सोशल मीडिया के माध्यम से पब्लिक को किया जा रहा है अवेयर
देहरादून, 15 अप्रैल (ब्यूरो)।
चारधाम यात्रा के दौरान पैसेंजर की सुरक्षा को देखते हुए आरटीओ की ओर तैयारी की गई। पैसेंजर को किसी भी तरह की परेशानी न हो इसके लिए आरटीओ की ओर से जारी ग्रीन कार्ड के प्रोसेस को सोशल मीडिया के माध्यम से समझाया जा रहा है। इसके साथ ही जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए ग्रीन कार्ड अनिवार्य किया गया है। वहीं कॉमर्शियल वाहनों के लिए ग्रीन कार्ड के साथ ट्रिप कार्ड बनाना भी अनिवार्य किया गया है। यात्रा में वाहन संचालकों को ग्रीन कार्ड के संग ट्रिप कार्ड भी लेना होगा। इसके लिए आनलाइन आवेदन किया जाएगा। कार्ड अप्लाई करते हुए वाहन स्वामी को किसी भी तरह की परेशानी न हो इसके लिए आरटीओ की ओर से सबंधित कर्मचारियों से वीडियो भी बनवाई। जिससे पब्लिक को परेशानी न हो।
10 मई से शुरू हो रही यात्रा
10 मई से चारधाम यात्रा के साथ ही आरटीओ ने कॉमर्शियल वाहनों के लिए नियम व शर्तें जारी की है। आरटीओ के अनुसार चारधाम की यात्रा के लिए श्रद्धालु बस, टैक्सी, मैक्सी कैब आदि कॉमर्शियल वाहनों से यात्रा पर जाते हैं। जिसमें उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों के वाहन भी शामिल होते है। इनमें सबसे ज्यादा कार्मशियल वाहन भी बड़ी संख्या में यात्रा पर आते हैं। यह वाहन संचालक आरटीओ से ग्रीन कार्ड तो बनवा लेते हैं, लेकिन ट्रैवल पर वाहन कितने फेरे लगा रहा है इसकी सूचना नहीं मिल पाती। इसका पता लगाने के लिए दो वर्ष पूर्व ट्रिप कार्ड अनिवार्य किया गया।
वाहनों पर भी रहेगी नजर
-वाहन की फिटनेस
-ओवरलोङ्क्षडग
-ओवरस्पीड
-ड्रंक एंड ड्राइव
-ज्यादा किराया वसूलना
सोशल मीडिया पर दे रहे जानकारी
चारधाम यात्रा को लेकर इस साल पहली बार आरटीओ की ओर से सोशल मीडिया पर ग्रीन कार्ड और ट्रिप कार्ड बनाने की पूरी जानकारी दी जा रही है। किस प्रोसस के जरिए ग्रीन कार्ड बनेंगे और उसके लिए कौन-कौन से डॉक्यूमेंट लगेंगे इसकी पूरी जानकारी दी गई हैं। इसमें एआरटीओ से लेकर सबंधित डिपार्टमेंट के कर्मचारी के माध्यम से जानकारी दी गई है। आरटीओ ने ये यू-ट््यूब, इंस्टाग्राम व फेसबुक पर वीडियो के माध्यम से बताया है। इसके साथ ही क्यों जरुरी है ग्रीन कार्ड व ट्रिप कार्ड बनाना और यह कैसे बनाया जाएगा। जिसकी पूरी जानकारी और प्रोसेस वीडियों में दी गई है।
हर साल लाखों यात्री चारधाम यात्रा में पहुंचते हैं। इस दौरान कई यात्री जिन कॉमर्शियल वाहन से यहां पहुंचते है। ट्रैवल के दौरान पैसेंजर की सुरक्षा को देखते हुए रिकार्ड रखा जा रहा है। इसके साथ ही जीपीएस के माध्यम से वाहनों को ट्रैक करना भी आसान होगा।:-
सुनील शर्मा, यात्रा नोडल अधिकारी व आरटीओ प्रशासन