग शुरू की। इस बीच ऑल्टो कार वहां पहुंच गई। उसमें तीन व्यक्ति सवार थे। पूछताछ में उन्होंने अपना नाम सौरभ कुमार, नीरज कुमार राणा और विशाल कुमार कुमार। नीरज और विशाल सगे भाई हैं। तलाशी लेने पर उनके पास से टर्नर रोड स्थित जिम से चोरी किया गया आईफोन, 70 ग्राम स्मैक और तीन लाख 50 हजार रुपए नगद बरामद हुए। उन्होंने स्वीकार किया कि यह राशि उन्होंने स्मैक बेचकर कमाई है।
डिलीवरी ब्वॉय बनकर तस्करी
पुलिस के अनुसार पूछताछ में पता चला कि नीरज और विशाल सगे भाई हैं। वे देवबंद में रहते हैं। सौरभ उनके पास के मोहल्ले में रहता है। वे काफी समय से एक-दूसरे को जानते हैं। नीरज वर्तमान में चंद्रबनी चौक स्थित एक जिम में ट्रेनर का काम करता है। सौरभ और विशाल स्वीगी और जोमेटो में डिलीवरी ब्वॉय का काम करते हैं। नीरज और विशाल पिछले तीन चार वर्षों से देहरादून में रह रहे हैं। दोनों पूर्व में थाना नेहरू कॉलोनी में चोरी के मामले में जेल जा चुके हैं।
जेल में मिले ड्रग्स पैडलर
पुलिस के अनुसार विशाल और नीरज की जेल में कुछ ड्रग पैडलर्स से मुलाकात हुई। उनसे मिलकर दोनों भाइयों न जेल से बाहर आते ही स्मैक तस्करी की योजना बनाई। इस काम के लिए उन्होंने सौरभ को भी अपने साथ ले लिया। उन्होंने दून के एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स के स्टूडेंट्स को स्मैक तस्करी करनी शुरू की। लेकिन, पुलिस की लगातार होने वाली कार्रवाई से बचने के लिए स्वीगी और जोमेटो के डिलीवरी ब्वॉय बनने की तरकीब निकाली।
देवबंद से लाते थे स्मैक
तरकीब के मुताबिक सौरभ और विशाल स्विगी व जोमैटो में डिलीवरी ब्यॉय का काम करने लगे। नीरज देवबंद से सस्ते दामों में स्मैक खरीदकर दून लाता था और विशाल व सौरभ डिलीवरी ब्यॉय बनकर स्मैक खरीदारों तक पहुंचाते थे।
बरामद सामान
- 70 ग्राम स्मैक (कीमत लगभग 7,00,000 रुपए)
- स्मैक बेचकर कमाए गए 3,50,000 रुपए नगद
- टर्नर रोड स्थित जिम से चोरी किया गया आईफोन (कीमत लगभग डेढ़ लाख रुपए)
- ऑल्टो कार
- दो स्प्लेंडर, एक केटीएम और एक ब्लेंडर कार।