देहरादून,(ब्यूरो): विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर डबल्यूआईसी इंडिया देहरादून ने द काल्मिंग माइंड्स के सहयोग से स्ट्रेस मैनेजमेंट और मानसिक स्वास्थ्य पर एक सत्र आयोजित किया। इस सत्र में भागदौड़ भरी दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की बढ़ती ज़रूरत पर चर्चा की गई। वक्ताओं में प्रसिद्ध मानसिक स्वास्थ्य अधिवक्ता और वंडर वेल एनजीओ की संस्थापक डॉ। याशना बाहरी सिंह, पोषण विशेषज्ञ रूपा सोनी और भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी शामिल रहीं। सत्र का संचालन डॉ। प्राची कंडवाल ने किया।

तनाव से राहत के लिए आर्ट थेरेपी के लाभों पर ज़ोर दिया

डॉ। याशना ने सत्र के दौरान तनाव से राहत पाने और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए सरल लेकिन प्रभावी तरीकों को अपनाने के बारे में बात करी। उन्होंने तनाव से राहत के लिए आर्ट थेरेपी के लाभों पर ज़ोर दिया। मानसिक स्वास्थ्य वार्तालापों में आवश्यक समावेशिता को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा पुरुषों के लिए भी अपनी भावनाओं को व्यक्त करना ज़रूरी है। नेहा जोशी ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े प्रचलित कलंक के बारे में बात करते हुए कहा बहुत से लोग अभी भी मानसिक स्वास्थ्य को वर्जित मानते हैं। अब समय आ गया है कि हम इसे सामान्य बना दें। हमें पेशेवरों से मदद लेने को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। आज के बच्चे ऐसी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं जिनकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। इस विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर, मैं डॉ। याशना जैसे पेशेवरों को धन्यवाद देना चाहूँगी, जो मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को समर्पण के साथ संबोधित करते हैं।

मस्तिष्क के लिए अच्छे ईंधन की आवश्यकता

पोषण विशेषज्ञ रूपा सोनी ने पोषण और मानसिक स्वास्थ्य के बीच संबंध पर जोर देते हुए कहा हमारे मस्तिष्क को ठीक से काम करने के लिए अच्छे ईंधन की आवश्यकता होती है। दैनिक तनाव के साथ, व्यायाम करना, स्वस्थ भोजन खाना और हैप्पी हार्मोन रिलीज़ करना महत्वपूर्ण है। जिस तरह एक कार के इंजन को गुणवत्तापूर्ण ईंधन की आवश्यकता होती है, उसी तरह हमारा मस्तिष्क अच्छे पोषण पर निर्भर करता है। पेट का स्वास्थ्य सीधे हमारे मूड से जुड़ा होता है - अगर आपका पेट स्वस्थ है, तो आप पूरे दिन अच्छा महसूस करेंगे। सत्र की थीम 'अनप्लग, अनविंड और रिफ्रेश योर माइंडÓ ने प्रतिभागियों को अपनी दिनचर्या से ब्रेक लेने और माइंडफुलनेस को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। साझा की गई अंतर्दृष्टि ने उपस्थित लोगों को तनाव को प्रबंधित करने और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए सरल, प्रभावी तकनीकों को अपनाने के लिए सशक्त बनाया।

समाज में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता के महत्व पर जोर

डबल्यूआईसी इंडिया के निदेशक अंकित अग्रवाल और सचिन उपाध्याय ने आज के समाज में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही महत्वपूर्ण है, और हमें लोगों के लिए चर्चा करने और उनके तनाव को प्रबंधित करने के लिए सुरक्षित स्थान बनाने चाहिए। डबल्यूआईसी इंडिया में, हम उन पहलों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो व्यक्तियों को स्वस्थ, अधिक संतुलित जीवन जीने के लिए सशक्त बनाती हैं। कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने कला और शिल्प गतिविधियों में भी भाग लिया। कार्यक्रम का समापन एक इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ, जहां प्रतिभागियों ने इन प्रथाओं को अपने दैनिक जीवन में एकीकृत करने के लिए मार्गदर्शन मांगा।

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