देहरादून, (ब्यूरो): सैटरडे को पंचायत प्रतिनिधियों को आक्रोश देखने को मिला। पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाने और एक राज्य एक पंचायत चुनाव कराने की मांग को लेकर उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन ने सीएम आवास कूच किया। हालांकि, इस दौरान पुलिस ने उन्हें पहले ही बैरिकेडिंग लगाकर रोका। लेकिन, इस बीच पंचायत प्रतिनिधियों व पुलिसकर्मियों के बीच धक्का-मुक्की और हाथापाई भी हुई। बाद में पुलिस ने करीब 350 प्रदर्शनकारियों को अरेस्ट किया और जिला कारागार सुद्धोवाला तक ले गई। हालांकि, यहां कारागार के बाहर प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने बाद में छोड़ दिया। लेकिन, इस दौरान पुलिस की इस कार्रवाई से आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है।

उचित कार्रवाई का दिया था भरोसा

उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के बैनर तले पंचायत प्रतिनिधियों ने कुछ महीने पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी व पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज के साथ बैठक की थी। प्रतिनिधियों का कहना है कि इस दौरान उन्हें उचित कार्रवाई का भरोसा दिया गया था। अब एक माह बाद भी कार्रवाई न होने पर सैटरडे को पूरे राज्यभर के करीब एक हजार पंचायत प्रतिनिधि परेड ग्राउंड में जमा हुए। उसके बाद उन्होंने सीएम आवास के लिए कूच किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने सुभाष रोड पर सचिवालय से कुछ दूरी पहले रोक लिया। लेकिन, प्रदर्शनकारी लगाई गई बैरिकेडिंग को फांदने लगे। इसके बाद प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। यहां तक कि दोनों पक्षों के बीच हाथापाई तक हो गई। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारी सड़क पर धरना देकर बैठ गए। जिनको बाद में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और बस में बैठाकर सुद्धोवाला स्थित जिला कारागार के बाहर ले जाकर छोड़ दिया।

मंत्री के खिलाफ आक्रोश

उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भास्कर संबल ने आरोप लगाया कि पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज के कारण ही उनकी मांग पूरी नहीं हो पा रही है। कहा, कोविडकाल में दो वर्ष तक पंचायतों में जन सरोकार से जुड़े कार्य नहीं हुए। सीएम ने मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में उनकी मांग पर उचित कार्रवाई का भरोसा दिया था। लेकिन, उनका कार्यकाल बढ़ाने के बजाए प्रशासकों की तैनाती कर दी गई। इसी कारण उनमें नाराजगी है।

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