देहरादून (ब्यूरो)। दून मेडिकल कॉलेज व सरकारी हॉस्पिटल में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों का 31 मार्च को अनुबंध खत्म हो गया था। इससे 2200 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिये गये। स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की थी कि इनका रिक्त पदों पर समायोजन किया जाएगा। इस संबंध में कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। पर अभी तक इस मामले का समाधान हुआ नहीं हुआ है। जिससे नाराज कर्मचारियों ने सीएम आवास कूच किया। इस दौरान उन्होंने विरोध प्रदर्शन भी किया। आउटसोर्स कर्मचारियों की विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। इन्हें पुलिस लाइन ले जाकर छोड़ दिया गया। मुख्यमंत्री आवास कूच में देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, टिहरी आदि जिलों से आए आउटसोर्स कर्मचारी शामिल रहे।

बढ़ता जा रहा इंतजार
कर्मचारियों के अनुसार कोरोना की दूसरी व तीसरी लहर में उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना मरीजों की सेवा की। लेकिन, जैसे ही कोरोना संक्रमण कम हुआ, उन्हें नौकरी से हटा दिया। स्वास्थ्य मंत्री ने समायोजन की घोषणा की, पर अभी तक न कैबिनेट बैठक हुई है और न ही घोषणा पर अमल हुआ।

डालनवाला कोतवाली में हंगामा
कर्मचारियों की अगुआई कर रहे संजय कोरंगा को पुलिस डालनवाला कोतवाली ले गई। जहां काफी संख्या में कर्मचारी भी वहां पहुंच गए। उन्होंने पुलिस पर कर्मचारियों से बर्बरता व कोरंगा की हिरासत में पिटाई का आरोप लगाया। कहा कि बाकी सभी कर्मचारियों को पुलिस लाइन, जबकि सिर्फ कोरंगा को कोतवाली लाया। यह पुलिस की मंशा पर सवाल खड़े करता है। उन्होंने वहां जोरदार नारेबाजी की और धरने पर बैठ गए। चोटिल कोरंगा का दून अस्पताल में उपचार चल रहा है।

गर्भवती महिला कर्मचारी भी घायल
सीएम आवास कूच के दौरान एक गर्भवती महिला कर्मचारी और एक अन्य महिला कर्मचारी चोटिल हुए। कर्मचारियों का आरोप है कि गर्भवती कर्मचारी के पेट पर धक्का मुक्की से पैर लग गया। जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। वह लगातार उल्टियां कर रही थी। उसे दून हॉस्पिटल की इमरजेंसी में ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे भर्ती करने से मना किया। उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है।