- लाखों की कॉपर वायर के साथ दो आरोपी गिरफ्तार
- आरोपियों में एक बिजनौर, दूसरा मुजफ्फरनगर का निवासी
देहरादून, 27 अगस्त (ब्यूरो)। अंबर कंपनी के प्लांट हेड सुधीर कुमार शर्मा निवासी बांयाखाला निकट राजा रोड सेलाकुई ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। बताया कि जब उन्होंने कंपनी के गोदाम में स्टॉक को देखा तो एसी में लगने वाले कॉपर वायर के 4 बड़े बंडल कम दिखाई दिए। आरोप हैं कि चोरों ने कंपनी के पीछे लगी खिड़की के तार तोड़कर चार बंडल चोरी किए। जिसकी कीमत करीब 6 लाख रुपये है। इस पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज करते हुए इसकी जांच दरोगा रतन ङ्क्षसह बिष्ट को सौंपी।
सीसीटीवी फुटेज से हाथ लगे सुराग
थानाध्यक्ष मोहन ङ्क्षसह ने अपने नेतृत्व में पुलिस टीम गठित कर चोरों की तलाश की। टीम ने घटनास्थल पर लगे तमाम सीसीटीवी फुटेज खंगाले। जिसमें पुलिस को कुछ सुराग हाथ लगे। इसके बाद पुलिस ने सेलाकुई क्षेत्र से ऐसी चोरी की घटनाओं में जेल गए क्रिमिनल्स का वेरिफिकेशन करना शुरू किया। इसी दौरान मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने सारना नदी किनारे से दो युवकों को दबोचा। उनके कब्जे से अंबर फैक्ट्री से चोरी किए गए 156 किलो 600 ग्राम कापर के वायर बरामद किए। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने अपना नाम मोहम्मद मोबिन निवासी रविदासनगर थाना नूरपुर बिजनौर (यूपी) हाल निवासी जमनपुर सेलाकुई और मोहम्मद इमरान निवासी मोहल्ला कूकड़ा कस्बा मुजफ्फरनगर (यूपी) हाल निवासी शिवनगर बस्ती सेलाकुई बताई।
कबाड़ में बेचने पर मिलती है मोटी रकम
पुलिस के मुताबिक आरोपी मोहम्मद इमरान अंबर फैक्ट्री में इसी वर्ष जून महीने में हुई चोरी में जेल जा चुका है। जबकि, आजकल वह जमानत पर है। पूछताछ में आरोपी मोबिन और इमरान ने बताया कि वे फैक्ट्रियों में डेली मजदूरी करते हैं। इस दौरान वे फैक्ट्री के गोदामों के बारे में पूरी डिटेल एकट्ठा करते हैं। उसके बाद राज में मौका पाते ही चोरी की घटनाओं को अंजाम देते हैं। जिन कापर की वायर को इन आरोपियों ने चोरी की, उसमें उन्हें कबाड़़ी में बेचने पर मोटी रकम मिलती है।
इमरान है चोरी का सूत्रधार
पुलिस के दावों के मुताबिक आरोपी इमरान चोरी का सूत्रधार है। जिसने पूर्व में अपने पांच अन्य साथियों के साथ मिलकर अंबर फैक्ट्री सेलाकुई से लाखों रुपयों का कॉपर का सामान चोरी किया था। जिसमें वह जेल भी गया था। जमानत पर आते ही इमरान ने मोबिन के साथ मिलकर फैक्ट्री में चोरी किए माल को सारना नदी में गड्ढे में छुपा रखा था।
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