देहरादून, ब्यूरो:
उत्तराखंड मेडिकल ड्रग कंट्रोलर की ओर से बीते माह 15 महत्वपूर्ण दवाओं के स्टॉक रखने को लेकर मात्रा नियंत्रित की गई है। इसका सबसे ज्यादा असर प्राइवेट क्लीनिक पर पड़ रहा है। मेडिकल स्टोर संचालकों के अनुसार दवा की मात्रा बहुत ही न्यूनतम कर दी गई है। उन दवाओं का इस्तेमाल मनोचिकित्सक के अलावा फिजिशियन, सर्जन व विभिन्न चिकित्सकों द्वारा मरीजों के रोजमर्रा इलाज के लिए किया जाता है। उत्तरांचल औषधि व्यवसायी महासंघ के अध्यक्ष बीएस मनकोटी ने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए व पेशेंट की सुविधा के लिए विभाग को नरमी बरतनी चाहिए, ताकि पेशेंट परेशान न हों।

पेशेंट को नहीं मिल पा रही दवा
उत्तराचंल औषधी व्यवसायी महासंघ के प्रदेश महामंत्री अमित गर्ग ने बताया कि ड्रग डिपार्टमेंट की ओर से दवाओं का स्टॉक लिमिटेड किया गया है। ऐसे में ज्यादा स्टॉक नहीं रखा जा सकता। इसलिए दवा विक्रेताओं ने स्टॉक लौटाना शुरू कर दिया है। ऐसे में इन दवाओं की कमी हो गई है, जिसका असर पेशेंट्स पर पड़ रहा है।

इन दवा की शॉर्टेज
अल्प्राजोलाम
क्लोमाजीपाम
ट्रामाडॉल
नाइट््राजापाम
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