- महिलाओं ने सोशल मीडिया पर पिंक टॉयलेट की परेशानी की सार्वजनिक
देहरादून, 10 मार्च (ब्यूरो)।
चुनाव बिल्कुल नजदीक हैं। राजनीतिक पार्टियां बड़े-बड़े दावे कर रही हैं। लेकिन, राजधानी दून में एक ऐसी समस्या दिन-ब-दिन विकराल होती जा रही है, जिसकी पॉलिटिकल पार्टियों को कोई परवाह नहीं। हद तो तब हो गई, जब महिलाओं को खुद इस परेशानी का सामना करना पड़ा तो उन्होंने मजबूर होकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक अपनी परेशानी शेयर की। कुछ महिला संगठनों की बात की जाए तो न केवल ये मुद्दा चुनावों में उठ सकता है, बल्कि, इलेक्शन में इसका रिफ्लेक्शन भी देखने को मिल सकता है।
24 साल से बस टॉयलेट-टॉयलेट
जी हां, आज हम जिस समस्या का जिक्र कर रहे हैं। वह कोई नई बात नहीं है। करीब उत्तराखंड गठन के 24 सालों के सफर में ये प्रॉब्लम बरकरार है। लेकिन, ऐसा लगता है कि किसी को इससे कोई मतलब नहीं। यकीन मानिए, एक सर्वे कर लिया जाए, जिसमें दून की महिलाओं से पूछा जाए कि आपके शहर में पिंक टॉयलेट की क्या स्थिति है। हकीकत सामने आ जाएगी। ऐसा नहीं है कि शहर में टॉयलेट नहीं हैं। बिल्कुल हैं, लेकिन जिस रफ्तार से आबादी बढ़ रही है। क्या उसके सापेक्ष ये टॉयलेट्स पर्याप्त हैं। शायद, इन सारे सवालों के जवाब नगर निगम से बेहतर कोई नहीं दे सकता है।
सीएस तक पहुंचा मामला
बहरहाल, इन सारे सवालों के बीच शहर में जिम्मेदार नगर निगम के भी अपने तर्क हैं। निगम का कहना है कि उसके पास करीब 15 लाख आबादी वाले शहर में 33 पब्लिक टॉयलेट्स मौजूद हैं। बाकी स्मार्ट सिटी, उरेडा और अन्य विभागों के पास हैं। इस प्रकार से इन टॉयलेट्स की संख्या करीब 39 तक पहुंच रही है।
निगम के भी तर्क सुनिए
निगम का कहना है कि वह शहर में और ज्यादा पब्लिक या फिर पिंक टॉयलेट्स बनाने को तैयार है। लेकिन, कहीं भी उसको जगह नहीं मिल पा रही है। इसके अलावा जहां पर यूरीनल के नाम पर पैसा लिया जा रहा है। वहां पर स्पष्ट आदेश दे दिए गए हैं। बाकायदा, एक फर्म के खिलाफ कार्रवाई की भी बात कही गई है।
ये हैं दिक्कतें
-पलटन बाजार में केवल एक टॉयलेट, यहां हर दिन हजारों की संख्या में फुटफॉल।
-महिलाएं मार्केट जाने से पहले सोचने को जाती हैं मजबूर
-मार्केट आने पर टॉयलेट सुविधा का लाभ लेने पर 10 रुपए करना पड़ता है भुगतान।
-धर्मपुर, सहारनपुर चौक, सर्वे चौक पर महिलाओं को जाना हो तो पब्लिक टॉयलेट नहीं।
-गांधी पार्क में हर रोज सैकड़ों की तादाद में महिलाएं जाती हैं घूमने, यहां भी टॉयलेट नहीं।
-गांधी पार्क के बाहर टॉयलेट कई महीनों से निर्माणाधीन।
-निगम के आलाधिकारियों के निर्देश के बाद भी अब तक टॉयलेट का काम जारी।
::टॉयलेट्स पर एक नजर:::
कुल टॉयलेट्स--39
नगर निगम के अधीन--33
टॉयलेट संचालित करने वाली कंपनियां--3
शहर की आबादी--15 लाख
कुल पब्लिक टॉयलेट्स--35
कुल कम्युनिटी टॉयलेट्स--4
::किसके पास कितने टॉयलेट्स::
दून स्मार्ट सिटी--7
बॉयोफेंडली प्रा।लि।--4
मनसा फैसिलिटी प्रा।लि।--13
सुलभ इंटरेनशनल--9
उरेडा--2
::टॉयलेट में उपलब्ध सीटें:::
मेल सीट्स की संख्या--117
फीमेल सीट्स की संख्या--73
यूरीनल्स की संख्या--65
कम्युनिटी टॉयलेट्स में मेल सीटें--7
कम्युनिटी टॉयलेट्स में फीमेल सीटें--3
कम्युनिटी टॉयलेट्स में यूरीनल्स--4
::इन प्रमुख चौक-चौराहों में टॉयलेट्स की दिक्कत::
-दर्शन लाल चौक
-तहसील चौक
-प्रिंस चौक
-सहारनपुर चौक
-बल्लूपुर चौक
-बल्लीवाला चौक
-धर्मपुर चौक
-रिस्पना पुल
-छह नंबर पुलिया चौक
-किशननगर चौक
-सर्वे चौक
-आढ़त बाजार
-राजपुर रोड
अब आप बताइए, कहां जाएं
सिटी के कुछ इलाकों को छोड़ दें तो जिम्मेदार विभाग की बता दें कि इन इलाकों में कहां पर पब्लिक टॉयलेट की सुविधा है। मेल-फिमेल शुल्क देने को भी तैयार हैं। लेकिन, सुविधाएं तो मिले। इनमें दर्शनलाल चौक, धर्मपुर चौक, सर्वे चौक, सहारनपुर चौक, किशननगर चौक, बल्लूपुर व बल्लीवाला चौक, सब्जी मंडी चौक, राजपुर रोड। ये ऐसे प्रमुख इलाके हैं, जहां पर टॉयलेट्स की कोई सुविधा नहीं है।
पैसे लेने के कितनों के खिलाफ कार्रवाई
नगर निगम जिन अपने 33 पब्लिक टॉयलेट्स की बात कर रहा है। उनके संचालन के लिए निगम प्रशासन ने 3 फर्मों का चयन किया हुआ है। निगम के अधिकारियों के मुताबिक यूरीनल के नाम पर जो भी फर्म पैसा लेगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अब तक कितनों के खिलाफ कार्रवाई हुई, निगम ही जाने।
एलआईसी बिल्डिंग के करीब उम्मीद
नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि धर्मपुर एलआईसी बिल्डिंग के पास वेंडिंग जोन के करीब एक टॉयलेट जल्द ही अस्तित्व में आएगा।
टॉयलेट पर ताला लटका मिला
संडे को शहर के बीचोंबीच स्थित पंडित दीन दयाल पार्क में प्रदेशभर के आंगनबाड़ी वर्कर्स का अपनी मांगों को लेकर धरना चल रहा था। जिसमें दर्जनों की संख्या में महिलाएं धरना स्थल पर मौजूद थीं। इसी दौरान जब कुछ महिलाओं ने पास में ही मौजूद टॉयलेट का रुख किया, वहां उन्हें ताला लटका हुआ मिला। फिर क्या, महिलाओं ने वहां पर जमकर हंगामा काटा। लेकिन, इधर नगर निगम के अधिकारियों को इसकी कोई खबर तक नहीं है।