- थर्ड वेव के डर से पैरेंट्स तैयार नहीं बच्चों को स्कूल भेजने के लिए
- पहले दिन ज्यादातर स्कूलों में बहुत कम स्टूडेंट्स पहुंचे
9वीं से 12वीं क्लास के लिए खुले स्कूल
15 परसेंट स्टूडेंट्स ही पहुंचे पहले दिन
6ठी से 8वीं की क्लासेज होंगी 16 से
देहरादून,
कोविड की सेकेंड वेव के बाद एक बार फिर 9वीं से 12 तक के स्टूडेंट्स के लिए स्कूल खुल गये। हालांकि पहले दिन बहुत कम स्टूडेंट्स स्कूल पहुंचे। ज्यादातर पैरेंट्स अब भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं। पैरेंट्स का कहना है एक तरफ थर्ड वेव की आशंका जताई जा रही है, दूसरी ओर बच्चों को स्कूल बुलाया जा रहा है।
कॉलेज बंद तो स्कूल क्यों खोले
कई पैरेंट्स ने सवाल उठाया है कि कॉलेज बंद हैं तो स्कूल क्यों खोले गये हैं। पैरेंट्स का कहना है कि कॉलेज गोइंग स्टूडेंट़्स की ऐज 18 वर्ष से ज्यादा है, उन्हें वैक्सीन लगवाई जा रही हैं। कई स्टूडेंट्स लगवा भी चुके होंगे। इसके बावजूद कॉलेज बंद हैं। जबकि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को अभी वैक्सीन नहीं लगवाई जा रही है और उन्हें जबरन स्कूल भी बुलाया जा रहा है।
15 परसेंट स्टूडेंट्स ही पहुंचे
दून में स्कूल तो खुल गये, लेकिन स्टूडेंट्स की संख्या बहुत कम रखी। प्रशासन की ओर से पहले ही साफ कर दिया गया है कि बच्चों को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। पैरेंट्स चाहें तो ही बच्चे स्कूल आएंगे। बच्चों की उपस्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जीजीआईसी राजपुर रोड में 9वीं से 12 वीं के 519 स्टूडेंट्स रजिस्टर्ड हैं, लेकिन मंडे को केवल 83 स्टूडेंट ही स्कूल पहुंचे। इसी तरह नारी शिल्प स्कूल में इन क्लासेज में 270 स्टूडेंट में से केवल 38 स्टूडेंट ही स्कूल पहुंचे। अजबपुर स्थित जीजीआईसी में 303 स्टूडेंट्स में से 22 स्टूडेंट ही पहुंचे।
कई प्राइवेट स्कूल अभी बंद
सिटी के सभी सरकारी स्कूल खुल गये हैं, लेकिन कुछ प्राइवेट स्कूलों ने अभी स्टूडेंट्स को नहीं बुलाया है। एसजीआरआर रेसकोर्स की प्रिंसिपल प्रतिभा अत्री ने बताया कि हम स्कूल को सेनेटाइज कर रहे हैं। स्टूडेंट्स को 5 अगस्त से बुलाया है। कई अन्य प्राइवेट स्कूल भी अभी नहीं खोले गये हैं। कुछ निजी स्कूल इस हफ्ते तो कुछ अगले हफ्ते तक बच्चों को स्कूल बुलाने की तैयारी में हैं। बोर्डिग स्कूल खुलने में डेढ़ से दो हफ्ते तक का समय लग सकता है।
क्वारंटीन सेंटर हटाकर चली क्लासेस
जीजीआईसी अजबपुर में उस समय अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई, जब स्टूडेंट्स स्कूल पहुंच गये, लेकिन वहां क्वारंटीन किये गये कुछ लोग तब भी मौजूद थे। प्रिंसिपल नर्वदा राणा ने बताया कि उन्होंने 23 जुलाई को ही स्कूल खाली करने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन नहीं किया गया। 31 जुलाई को उन्होंने फिर से स्कूल खाली करने को कहा था। आज सुबह जब स्कूल खुला तब भी क्वारंटीन किये गये कुछ लोग मौजूद थे। हालांकि स्टूडेंट्स के पहुंचने के बाद वे चले गये।
गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग
कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए स्कूल गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग और सेनेटाइजेशन के बाद ही स्टूडेंट्स को स्कूल में एंट्री दी गई। कुछ स्कूलों में छुट्टी के बाद सेनेटाइजेशन भी किया गया। इस बीच कई अशासकीय स्कूल्स ने सेनेटाइजेशन के लिए बजट की मांग की है।
नवंबर में भी खुले थे स्कूल
पिछले साल कोरोना संक्रमण के चलते मार्च में स्कूल बंद हो गए थे। बोर्ड कक्षाओं की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए दो नवंबर से 10वीं और 12वीं के लिए स्कूल खोल दिए गए थे। पॉजिटिव की संख्या कम होने के बाद राज्य सरकार ने छठी से 11वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए भी आठ फरवरी से स्कूल खोल दिये थे। उस दौरान भी ज्यादातर पैरेंट्स ने अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। प्राइवेट स्कूलों ने भी बच्चों को बुलाने पर जोर नहीं दिया। अप्रैल में कोरोना की सेकेंड वेव आने पर दोबारा स्कूल बंद करने पड़े। साथ ही बोर्ड की परीक्षाएं भी रद कर कर दी गई। अब कैबिनेट के फैसले पर 9वीं से 12वीं के लिए स्कूल खोल दिए गए हैं। छठी से आठवीं तक के लिए 16 अगस्त से स्कूल खोलने की तैयारी की जा रही है।