-सिर्फ चालान से नहीं होगा सुधार, होना पड़ेगा जागरूक
-कई लोगों ने वक्त पर छोड़ी लत, जी रहे सेहतमंद जीवन
देहरादून, 31 मई (ब्यूरो)।
तंबाकू के पैकेट पर लिखा होता है कि यह हेल्थ के लिए घातक है, बावजूद इसके अधिकांश लोग इसका सेवन करते हैैं और कई बीमारियों की चपेट में आ जाते हैैं। लेकिन, समाज में बहुत कम ही सही ऐसे लोग भी हैैं जो समय पर सचेत हो जाते हैैं और तन और धन दोनों बचा लेते हैैं। इस वल्र्ड नो टोबैको डे पर मिलिये ऐसे ही लोगों से जो आपके लिए भी प्रेरणा बन सकते हैैं।
तंबाकू से ये नुकसान
मुंह, गला, फेफड़े, फूड पाइप, किडनी, पैंक्रियाज, सेरेविक्स कैंसर समेत सांस में तकलीफ की समस्याएं होती हैं। इसके साथ ही लीवर में होने वाले 10 प्रकार के कैंसर में से 9 प्रकार के कैंसर धूम्रपान की वजह से ही होते हैं।
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धन भी बचा, तन भी बचाया
दून निवासी जोगेश गुप्ता उन चंद लोगों में शामिल हैैं जिन्होंने समय रहते तंबाकू का सेवन बंद कर दिया। ऐसे में उन्हें सेहतमंद जीवन तो मिला ही, उन्होंंने अच्छी-खासी सेविंग भी कर ली। 2 साल पहले तक वे लगातार तम्बाकू का इस्तेमाल करते थे, जिसमें रोजाना 50 से 60 रुपये खर्च होते थे। इस बीच सांस लेने में तकलीफ होने लगी तो डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने उन्हें अवेयर किया और उन्होंने तंबाकू का इस्तेमाल कम कर दिया। अब वे रोजाना सेविंग भी कर रहे हैैं और सेहत भी दुरुस्त है।
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जागरूकता ने बचा लिया जीवन
दून निवासी राकेश सिंह बताते हैं कि वे पहले तंबाकू का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते थे। लेकिन, कई बार ट्रैवल के दौरान तम्बाकू खाने के कारण परिजन ही उनसे दूर-दूर रहते थे। यहीं नहीं तंबाकू से होने वाले जागरूकता कार्यक्रम का भी वे हिस्सा बने। इसके नुकसान की जानकारी मिली। हॉस्पिटल में जब उन्होंने ऐसे लोगों को देखा जो तंबाकू का सेवन करते थे और उसके गंभीर परिणाम भुगत रहे थे, तो वे सजग हुए और तत्काल तंबाकू छोड़ दिया।
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2130 लोगों ने छोड़ा तंबाकू
दून के 363 स्कूलों व 20 कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया। जिसमें 20538 लोगों को जागरूक किया गया। इनमें से करीब 2130 लोगों ने तंबाकू का इस्तेमाल करना भी छोड़ दिया। इस दौरान इन्हें तंबाकू के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान की जानकारी भी दी गई थी।
पैनल्टी से भी नहीं मान रहे दुकानदार
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार कई दुकानों के चालान किए गए हंै। लेकिन, इसके बाद भी वे प्रतिबंधित एरिया में तंबाकू की दुकाने लगा देते हैं। जबकि तंबाकू का इस्तेमाल करना सरकारी कार्यालय, संस्थान, चिकित्सा इकाइयों, पुलिस थाने, चौकी व चिन्हित ग्राम पंचायतों में निषेध किया गया है। लेकिन, इसके बाद भी बीते एक साल में सिटी में 9516 लोगों दुकानों पर कार्रवाई कर 505195 रुपये की पैनल्टी वसूल की गई।
10 रुपये की बीड़ी त्यागें, बचाएं 15.45 लाख
उत्तरकाशी के जयप्रकाश गैरोला ने की तंबाकू त्यागने की अपील की। जयप्रकाश गैरोला और उनकी शिक्षक पत्नी कौशल्या गैरोला धूमपान और तंबाकू उन्मूलन के लिए एक खास अभियान चला रहे हैं। उनका मानना है कि धूम्रपान पर रोजाना 10 रुपये खर्च करने वाला व्यक्ति इस लत को छोड़कर 70 साल की उम्र में 15 लाख 45 हजार रुपये बचा सकता है। एक व्यक्ति 10 रुपये रोज बीड़ी पर खर्च करता है तो वह 10 साल में 36000 रुपये खर्च कर देता है। विभिन्न बैंकों एवं सहकारी समिति में आरडी कर पहले 10 साल में 47489 रुपये बचाए जा सकते हैं। इसी तरह से 70 साल की उम्र तक ये 1545195 रुपये हो जाएंगे।
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तंबाकू में मौजूद निकोटीन ब्लड प्रेशर बढ़ाता है। जब आप धूम्रपान करते हैं तो उसका धुंआ पूरे श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। ये आंख, कान और फेफड़ों को प्रभावित करता है। इसका संबध मुंह से होता है। इसलिए तंबाकू से कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती हैं।
- डॉ। विवेक गौरव, डेंटिस्ट