देहरादून, (ब्यूरो): मानसून आते ही हमें गर्मी से राहत मिल जाती है, लेकिन इस मौसम में स्किन का ख्याल रखना भी बहुत जरूरी है। दून के स्किन स्पेशलिस्ट्स के पास कई लोग स्किन प्रॉब्लम्स लेकर आ रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि बरसात का मौसम हमारे शरीर, खासकर स्किन के लिए कई परेशानियां लेकर आता है। इस समय नमी ज्यादा होती है, जिससे खुजली, स्किन डैमेज और फंगल इंफेक्शन जैसी प्रॉब्लम्स आम हो जाती हैं।
हर कोई हो रहा है शिकार
दून के स्किन स्पेशलिस्ट्स की मानें तो रोजाना 2-3 लोग फंगल इंफेक्शन, 1-2 इम्पेटिगो और 5-6 लोग एलर्जी की शिकायत लेकर आ रहे हैं। कभी-कभी तो ये नंबर 10 तक भी पहुंच जाती है। ये प्रॉब्लम्स किसी एक उम्र तक सीमित नहीं होती, बच्चे से लेकर बड़े तक सभी को हो सकती है।
बरसात वाले इन्फेक्शन्स
- फंगल इंफेक्शन
- इम्पेटिगो
- बैक्टीरियल इंफेक्शन
- एलर्जी
- रिंगवर्म
- खुजली
- सन डैमेज
बरसात के मौसम में नमी ज्यादा होने से फंगल इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है, खासकर पसीने वाले हिस्सों में जैसे कि गर्दन और पैर के अंगूठों के बीच। इस समय पानी और कीचड़ जगह-जगह जमा रहता है, जिससे बैक्टीरिया और जम्र्स भी तेजी से पनपते हैं, और बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
लापरवाही से बचें
ये इन्फेक्शन्स फुन्सी, लालिमा और गोलाकार चकत्ते के रूप में स्किन पर फैल जाते हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि हमें इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और जितनी जल्दी हो सके इलाज कराना चाहिए। लापरवाही करना नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि ये बीमारियां शरीर में आसानी से और तेजी से फैलती हैं, और आपके आसपास के लोगों में भी फैलने का खतरा रहता है।
ऐसे रखे खुद का ख्याल
- साफ और सूखे कपड़े पहनें
- गंदे पानी और कीचड़ वाली जगहों पर जाने से बचें
- बरसात में जूते पहनने से बचें
- नहाने के बाद शरीर को अच्छे से सुखाएं
- घर में मौजूद पेट एनिमल की सफाई का ख्याल रखें
घर के अंदर मौजूद पौधे और पेट एनिमल भी बन सकते हैं खतरा
बरसात के मौसम में घर के अंदर पौधे न लगाना ही समझदारी होती है, क्योंकि इस मौसम में इनमें हानिकारक कीटाणु पनपने लगते हैं, जिनसे एलर्जी होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, घर में रह रहे पेट एनिमल की सफाई पर भी खास ध्यान देने की जरूरत होती है। उनके शरीर पर कीटाणु आसानी से पनप जाते हैं, इसलिए उनकी साफ-सफाई पर ध्यान देना जरूरी होता है।
सन डैमेज का भी रहता है खतरा
स्किन स्पेशलिस्ट नाजिया खातून बताती हैं कि बारिश के मौसम में भी अल्ट्रावायलेट रेज आती हैं, और बादल इन रेज को सीधे रोक नहीं पाते। उल्टा, ये किरणें बादलों के बीच से निकलकर और भी तेज हो जाती हैं। इसका मतलब है कि बारिश के मौसम में भी आपकी स्किन को अल्ट्रावायलेट रेज से डैमेज होने का खतरा बना रहता है।
मानसून में हमें अपनी खास देखभाल की जरूरत होती है, क्योंकि इस समय हमारे आसपास स्किन को नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया होते हैं। इससे एलर्जी और इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, हमें हाइजीन का खास ख्याल रखना चाहिए ताकि इन बीमारियों से खुद को प्रोटेक्ट कर सकें।
डॉ। नाजिया खातून, डर्मेटोलॉजिस्ट, ग्रेस क्लिनिक
बारिश के मौसम में फंगल इन्फेक्शन कॉमन होता है। डाइबिटिक पेशेंट्स में इन्फेक्शन होने का रिस्क ज्यादा रहता है। जो लोग हाइजीन का ध्यान नहीं रखते, उनमें यह खतरा और भी बढ़ जाता है। इसके अलावा, बारिश के मौसम में इंसेक्ट्स भी बढ़ जाते हैं और इनसे इन्फेक्शन होने का खतरा ज्यादा होता है।
डॉ। अनिल आर्य, डर्मेटोलॉजिस्ट, गांधी शताब्दी हॉस्पिटल
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