देहरादून,(ब्यूरो): युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में स्किल्स डेवलपमेंट प्रोग्राम युवाओं के हुनर को निखार रहा है। इससे युवाओं के सपनों को उड़ान मिल रही है। शुरूआत में उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड अलग-अलग क्षेत्रों में 4050 युवाओं को टे्रनिंग दी है। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के साथ ही यात्रियों को उत्तराखंड के बारे में समझने में आसानी हो रही है। भविष्य में ट्रेनिंग के दायरे को बढ़ाने की तैयारी है। राज्य में ये प्रोग्राम स्पेशल तौर पर डिजाइन किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड की समृद्ध धरोहर, जीवंत संस्कृति और अद्भुत नेचुरल ब्यूटी को विश्वभर के टूरिस्ट्स के सामने कुशलता से प्रस्तुत किया जा सके।
उत्तराखंड को मिला अवार्ड
इस साल के इंडिया एंड द सबकॉटीनेंट (आईसीआरटी) अवार्ड 2024 के संस्करण में स्थानीय समुदायों को रोजगार और कौशल प्रदान करने की श्रेणी में उत्तराखंड टूरिज्म डेवलेपमेंट बोर्ड को सिल्वर अवॉर्ड दिया गया। प्रोग्राम में बतौर चीफ गेस्ट उत्तराखंड राज्य के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने शिरकत की। इस दौरान पर्यटन मंत्री से ये पुरस्कार उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड की अपर निदेशक पूनम चन्द ने प्राप्त किया।
तीर्थयात्रा मार्गों तक पहुंचा ट्रैनिंग प्रोग्राम
सैटरडे को नई दिल्ली में आयोजित द आईसीआरटी इंडिया एण्ड द सबकॉन्टिनेंट अवॉर्ड्स 2024 को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड का व्यापक ट्रेनिंग प्रोग्राम अब तीर्थयात्रा मार्ग के सबसे दूरदराज़ इलाकों तक पहुंच चुका है, जिससे हमारे गाइड हर क्षेत्र में टूरिस्ट को बेहतर सेवाएं दे सके। उत्तराखंड के फेमस टूरिस्ट प्लेसेस ऋषिकेश, नैनीताल और मसूरी में धरोहर और प्रकृति गाइड्स को प्रशिक्षित करने के साथ इसमें कम पहचान रखने वाले स्थानों गंगोलीहाट, धारचूला और नानकमत्ता को भी शामिल किया गया है।
नेचर गाइड्स पर एक नजर
4050
उम्मीदवारों को किया गया है ट्रेंड।
1000
धरोहर टूर गाइड्स
500
ट्रेंड टैक्सी ड्राइवर
2000
मेहनती गेस्ट हाउस केयरटेकर्स
550
जानकार प्रकृति गाइड्स हैं इसमें शामिल
फ्री ट्रनिंग कैंप
पर्यटन मंत्री ने कहा कि अधिकारियों के नेतृत्व में बोर्ड ने दूरदराज क्षेत्रों में गाइड्स को ट्रेंड करने में सफलता हासिल की है। पर्यटन मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड टूरिज्म विकास बोर्ड की यह पहल कि वे बिना किसी शुल्क में धरोहर टूर गाइड्स, प्रकृति गाइड्स, टैक्सी ड्राइवरों और गेस्ट हाउस केयरटेकर्स को प्रशिक्षण प्रदान करें। यह कार्यक्रम कौशल वृद्धि और रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित करके न केवल स्थानीय कार्यबल को समृद्ध करता है, बल्कि अतिथियों के पर्यटन अनुभव को भी बेहतर बनाता है।
सबसे पहले 1000 धरोहर टूर गाइड्स और 550 प्रकृति गाइड्स को प्रशिक्षित करके, यह कार्यक्रम न केवल लोगों को उत्तराखंड की समृद्ध धरोहर और विविध प्राकृतिक परिदृश्यों के बारे में जानकारी प्रदान करता है, बल्कि एक कुशल पेशेवरों का समूह भी तैयार करता है जो पर्यटकों को प्रभावशाली और सूचनापरक अनुभव प्रदान कर सकते हैं। इसके अलावा, विभिन्न जिलों में प्रशिक्षण प्रदान करके, यह कार्यक्रम ज्ञान और लाभ का व्यापक प्रसार सुनिश्चित करता है, जिससे विभिन्न समुदायों में समावेशी विकास को बढ़ावा मिलता है।
2000 केयरटेकर्स, 500 ड्राइवर ट्रेंड
पांच सौ टैक्सी चालकों को प्रशिक्षण देकर, यह कार्यक्रम परिवहन क्षेत्र में पेशेवरता और सेवा मानकों को बढ़ाता है। इससे पर्यटकों की सुरक्षा और आराम में सुधार होता है और स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होते हैं, विशेषकर उन दूरदराज़ या ग्रामीण क्षेत्रों में जहां परिवहन सेवाएं सीमित हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त, टैक्सी ड्राइविंग जैसे पारम्परिक पुरुषों के क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देकर, यह लिंग समानता और सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करता है, जिससे एक अधिक विविध और समावेशी कार्यबल का निर्माण होता है। इसके अलावा 2000 गेस्ट हाउस केयरटेकर्स व आतिथ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षित करके, यह कार्यक्रम न केवल पर्यटन के लिए आवास और सेवाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है बल्कि स्थानीय आतिथ्य क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करता है।
उद्यमिता व आर्थिक विकास से समृद्धि
ग्राहकों की सेवा, हाउसकीपिंग और खाद्य तैयारी में कौशल प्रदान करके यह कार्यक्रम पर्यटन संरचना को सुदृढ़ करता है और आगंतुकों के लिए एक स्वागतयोग्य वातावरण तैयार करता है। इसके साथ ही, सड़क किनारे खाने की जगहों और सहायक रसोइये जैसी भूमिकाओं के लिए प्रशिक्षण देकर, यह कार्यक्रम स्थानीय उद्यमिता और आर्थिक विकास का समर्थन करता है, जिससे समुदायों में सकारात्मक सामाजिक-आर्थिक प्रभाव पैदा होता है।
महिलाएं हो रही सब्बल
महिलाओं को विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल करके यह पहल लिंग समानता और महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देती है, जिससे महिलाएं पर्यटन उद्योग में अधिक सक्रिय रूप से भाग ले सके और अपने घरों की आय में योगदान कर सके। इससे न केवल महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार होता है बल्कि कार्यबल में विविधता और समावेशिता को भी बढ़ावा मिलता है। कुल मिलाकर, उत्तराखण्ड पर्यटन विकास बोर्ड की प्रशिक्षण पहलों ने न केवल व्यक्तियों को मूल्यवान कौशल और रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं, बल्कि पर्यटन उद्योग की दीर्घकालिक स्थिरता और विकास में भी योगदान दिया है।dehradun@inext.co.in