देहरादून (ब्यूरो)। उत्तराखंड में रोड एक्सीडेंट के आंकड़ों पर नजर डालें तो राज्य में हर वर्ष करीब 5 हजार रोड एक्सीडेंट होते हैं। इनमें 1 हजार लोगों की मौत होती है और करीब 1300 घायल हो जाते हैं। उत्तराखंड के मामले में दूसरी प्रमुख बात यह है कि यहां प्रति रोड एक्सीडेंट में मरने वालों की संख्या नेशनल एवरेज से ज्यादा है। देश में प्रति 100 रोड एक्सीडेंट में एवरेज 25 से 30 लोगों की डेथ होती है, जबकि उत्तराखंड में प्रति 100 रोड एक्सीडेंट में मरने वालों की संख्या 60 से 70 है। हर हादसे के बाद जिम्मेदार ड्राइवर को मान लिया जाता है। जबकि एक्सपर्ट कई बार दोहरा चुके हैं कि राज्य में ऐसी व्यवस्था की जरूरत है, जिसमें ड्राइवर की चूक के बावजूद लोगों की जान बचाई जा सके।

क्रैश इंवेस्टिगेशन सेल गठित
दून में अब ट्रैफिक पुलिस ने क्रैश इंवेस्टिगेशन सेल का गठन किया है। इस सेल के माध्यम से सीनियर ऑफिसर हर एक्सीडेंट पर नजर रखेंगे। एक्सीडेंट की जांच होगी और एक्सीडेंट वाली जगह या कारणों से फिर दुर्घटना ना हो, इसके लिए कदम उठाये जाएंगे। यह सेल एसीडेंट के कारणों की जांच पर रिपोर्ट भी प्रस्तुत करेगी।

ड्रोन और कैमरों के बाद जांच
देहरादून में टै्रफिक पुलिस पिछले एक साल से ड्रोन का उपयोग और कैमरों से रेड लाइट जम्प के चालान, स्पीड कैमरा, ट्रैफिक आई एप आदि का इस्तेमाल कर ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के प्रयास कर रही है। अब रोड एक्सीडेंट के साइंटिफिक इंवेस्टिगेशन के लिए ट्रैफिक पुलिस ने क्रैश इंवेस्टिगेशन सेल गठित किया है। यह सेल देहरादून जिले में रोड एक्सीडेंट के मैनेजमेंट और इंवेस्टिगेशन के लिए टेक्नोलॉजी का बेहतर तरीके से इस्तेमाल करेगी। अब एक्सीडेंट की इंवेस्टिगेशन केवल कागजी खानापूर्ति के लिए नहीं होगी, बल्कि हर एक्सीडेंट के असली कारणों की जांच की जाएगी। जांच रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद इस तरह की व्यवस्था की जाएगी, ताकि उसी कारण से कोई अन्य एक्सीडेंट न हो।

ये होंगे सीआईसी में
एसआई - 1
हेड कांस्टबल - 1,
कांस्टेबल - 5,
महिला कांस्टेबल - 1

फॉरेंसिक स्पेशलिस्ट को कमान
ट्रैफिक से इस सेल की कमान सब इंस्पेक्टर प्रकाश चंद्र को सौंपी है। प्रकाश चंद ट्रैफिक पुलिस में ट्रैफिक और फॉरेंसिक स्पेशलिस्ट माने जाते हैं। जो हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल उनकी टीम में शामिल किये जाएंगे, वे भी अपने काम में अनुभवी होंगे। यह टीम सिर्फ खानापूर्ति के लिए एक्सीडेंट की जांच नहीं करेगी, बल्कि एक्सीडेंट के कारणों की पड़ताल करेगी। ताकि आगे से उस कारण को दूर किया जा सके।

ये काम करेगी इंवेस्टिगेशन सेल
- हर एक्सीडेंट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लोगों, इंफ्रास्ट्रक्चर और वाहन की जांच।
- चेकिंग के दौरान वाहनों की आरसी व चैसिस नम्बर आदि संबंधित दस्तावेजों के अनियमितता की जांच।
- रोड एक्सीडेंट के मामलों से सम्बन्धित कार्यवाही के लिए संबंधित थानों के जांच करने वालों से कोऑर्डिनेशन कर समय पर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करना।
- रोड एक्सीडेंट में घायल लोगों को हॉस्पिटल पहुंचाने वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर उनको पुरस्कृत किये जाने के लिए उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजना।
- सड़क दुर्घटनाओं के कारणों की टेक्निकल तरीके से जांच कर रिपोर्ट भेजना।
- आई-रेड एप पर रोड एक्सीडेंट का विवरण अपडेट करना।

---------
ट्रैफिक व्यवस्था को अत्याधुनिक बनाने की दिशा में हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। क्रैशर इंवेस्टिगेशन सेल इस सुधार का एक महत्वपूर्ण चरण है। अब पुलिस सिर्फ रोड एक्सीडेंट में एफआईआर ही दर्ज नहीं करेगी, बल्कि एक्सीडेंट के कारणों की साइंटिफिक जांच भी करेगी, ताकि उन्हीें कारणों से कोई और एक्सीडेंट न हो।
अक्षय कोंड, एसपी ट्रैफिक