देहरादून, (ब्यूरो): बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था के लिए फ्राइडे से दून के 21 निजी स्कूलों की समय-सारणी में बदलाव का असर फस्र्ट डे ज्यादा इंपैक्टिव नजर नहीं आया। हालांकि, कुछ इलाकों में पुलिस की योजना आंशिक तौर पर इंप्लीमेंट होती हुई नजर आई। लेकिन, उम्मीद के मुताबिक असर नहीं दिखा। स्कूलों के सुबह खुलने और छुट्टी के समय ट्रैफिक जाम के हालात अधिकतर सड़कों पर आम दिनों के जैसे ही नजर आए। खासकर कर्जन रोड, मोहिनी रोड, डालनवाला, ईसी रोड, सुभाष रोड व राजपुर रोड जैसे एरियाज में दोपहर के वक्त जाम ही लगा हुआ दिखा। खास बात ये रही कि एसएसपी दून अजय ङ्क्षसह भी दलबल के साथ सड़कों पर उतरे। जहां वे पुलिस के नए इस प्लान की समीक्षा करते रहे।

एसएसपी ने की समीक्षा
-जहां जाम के हालात बने, वहां कारणों को तलाशा गया।
-पेरेंट्स व स्कूल मैनेजमेंट के साथ मंथन होता रहा।
-समीक्षा में पाया, सबसे बड़ी समस्या स्कूल कैंपस के बाहर वाहनों का पार्क होना।
-इसमें स्टूडेंट्स के वाहनों के साथ ही स्कूल के स्टाफ के वाहन भी शामिल रहे।

स्कूल कैंपस में ही पार्क होंगे वाहन
पुलिस ने अब इस बात पर जोर दिया है कि मंडे से स्कूल स्टाफ व सभी स्टूडेंट्स के वाहन स्कूल कैंपस के अंदर ही अपने वाहन पार्क करेंगे। इधर, 21 में से 2 स्कूलों ने स्कूल में परीक्षा का हवाला देते हुए मंडे से अपने स्कूलों की समय सारणी में परिवर्तन लाने के लिए पुलिस को भरोसा दिया है।

प्रशासन से मंजूरी के बाद इंप्लीमेंट
दरअसल, स्कूलों के खुलने व छुट्टी होने के दौरान शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात पाने के लिए पुलिस ने नए ट्रैफिक प्लान पर नए ट्रैफिक प्लान पर फ्राइडे से काम शुरू किया। इसके तहत सिटी में सुबह और दोपहर में लगने वाले ट्रैफिक जाम के लिए निजी स्कूलों के खुलने और छुट्टी के समय को वजह बताते हुए दून पुलिस ने क्लस्टर एरिया में स्थित 21 निजी स्कूलों के समय-सारणी को बदलने का फैसला लिया। जिला-प्रशासन से भी इसकी स्वीकृति मिली। इसके बाद एसएसपी ने स्कूलों के खुलने और बंद होने के समय में बदलाव के आदेश जारी कर फ्राइडे से इसकी ग्राउंडिंग की।

ऐसे की गई नए प्रोजेक्ट की शुरुआत
-नई व्यवस्था के तहत किसी स्कूल के खुलने का वक्त सुबह सात बजे, किसी का सवा सात या फिर साढ़े सात व आठ बजे हुआ।
-ऐसे ही दोपहर में छुट्टी का वक्त भी साढ़े 12 बजे से दो बजे के बीच का किया गया।
-ज्यादातर स्कूलों ने पेरेंट्स को वाट््सअप पर मैसेज भेजकर स्कूल के समय में हुए बदलाव की इंफॉर्मेशन दी।
-21 में से 2 स्कूलों सेंट जोसेफ्स व कान्वेंट ऑफ जीजस एंड मैरी ने आंतरिक परीक्षा का हवाला देकर कर दिया मना।
-बाकी 19 स्कूल के मैनेजमेंट ने समय-सारणी में किए गए परिवर्तन के अनुसार क्लासेस संचालित की।
-योजना को लागू कराने व व्यावहारिक दिक्कतों का पता लगाने के लिए पुलिस के अधिकारी सुबह से अपने क्षेत्रों में रहे तैनात।
-योजना के तहत सुबह के वक्त ट्रैफिक प्रेशर गत दिनों की तुलना में कम नजर आया।
-ऐसे में सुबह कम, दोपहर में ज्यादातर इलाकों में ट्रैफिक को लेकर खास असर नहीं दिखा और सड़कों पर जाम रहा।

इन इलाकों में बेअसर प्लान
-बुद्धा चौक
-कर्जन रोड
-डालनवाला

चिन्हित बिंदुओं पर होगा काम
पुलिस के मुताबिक जिन इलाकों में पूर्व जैसी स्थिति रही। उसका कारण स्कूलों के बाहर सड़क के दोनों तरफ स्टाफ व स्टूडेंट्स के वाहनों का पार्क होना बताया गया। ऐसे में पुलिस ने जाम को लेकर कुछ ङ्क्षबदु चिह्नित किए गए हैं, जिनमें सुधार किया जाएगा।

ये अधिकारी रहे तैनात
-एसएसपी दून
-एसपी सिटी
-सीओ पटेलनगर
-सीओ डालनवाला
-सीओ ट्रैफिक
-थाना व चौकी प्रभारी
-चीता पुलिस

पुलिस के अपने तर्क
-स्कूल गार्ड पर सहयोग न करने का आरोप।
-स्कूलों में बच्चों को लाने व ले जाने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट की तुलना में निजी वाहनों का ज्यादा प्रयोग।
-अब पुलिस सभी स्कूल संचालकों के साथ मिलकर पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए करेगी चर्चा।
-स्कूलों के बाहर ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए जरूरत के अनुसार गार्ड नियुक्त करने की दी जाएगी सलाह।
-सीजेएम का समय न बदलने से सर्वे चौक से तिब्बती मार्केट मार्ग पर जाम की स्थिति।

पेरेंट्स को भी हो रही दिक्कत
स्कूल का समय बदलने से कुछ पेरेंट्स को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सुबह सात बजे कक्षाएं शुरू होने के कारण अभिभावक सुबह जल्दी उठकर बच्चों को तैयार कर उन्हें स्कूल छोडऩे पहुंच रहे हैं। वहच्ं, दो बच्चों का समय अलग-अलग होने से भी अभिभावकों को उन्हें लाने-ले जाने में मुश्किल हो रही है।

वैन चालकों की बढ़ी परेशानी
स्कूलों के समय में बदलाव से कुछ अभिभावक तो परेशान हैं हीं, वैन चालकों को भी इससे दिक्कतें पेश आ रही हैं। वैन चालकों को सुबह घरों से बच्चों को पिक करने के लिए अलग-अलग समय पर जाना पड़ रहा है। किसी को घर से साढ़े छह बजे तो किसी को साढ़े सात बजे पिक करने के चलते दो चक्कर काटने पड़ रहे हैं। ऐसे ही छुट्टी के दौरान भी हो रहा है।

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