देहरादून, (ब्यूरो): उत्तराखंड में 2 अक्टूबर को राज्य सरकार के डाटा सेंटर पर हुए साइबर अटैक के बाद अभी व्यवस्था पटरी पर नहीं लौटी है। साइबर हमले से सरकारी विभागों की करीब 90 से अधिक साइट हैक हो गई थी। इसमें पब्लिक से जुड़े कई साइट बंद होने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अधिकांश विभागों की साइट शुरू होना बताया जा रहा है, लेकिन कुछ विभागों की ऑनलाइन एप्लीकेशन अभी काम नहीं करने से समस्या बनी हुई है। उधर, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अफसरों ने बताया कि लगभग सभी साइट रिस्टोर कर दी गई है। कुछ साइट पर वाइरस स्कैनिंग का काम चल रहा है। जल्द ही स्कैनिंग का काम पूरा हो जाएगा।

एमडीडीए में नक्शों का काम ठप

मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) की साइट 2 अक्टूबर से ही बंद पड़ी हुई है। जिससे यहां नक्शे स्वीकृत नहीं हो पा रहे हैं। लोग रोजाना नक्शे के लिए एमडीडीए के चक्कर लगा रहे हैं। एमडीडीए के अफसरों ने बताया कि यहां रोजाना 100 के करीब घरों व कमर्शियल नक्शे स्वीकृत होते हैं, जिनका काम पूरी तरह से बंद है। इसके अलावा रेवेन्यू से संबंधित भी काम नहीं हो पा रहा है। कोई भी एप्लीकेशन नहीं खुल रही है। जिससे डेली वर्क लगातार पेंडिंग पड़ता जा रहा है। जल्द साइट शुरू नहीं हुई, तो बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है।

12 घंटे में पूरा हो जाएगी स्कैनिंग

सूचना प्रोद्यौगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) की निदेशक नितिका खंडेलवाल ने बताया कि उत्तराखंड में हाल में 'स्टेट डेटा सेंटर में मालवेयर आने के कारण अस्थायी रूप से बंद प्रमुख सरकारी विभागों की वेबसाइट को तत्काल बहाल कर दिया गया था। सीएम हेल्पलाइन और 'स्टेट पोर्टल के साथ ही अपनी सरकार, ई-ऑफिस, ई-रवन्ना पोर्टल, चारधाम पंजीकरण जैसी प्रमुख वेबसाइट को बहाल कर दिया गया है। साइट में वाइरस के खतरे को देखते हुए लगातार वायरस स्कैनिंग काम चल रहा है। एमडीडीए की एप्लीकेशन चल गई है। पुराने डाटा को भी रिस्टोर कर लिया गया है। डाटा स्कैनिंग का काम चल रहा है। अगले 12 घंटे में साइट पूरी तरह काम शुरू कर देगी।

2 अक्टूबर को हुआ था साइबर अटैक

उत्तराखंड के स्टेट डेटा सेंटर पर 2 अक्टूबर को मालवेयर से साइबर हमला हुआ था। मालवेयर एक तरह का वायरस होता है जिसे डेटा चुराने के लिए कंप्यूटर आदि में डाला जाता है। साइबर हमले के कारण सरकार की कई महत्वपूर्ण वेबसाइट को अस्थाई रूप से बंद करना पड़ा था, जिसके कारण अनेक विभागों में कामकाज प्रभावित हुआ था। इस पर चिंता व्यक्त करते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक कर जल्द से जल्द सभी महत्वपूर्ण वेबसाइट और ऑनलाइन सेवाओं को बहाल करने के निर्देश दिए थे।

डेटा लॉस नहीं हुआ

आईटीडीए की निदेशक नितिका खंडेलवाल ने बताया कि साइबर हमले में डेटा के नुकसान का कहीं कोई मामला सामने नहीं आया और सभी डेटा सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि सीएम हेल्पलाइन में लगातार शिकायतें दर्ज की जा रही है।

जल्द बनेगा साइबर सिक्योरिटी सिस्टम

सूचना प्रोद्यौगिकी सचिव नितेश झा ने बताया कि आईटीडीए के डेटा सेंटर में 1378 में से 11 मशीनों पर ही मेलवेयर का प्रभाव पड़ा था। उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिनों में डेटा सेंटर की कई बार 'स्कैनिंगÓ की गई है। सीएम ने कहा कि इस तरह के मामलों की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए ऑनलाइन सेवाओं से संबंधित सुरक्षा के लिए राज्य में जल्द ही 'साइबर सिक्योरिटी टास्क फोर्सÓ का गठन किया जाएगा।

डिजास्टर रिकवरी सेंटर बनेगा

ऑनलाइन सिस्टम की सुरक्षा एवं विभिन्न विभागों से संबंधित ऑनलाइन डेटा की दोबारा रिकवरी के लिए 'डिजास्टर रिकवरी सेंटरÓ की स्थापना की जाएगी। सीएम ने आईटीडीए में टेक्नीकल काम देख रही कंपनी की समीक्षा कर किसी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई के भी निर्देश दिए हैं। साइबर हमले से बचने के लिए आईटीडीए को प्रत्येक सरकारी कार्यालय में 'एंटी वायरस सिस्टम अपडेट करने को भी कहा गया है। जिससे इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।

साइबर क्राइम पर अंकुश को जुटी पुलिस

साइबर हमले के बाद साइबर सिक्योरिटी पर तेजी से मंथन चल रहा है। आईटी विभाग इस बारे में तो काम कर रही है। पुलिस भी इसकी कार्ययोजना बना रही है। पुलिस का फोकस साइबर अपराधों पर रहेगा। इसके लिए गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय को वर्क प्लान बनाने को कहा है।

5 राज्यों से मांग गई हेल्प

राज्य में हुए सबसे बड़े साइबर हमले के बाद पुलिस विभाग भी अपनी तैयारियां और सुरक्षा बढ़ाने में जुट गया है। उत्तराखंड पुलिस की ओर से 5 राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, हरियाणा व हिमाचल से साइबर सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ ही निजी साइबर विशेषज्ञ व राष्ट्रीय एजेंसियों के संबंध में जानकारी मांगी गई है।

हैकर का पता लगाने एसआईटी भी जुटी

डाटा सेंटर हुए साइबर हमले के लिए गठित स्पेशल टास्क फोर्स ने हैकरों के बारे में जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। एसआईटी ने मेल आईडी हरमेसा व लिंगर की जांच के लिए मेल होस्टिंग को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है। आईजी एसटीएफ नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि एनसीआईआईपीसी समेत कई जांच एजेंसियों इसमें जुटी हुई है। बताया कि प्रदेश के आईटी सिस्टम में मालवेयर को हटाने के लिए 1400 वर्चुअल सिस्टम से होस्टिंग की सर्विस देने की व्यवस्था और उससे संबंधित एक-एक डेटा की स्कैनिंग की गई। इसमें ई-ऑफिस से ही संबंधित 60 मशीन को शामिल किया गया है।

साइबर हमले की खास बातें

- 2 अक्टूबर को हुआ था राज्य में साइबर अटैक

- इसमें प्रमुख विभागों की 90 से अधिक साइट हो गई थी हैक

- साइबर हमले के चलते सरकारी विभागों में ऑनलाइन काम प्रभावित

- साइबर सुरक्षा को लेकर आईटीडीए से लेकर पुलिस विभाग मंथन में जुटा

- कई विभागों की साइट अभी नहीं हुई शुरू, लोग हो रहे परेशान

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