देहरादून(ब्यूरो) एमडीडीए ने व्यापारियों को नोटिस जारी कर जमीन के दस्तावेज मांगे। कागजों की पड़ताल के दौरान कागजों में गड़बडिय़ां सामने आई है। एमडीडीए के अधिकारियों का कहना है कि पड़ताल के दौरान पता चला कि कई व्यापारियों की रजिस्ट्री कम है और मौके पर ज्यादा जमीन है। ऐसे मामले 40 परसेंट के लगभग है। ऐसे में स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि जमीन कितनी दी जाए। हालांकि नोटिस के बाद व्यापारी दस्तावेज लेकर एमडीडीए पहुंच रहे हैं। इसको लेकर एमडीडीए अफसर असमंजस में हैं। बताया गया कि इस संबंध में एमडीडीए जल्द ही व्यापारियों के साथ बैठक करेगा, जिसके बाद मामले का जल्द से जल्द निस्तारण किया जाएगा।
विस्थापन की जद मेें 350 व्यापारी
आढ़त बाजार के 250 और गांधी रोड के 100 के करीब व्यापारी रोड़ चौड़ीकरण की जद में आ रहे हैं। यहां पर रोड संकरी है। चौड़ीकरण के बाद यहां पर 16 से 18 मीटर चौड़ी जगह मिल जाएगी। 350 व्यापारियों को नए आढ़त बाजार में शिफ्ट किया जाना है। एमडीडीए के अधिकारियों का कहना है नए आढ़त बाजार में व्यापारियों को दी जाने वाली जमीन पर दुकानों का लेआउट फाइनल हो गया है। आढ़त बाजार में व्यापारियों के जमीन का मसले का समाधान होते ही नए आढ़त बाजार में जमीन आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
करीब 8 हेक्टेयर जमीन फ्री
लंबे समय से जाम की समस्या से जूझ रहे शहर की ट्रैफिक हालत सुधारने के लिए प्रशासन होलसेल मार्केट आढ़त बाजार को पटेलनगर थाने के पास शिफ्ट करने की योजना बनाई। इसका जिम्मा एमडीडीए को सौंपा गया है। दरअसल यह क्षेत्र सबसे बड़ा जाम वाला क्षेत्र है, यदि यहां से यह बाजार हट जाता है, तो टै्रफिक को बड़ी राहत मिलेगी। नए आढ़त बाजा के लिए करीब 8 हेक्टेयर जमीन सरकार मुफ्त दे रही है। जमीन का लैंडयूज एग्रीकल्चर से बदलकर कमर्शियल कर दिया गया है।
शिफ्टिंग पर खर्च होंगे 145 करोड़
आढ़त बाजार को शिफ्ट करने के लिए अब तक करीब 350 व्यापारी चिन्हित किए गए हैं। बाजार को शिफ्ट करने के लिए करीब 145 करोड़ रुपये का खर्च आ रहे है। एमडीडीए की बोर्ड बैठक में इस पर सहमति भी बन गई है। विस्थापन में व्यापारियों को प्लॉट आवंटित किए जाएंगे। वह दुकानें खुद बनाएंगे।
बाजार शिफ्टिंग पर एक नजर
110
साल पुराना है आढ़त बाजार
350
से अधिक व्यापारी होंगे शिफ्ट
100
बीघा जमीन पटेलनगर थाने के पीछे चिन्हित
225
करोड़ रुपये है जमीन की कीमत
145
करोड़ रुपये का खर्च आएगा बाजार शिफ्टिंग में
दुकानों के दस्तावेजों की हो रही जांच
दुकानों के अधिग्रहण के लिए एमडीडीए की ओर से व्यापारियों से दस्तावेज मांगे गए हैं, जिनका परीक्षण किया जा रहा है। कागजों में गड़बडिय़ों के चलते दुकानों के साइज फाइनल नहीं हो पा रहा है, जिससे प्रोजेक्ट को एक्जीक्यूट करने में समय लग रहा है। पिछले सात माह से दुकानों के दस्तावेजों की पड़ताल चल रही है। अभी तक फाइनल रिजल्ट तैयार नहीं हो पाया है।
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