देहरादून, (ब्यूरो): एफआरआई में पिछले 4 दिनों से वन विभाग की कई टीमें लेपर्ड का मूवमेंट ट्रैक कर रही हैैं, लेकिन अब तक लेपर्ड का सुराग नहीं मिला। अब खुद डीएफओ नीरज शर्मा ने मोर्चा संभाला है। उन्होंने गुरुवार को खुद टीमों के साथ एफआरआई कैंपस का रात में निरीक्षण किया। फिलहाल, वन विभाग की टीमों की अब ट्रैप कैमरों पर नजर टिकी हुई। लेकिन, अब तक ट्रैप कैमरों में भी कहीं दूर तक लेपर्ड की चहल कदमी कैद नहीं हो पाई है। इधर, एफआरआई में पर्यटकों की आवाजाही पर रोक बरकरार है।

कई दिनों से विजिटर्स पर रोक

पर्यटकों से गुलजार रहने वाले एफआरआई कैंपस में इन दिनों खामोशी नजर आ रही है। इसकी असल वजह यहां लेपर्ड का मूवमेंट होना है। इसी के चलते एफआरआई प्रशासन ने दिन में पर्यटकों के विजिट पर 6 अक्टूबर तक के लिए रोक लगाई है। दरअसल, पिछले दिनों एफआरआई के मुख्यालय में देर रात दो लेपर्ड का मूवमेंट देखा गया। इसके बाद इसकी सूचना एफआरआई प्रशासन ने वन विभाग को दी। तब से लेकर अब तक वन विभाग की कई टीमें इलाके में गश्त पर जुटी हुई हैं। खुद डीएफओ नीरज शर्मा ने गुरुवार को एफआरआई का निरीक्षण किया और लेपर्ड के मूवमेंट की लोकेशन से साथ लगाए गए ट्रैप कैमरे व जाल को भी देखा।

कैप्चर नहीं हो पाया मूवमेंट

वन विभाग की ओर से एफआरआई में लगाए गए तीन कैमरों में अब तक किसी भी लेपर्ड का कोई मूवमेंट कैप्चर नहीं हो पाया है। जिसको लेकर वन विभाग की चिंताएं बढ़ गई हैं। हालांकि, यहां दिन-रात विभाग की टीमें अपने गश्त पर जुटी हुई हैं। एसडीओ अभिषेक मैठाणी, आरओ मालसी सुची चौहान, वन दरोगा अखिलेश कुमार समेत कर्मचारी शैलेंद्र रावत व कविता लेपर्ड को लेकर नजर बनाए हुए हैं। कार्मिकों की ये टीमें वहां पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। इन लेपर्ड की ढूंढ में एफआरआई के स्टाफ का भी वन विभाग कर्मचारियों को पूरा सहयोग मिल रहा है।

अक्सर रहा करता है मूवमेंट

एफआरआई में लेपर्ड दिखाई देना कोई नहीं बात नहीं है। यहां हर साल कई बार लेपर्ड की दस्तक की शिकायतें सामने आती रहती हैं। इसी क्रम में इस बार भी लेपर्ड के दिखाई देने की शिकायत के बाद वन विभाग की टीमें रेस्क्यू करने पर जुटी हुई हैं।

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