कई जगह मौके पर चैकिंग कर भूल गए आरटीओ
सिटी बसों के ड्राइवर व कंडक्टर के पास यूनिफॉर्म नहीं

देहरादून, (ब्यूरो):

तारीख 8 नवम्बर, 30 नवम्बर, 22 दिसम्बर। ये वो दिन थे, जब आरटीओ इनफोर्समेंट शैलेश तिवारी दून की बदहाल पब्लिक ट्रांसपोर्ट व्यवस्था को लेकर राजधानी दून के तमाम इलाकों में पहुंचे थे। आरटीओ के सामने सीन बिलकुल क्लीयर थे। पब्लिक ट्रांसपोर्ट आउट ऑफ ट्रैक थी, ताबड़तोड़ कार्रवाई हुई और चेतावनी भी दी गई। लेकिन करीब एक महीना बीत गया है और स्थिति में कोई परिवर्तन देखने को नहीं मिला। न सिटी बसों में चालक परिचालकों की यूनिफॉर्म नजर आ रही है। न रेट लिस्ट डिस्प्ले है और न ही लम्बी दूरी पर जाने वाले पब्लिक ट्रांसपोर्ट में रेट का निर्धारण देखने को मिल रहा है, एक रिपोर्ट।

ये है पब्लिक ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था
सिटी बस-319
विक्रम-794
ऑटो-3500
ई-रिक्शा- 3540
मैक्सी कैब- 135

ऐसे जाना था हाल
-8 नवम्बर को सिटी बसों में पैसेंजर बनकर की थी रेंडम चैकिंग
- 30 नवम्बर को विक्रम की व्यवस्था की जांच
- 22 दिसम्बर को किया था ऑटो में रेट की चैकिंग

ये रहा ऑटो का हाल
ऑटो चालक से जब पैसेंजर ने गांधी पार्क से जाखन तक का किराया पूछा तो ऑटो चालक ने 160 रुपये किराया मांगा। जबकि, आरटीओ के अनुसार प्रति दो किलोमीटर पर 60 रुपये व प्रति एक किलोमीटर की दूरी पर 18 रुपये देने होंगे। जिसके बाद गांधी पार्क से जाखन तक की दूरी करीब साढ़े चार किलोमीटर हुई। जिसके बाद कुल किराया 105 रुपये हुई। लेकिन, ऑटो चालक 55 रुपये ज्यादा किराया मांगा। यहीं नहीं ऑटो चालक के ऑटो में किराया सूची भी नहीं लगी मिली। यहीं नहीं एक पैसेंजर ने जब पवेलियन ग्राउंड से कंडोली का किराया पूछा तो ऑटो चालक ने सीधे 200 रुपये मांगे। जबकि आरटीओ ने चैकिंग के दौरान किराया सूची लगाने के निर्देश दिए थे।

सिटी बसों में ये मिली कमी
-क्षमता से दोगुने पैसेंजर करते मिले सफर।
-सिटी बस के ड्राइवर व कंडक्टर ने नहीं पहनी थी यूनिफॉर्म।
-महिला व विकलांग सीटों पर सफर कर रहे पुरुष।
-तेज म्यूजिक सिस्टम के साथ चला रहे बसें।
-पैसेंजर से पैसे लेने के बाद भी नहीं दिया टिकट।
-नहीं मिला अधिकतर बसों में फायर सिक्योरिटी सिलेंडर।
-नहीं लगा मिली किराया सूची।

नहीं मान रहे विक्रम चालक
आरटीओ ने 30 नवम्बर को विक्रम चालकों की मनमानी को लेकर रैंडम चैकिंग की थी। जबकि, सवा महीने बाद भी विक्रम चालकों की मनमानी पर लगाम नहीं लग सके। आज भी 6 प्लस वन पर पास विक्रम में 9-9 सवारी बैठकर जाती मिलीं। तीन पैसेंजर की सीट पर चार लोग और ड्राइवर की सीट पर आगे कहीं एक तो कहीं दो-दो लोग सफर करते मिले। यही नहीं विक्रम चालक कहीं भी रोकते हुए दिखाई दिए। इसके साथ ही इनके विक्रम में फायर सिक्योरिटी सिस्टम भी नहीं लगा मिला।

विक्रम में ये मिलीं कमियां
-विक्रम में आज भी तीन सीट पर चार लोग मिले बैठे।
-ओवरलोड होने के बाद भी पर तेजी से दौड़ते दिखे विक्रम।
-तय कीमत से भी ज्यादा वसूल रहे किराया।
-कई विक्रम मानक से ज्यादा धुआं छोड़ते दिखाई दिए।
-नहीं मिली किराये की सूची और फायर सिक्योरिटी सिस्टम।

बीते दिनों सभी पब्लिक ट्र्रांसपोर्ट की रैंडम चैकिंग की गई थी। जिसके बाद उन्हें सुधार के लिए समय दिया गया था। लेकिन, इसके बाद भी अब भी वे मनमानी कर रहे हैं तो इन पर कार्रवाई की जाएगी।
शैलेश तिवारी, आरटीओ एनफोर्समेंट देहरादून

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