देहरादून (ब्यूरो) थर्सडे को आरटीओ ने अपनी कार्रवाई के तहत रैपिडो एप के माध्यम से दोपहिया वाहनों का संचालन कर रहे वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की। इस कार्रवाई में 9 वाहनों का चालान किया और 3 वाहन सीज भी किए। दरअसल, दून में भी बड़े शहरों की तर्ज पर रैपिडो वाहनों का ट्रेंड चल चुका है। जिसका लोगों को लाभ भी मिल रहा है। लेकिन, आरटीओ के पास लगातार शिकायतें आ रही थी कि कुछ रैपिडो संचालक निजी वाहनों का यूज कर रहे हैं। जबकि, ऐसे संचालकों को पहले एमवी एक्ट व नियमावली के तहत राज्य प्राधिकरण से लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है। लेकिन, कुछ संचालकों द्वारा ऐसा नहीं किया गया। संचालक सफेद नंबर प्लेट पर अपने वाहनों को रैपिडो में यूज कर कॉमर्शियल एक्टिविटीज को चला रहे थे।।
सवारी बनकर की बुकिंग
आरटीओ शैलेश तिवारी के मुताबिक विभाग की टीम ने इनको पकडऩे के लिए खास तरीका अपनाया। खुद रैपिडो एप डाउनलोड कर रैपिडो बुक कराया। इस दौरान पाया कि दून शहर में जो रैपिडो के नाम पर वाहन चल रहे हैं। उनके पास लाइसेंस नहीं है। बाकायदा, वे पीली नंबर प्लेट लगाने के बजाय सफेद नंबर प्लेट लगाकर चल रहे हैं। मतलब, साफ है कि रजिस्ट्रेशन करने और सरकार को शुल्क देने से बचने के लिए रैपिडो वाहन संचालक सरकार के आंखों में धूल फांक रहा था। जिसके बाद मौके पर ही विभाग ने कार्रवाई की और 9 का चालान किया और 3 वाहनों को सीज किया। आरटीओ के मुताबिक रैपिडो वाहन चालकों को पकडऩा आसान नहीं था। ऐसे में पहले एप डाउनलोड किया, फिर क्लाइंट बनकर इनकी असलियत पकड़ी गई।
अब एग्रीगेटर को वॉर्निंग
आरटीओ के अनुसार अब एग्रीगेटर भी निशाने पर है। इससे पहले एग्रीगेटर यानि इकट्ठा करने वाले को दो-तीन पर आरटीओ की ओर से नोटिस दिए जा चुके हैं। लेकिन, एग्रीगेटर भी इस पर सीरीयस नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में अब फाइनल अल्टीमेटम दिया गया है। आरटीओ के मुताबिक रैपिडो ऑनलाइन सेवा है। इसके तहत जरूरतमंद लोग ऑनलाइन बुकिंग कर इनकी सेवा लेते हैं। नजदीक की दूरी पर इन्हें बुक कर ऑनलाइन भुगतान करते हैं। बदले में एग्रीगेटर को कमीशन प्राप्त होता है।
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