- उत्तराखंड रोड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन कंट्रोल एक्ट 9 साल बाद भी नहीं हुआ लागू
देहरादून (ब्यूरो):मेन सड़कों पर कई जगहों पर सड़कें सब्जी और फू्रट््स की रेहड़ी-ठेलियों और फास्ट फूड््स की ठेलियों से सज जाती हैं। कई जगहों पर महीनों तक निर्माण सामग्रियोंं ईंट, बजरी और पत्थर बिखरे पड़े रहते हंै। वाहनों को तो छोडि़ए पैदल चलने तक के लिए लोगों को धक्के-खाने पड़ते हैं। कई बार तंग बन चुकी रोड पर एक्सीडेंट का भी बराबर खतरा बना हुआ है। कई बार सड़क की कमी की वजह से जाम लग जाता है। सवाल यह है कि आखिरी पब्लिक कब तक सड़कों पर धक्के-मुक्के खाती रहेगी।
हाथी दांत बना रोड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन कंट्रोल एक्ट 2014
रोड इंफ्रास्ट्रक्चर और सेफ्टी के लिए वर्ष 2014 में राज्य सरकार ने रोड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन एंड कंट्रोल एक्ट (आरआईपीसी) बनाकर लागू, लेकिन करीब 9 साल बाद भी यह कानून राजधानी दून समेत प्रदेश में इम्पलीमेंट नहीं हो पाया। यह जानकारों की मानें तो कानून इंप्लीमेंट होता, तो आज सड़कों से अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस-प्रशासन को इतनी मशक्कत नहीं करनी पड़ती। पिछले पांच दिन में प्रशासन ने सड़कों से 300 से अधिक अवैध कब्जे हटाकर सड़कें मुक्त कराई। हालांकि टीम जाने के बाद इनमें से अधिकांश सड़कें फिर कब्जे हो गए। यह तब तक होता रहेगा जब तक प्रभावी तरीके से कानून को इम्लीमेंट नहीं किया गया।
नहीं बने सब रूल्स
सरकार ने रोड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन कंट्रोल तो 9 साल पहले लागू कर दिया, लेकिन अभी तक इम्लीमेंट नहीं हो पाया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक्ट की नियमावाली मार्च 2023 को पीडब्ल्यूडी ने शासन भेज दी है। शासन ने भी इस पर होम वर्क कर लिया है। उम्मीद है कि अगली कैबिनेट बैठक में एक्ट की नियमावली पास हो जाएगी, जिसके बाद इस कानून को सख्ती से लागू किया जाएगा। रोड सर्वे के लिए पीडब्ल्यूडी ने टेंडर जारी किए हैं।
पीडब्ल्यूडी को मिल जाएगी पावर
इस कानून के इम्लीमेंट होने से पीडब्ल्यूडी को चालानी नोटिस से लेकर जुर्माने की कार्रवाई का अधिकार मिल जाएगा। संबंधित डिविजन के अधिशासी अभियंता रोड पर अनावश्यक कब्जे करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर सकेंगे। साथ ही 5 हजार से लेकर 20 हजार रुपये और इससे अधिक जुर्माना भी वसूल सकते हैं। यानि पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को कार्रवाई के लिए पुलिस का मुंह नहीं ताकना पड़ेगा।
सेफ रोड और आसान ट्रेवलिंग का मिलेगा लाभ
इस संबंध में पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता रविंद्र आनंद बताते हैं कि एक्ट के सभी रूल्स बनाए जा चुके हैं, जिन्हें शासन को भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस कानून के लागू होने से पब्लिक को जहां सड़कों पर आसान और सुरक्षित सफर का लाभ मिलेगा वहीं रोड खुला होने से वाहनों की गति भी बढ़ेगी, जिससे समय की बचत होगी। इसके बाद बिना परमिशन के रोड साइड पर कोई निर्माण नहीं होगा। जितनी सड़क एरिया से उसे कवर किया जाएगा। सड़क पर किसी भी तरह की ऐसी गतिविधि को परििमशन नहीं दी जाएगी, जिससे टै्रफिक बाधित हो।
ये होंगे फायदे
120000 के करीब है शहर की आबादी
10000 लाख के करीब रजिस्टर्ड हैं दून में वाहन
2000 किमी। से अधिक शहर की रोड को मिलेगा लाभ
40000 किमी। से अधिक रोड है राज्य में
2014 में लागू किया था रोड इंफ्रास्ट्रक्चर कंट्रोल एक्ट
300 से अधिक कब्जे हटाए पुलिस और प्रशासन की टीम ने
उत्तराखंड रोड इंफ्रास्ट्रक्चर एंड कंट्रोल एक्ट की नियमावली बनाकर शासन को भेज दी गई है। शासन स्तर पर इस पर कार्रवाई चल रही है। जल्द ही एक्ट के इम्लीमेंट होने की उम्मीद है। इसे पहले चरण में कुछ सड़कों पर शुरू किया जाएगा। सर्वे के लिए टेंडर जारी किए जा रहे हैं।
दीपक कुमार यादव, प्रमुख अभियंता, पीडब्ल्यूडी
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