देहरादून,
संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि मलिन बस्तियों को नोटिस भेजने के मामले का परीक्षण किया जाएगा। यह देखा जाएगा कि किन कारणों से यह कदम उठाया गया। बुधवार को विधायक रायपुर उमेश शर्मा काऊ ने विधानसभा में मलिन बस्तियों को नोटिस दिए जाने का मसला उठाया। उन्होंने पूछा कि एमडीडीए ने छोटे दुकानों व निर्माण को सील किया है, उन्हें फिर से स्थापित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। विधायक विनोद चमोली ने कहा कि मलिन बस्तियां प्राधिकरण की सीमा से बाहर हैं। ये निकाय क्षेत्र हैं। इन पर निर्णय लेने का अधिकार निकायों को है।
कार्यवाही पर एक नजर
-विधायक खजानदास बोले, बस्तियों को लेकर सरकार अध्यादेश लेकर आई है तो फिर नोटिस का क्या मतलब।
-शहरी विकास मंत्री बोले, अप्रैल 2017 से दिसंबर 2020 तक आवासीय निर्माण के 3266 व गैर आवासीय निर्माण के 2056 भेजे गए नोटिस।
-मलिन बस्तियों को नोटिस भेजने की बात सामने आई है तो किया जाएगा परीक्षण।
सफाई कर्मियों का सेपरेट कैडर बनाने पर होगा विचार
शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि सरकार सफाई कर्मियों के अलग कैडर बनाने के मामले का परीक्षण कराएगी। सदन में झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के सवाल का जवाब देते हुए शहरी विकास मंत्री ने यह बात कही।
न्यूनतम मजदूरी न देने की शिकायत पर होगी कार्रवाई
श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि सरकार ने असंगठित क्षेत्र के लिए न्यूनतम मजदूरी तय की है। कहीं, न्यूनतम मजदूरी न मिलने की शिकायत सामने आती है तो फिर सरकार इस पर कड़ी कार्रवाई करेगी। उन्होंने सदन में उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों को लाकडाउन के दौरान निकाले जाने और न्यूनतम वेतन न दिए जाने के सवाल के जवाब में कहा।
कोरोना काल के दौरान 25317 बेरोजगार रजिस्टर्ड
श्रम मंत्री ने कहा कि कोरोना काल के दौरान प्रदेश में अन्य राज्यों से वापस लौटने वाले और अन्य 25317 व्यक्तियों ने होप पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया था। केदारनाथ विधायक मनोज रावत के सवाल का जवाब देते हुए श्रम मंत्री ने बताया कि लाकडाउन समाप्त होने के बाद इनमें से अधिकांश व्यक्ति वापस चले गए हैं, उन्होंने इसकी सूचना भी नहीं दी है। कहा, कोरोना के दौरान 327 कर्मकार बेरोजगार हुए हैं। बताया कोरोना के दौरान कितने प्रवासी श्रमिक वापस लौटे, इसकी जानकारी श्रम विभाग के पास नहीं है।