देहरादून, (ब्यूरो): दून की सड़कों पर पब्लिक की सबसे पंसदीदा स्मार्ट सिटी की इलेक्टिक बसों को उत्तराखंड परिवहन निगम चलाने को तैयार नहीं है। सूत्रों की मानें तो ई बसों का संचालन हाथी जैसा है। इनकम से ज्यादा इसमें खर्च होता है। यही वजह है परिहवन निगम स्मार्ट सिटी की बसों के संचालन हाथ खड़े कर रहा है। ऐेसे में स्मार्ट सिटी की इन बसों के भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है। हालांकि ई बसों को लेकर शासन स्तर पर विचार-विमर्श चल रहा है। मुख्य सचिव इस संदर्भ में विभागों की बैठक भी ले चुका है। अभी लिखित रूप में कोई निर्णय नहीं हुआ है। दरअसल, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट मार्च 2025 में खत्म हो रहा है। स्मार्ट सिटी के कार्यों को अलग-अलग डिपार्टमेंट को हस्तांतरित होनी है। इनमें ई-बसें भी शामिल है।

आमदनी कम खर्चा ज्यादा
परिवहन निगम की ई बसों को मनाही के पीछे इन पर होने वाले भारी भरकम खर्च है। स्मार्ट सिटी 30 ई बसें संचालित कर रहा है। इनकी इमकम कम और खर्चा ज्यादा है। बताया जा रहा है कि इन पर करीब 73 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से है खर्च आता है। जबकि आमदनी 15 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से है। ऐसे में रोडवेज को इसका खर्च उठाना मुश्किल हो सकता है। इसलिए रोडवेज स्मार्ट सिटी की बसों के संचालन में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है।

पैसेंजर की फेवरेट सवारी
दून में 21 फरवरी 2021 से ई-बस की शुरुआत हुई। कई रुट्स तो इसमें वे शामिल थे। जहां अब तक किसी भी पब्लिक टांसपोर्ट की सुविधा नहीं थी। ऐसे में ये बसें स्थानीय लोगों के लिए वरदान साबित हुआ। इससे साथ ही ये बसें लगताार पिछले तीन सालों से 30 बसें तमाम रूट्स पर संचालित हो रही हैं।

ई बसों का सफर
-इन 30 बसों में अब तक 41,20,548 यात्री कर चुके हैं अपना सफर पूरा।
-इस 30 इलेक्ट्रिक बसों ने करीब 9 करोड़ से अधिक की कमाई भी पूरी कर ली
-सबसे पहले दून में बस चली।
- 21 फरवरी 2021
-वर्तमान में कितनी बसें चल रही हैं- 30
-अब तक बसों में यात्रि कर चुके सफर - 4120548
-अब तक बसों से हुई इनकम- 9 करोड़

ई बसों में फैसिलिटीज
-सुरक्षा हेतु बस में 2 कैमरे लगे हैं।
-बसे ऑनलाइन ट्रैक होती हैं जिससे बसों की वास्तविक लोकेशन पता की जाये।
- बसों मैं पैनिक बटन लगा है।
- शिक़ायत प्राप्त होने पर पुलिस को उचित कार्यवाही हेतु अवगत कराया जाता है।

मिलेगी 150 बसे
उत्तराखंड परिवहन निगम को पीएम ई बस सेवा के तहत दून में 150 इलेक्ट्रिक बसेें केन्द्र की ओर से मिलनी है। इन बसों का संचालन पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के तौर पर टेंडर के माध्यम से किया जाएगा.जिसका संचालन यूटीसी को करना होता है.पहले प्रपोजल में प्रपोजल टेंडर प्रॉसेस होगा और कंपनी का सिलेक्शन होने के बाद ई बसों की खरीद कर उन्हें रूट्स पर शुरू किया जाएगा।

क्या है पीएम ई बस सेवा
अगस्त 2023 में केंद्र सरकारी की ओर से पीएम ई बस सेवा लॉन्च की गई थी। इसके तहत देशभर में 10 हजार ई बसें संचालित करने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्र की ओर से लगभग 57 हजार करोड़ रुपये इस सेवा के लिए खर्च किए जाने का प्रावधान है। इसी स्कीम के तहत यूटीसी की ओर से 150 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद की जानी है। स्कीम का पीपीपी मोड पर संचालन किया जाना है।

होगी पॉल्यूशन फ्री सिटी
केन्द्र सरकार की ओर से पॉल्यूशन फ्री सिटी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस प्रयास के तहत दून में भी ई-बसों का संचालन शुरू किया गया था। इसके बाद केन्द्र सरकार की पीएम ई बस सेवा के तहत इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को बढ़ाया जाएगा। जिसमें उत्तराखंड को 150 बसों के संचालन के लिए प्रपोजल है। जिन रूट्स पर इलेक्ट्रिक बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है वहां पर भी संचालन बढ़ाने का प्रयास किजा जा रहा है।

स्मार्ट सिटी की ई बसों के संचालन का परीक्षण कराया जा रहा है। खर्च अधिक होने से निगम फिलहाल इनका व्ययभार उठाने में पूरी तरह समर्थ नहीं है। परिवहन निगम पहले ही घाटे में चल रहा है। शासन स्तर पर जो भी निर्णय लिया जाएगा उसके अनुसार विचार किया जाएगा।
आंनद श्रीवास्तव, एमडी, उत्तराखंड परिवहन निगम

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