देहरादून (ब्यूरो)। इन घटनाओं के बाद पुलिस ने सभी घटनास्थलों के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। इन फुटेज में 2 मोटर साइकिलों पर सवार 4 संदिग्ध लोग घटनास्थलों के आस-पास दिखाई दिये। हुलिये के आधार पर दो लोग पहचान में आए। इनमें एक जुगनू पुत्र बाबूराम निवासी चोरखाला सहसपुर देहरादून, मूल निवासी अहमदगढ़ थाना तथा झिंझाना शामली और दूसरा सेानू पुत्र बुद्धराम निवासी अहमदगढ़ शामली यूपी था। पता चला कि सोनू का ससुराल चोरखाला सहसपुर क्षेत्र में है और जुगनू उसका रिश्तेदार है।
आश्रय देने वाले दबोचे
पुलिस ने सोनू की ससुराल चोरखाला में दबिश दी तो उसके रिश्तेदारों ने कोई जानकारी न होने की बात कही। सीसीटीवी फुटेज दिखाने पर सोनू व जुगनू के साथ दिख रहे 2 अन्य संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कान्हा उर्फ कन्हैया और बिल्लू निवासी झिंझाना के रूप में हुई। पता चला कि दोनों दोस्त हैं। पुलिस ने दोनों के मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाये तो उनकी लोकेशन झिंझाना यूपी मिली। दोनों के घर पर दबिश दी गई तो पता चला कि वे दिल्ली में अपने एक साथी सोनू यादव के सोनिया विहार स्थित घर पर छुपे हुए हैं। दिल्ली जाकर पता चला कि सोनू यादव दोनों आरोपियों के साथ अपने दोस्त गुलशन के घर छतरपुर में है। पुलिस गुलशन के घर पहुंची तो गुलशन के घर पर ताला लगा हुआ मिला। पता चला कि गुलशन स्विगी में काम करता है। आखिरकार पुलिस ने गुलशन जुगनू और सोनू को आश्रय देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। गुलशन की निशानदेही पर पुलिस ने सोनू यादव को हरिद्वार से दिल्ली की ओर जाते हुए गिरफ्तार कर लिया। इन दोनों ने सोनू और जुगनू द्वारा दून में चेन स्नेचिंग की घटनाओं के बारे में जानकारी होने की बात स्वीकार की है। पुलिस अब मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है।
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