- एमडीडीए ने की कार्रवाई, हर माह 500 बीघा से अधिक प्लॉटिंग पर की जा रही कार्रवाई
- अवैध प्लॉटिंग को लेकर किया जा रहा पब्लिक को अवेयर, पोर्टल पर की लिस्ट जारी
देहरादून (ब्यूरो): इसके बावजूद भी जमीनों का अवैध तरीके से कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। बिल्डर और डेवलेपर एमडीडीए से प्लॉटिंग स्वीकृत किए बिना ही प्लॉटिंग कर रहे हैं। पिछले एक साल में अकेले एमडीडीए ने लगभग 6000 बीघा अवैध प्लॉटिंग ध्वस्त की है। कई प्लॉटिंग एमडीडीए की नजर से अभी भी बाहर है। उनको मिलाया जाए तो यह आंकड़ा 8 हजार बीघा से अधिक जा सकता है।
एग्रीकल्चर लैंड पर हो रही प्लॉटिंग
एमडीडीए से नक्शा पास कराने पर आर-3 की लैंड होनी जरूरी है, लेकिन अभी तक पकड़ी गई अधिकांश अवैध प्लॉटिंग आर-3 लैंड से बाहर है। एग्रीकल्चर लैंड में नक्शा स्वीकृत नहीं होता है। यही वजह है कि डेवलेपर एमडीडीए से नक्शा पास कराने के बजाय गुपचुप तरीके से प्लॉटिंग करते हैं। बाद में प्लाट लेने वालों को परेशानियां उठानी पड़ती है। कई मामलों में एमडीडीए पहुंच भी नहीं पाता है। बिल्डर आस-पास चल रहे जमीन के भाव से कम दरों पर प्लॉट, दुकान, मकान, फ्लैट बेचकर चले जाते हैं। कई बार अवैध प्लॉटिंग पकड़े जाने पर लोग डीलर के चक्कर लगाते रहते हैं। खास बात यह है कि एमडीडीए, खनन विभाग और जिला प्रशासन के अफसरों पर इन कारोबारियों से संबंध होने केबार-बार आरोप भी लगते रहे हैं।
सहस्रधारा और शिमला बाईपास में ज्यादा मामले
शहर के सहस्रधारा और शिमला बाईपास क्षेत्र में अवैध प्लॉटिंग का कारोबार सबसे अधिक है। शहर के अंदर जमीन काफी कम रह गई है। जो हैं भी वह बेहद महंगी है। इसलिए पहाड़ों से आने वाले लोग शहर के आउटर वाले इलाकों में बस रहे हैं। सहस्रधारा एरिया पर्यटन के लिहाज से यह क्षेत्र काफी मशहूर है। इसलिए इस क्षेत्र में सबसे अधिक हाउसिंग प्रोजेक्ट भी है। कई सरकारी दफ्तर यहां हैं। कई सेलिब्रिटीज सहस्रधारा और मसूर डायवर्जन क्षेत्रों में जमीन और फ्लैट खरीद चुके हैं। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुंबई, हरियाणा और पंजाब के लोग पार्टनर्शिप में जमीन खरीद कर बेच रहे हैं।
कम रेट के झांसे में आ रहे लोग
सहस्रधारा क्षेत्र में जमीनों के भाव सातवें आसमान पर हैं। इन इलाकों में सर्किल रेट से कई गुना रेट है, जो आम आदमी के बजट से बाहर है। यहां पर 25 हजार से लेकर 40 हजार प्रति गज के हिसाब से जमीन बिक रही है। इसलिए अवैध प्लॉटिंग करके ये डीलर लोगों को थोड़ा सस्ते का लालच देकर फंसाते हैं। राजपुर और मसूरी रोड के आस-पास भी 30 से 55 हजार रुपये प्रति गज है। जमीन के ऊंचे रेट होने से यहां अवैध कारोबार के मामले सबसे अधिक हैं। लोग सस्ते के लालच में बिल्डरों के चंगुल में फंस रहे हैं।
पिछले एक माह में ध्वस्त अवैध प्लॉटिंग
55 बीघा थानो, रायपुर
18 बीघा रतनपुर, शिमला बाईपास
40 बीघा बुल्लावाला, डोईवाला
05 बीघा शांति विहार, निरंजनपुर
120 बीघा डांडा लखौंड, सहस्रधारा
60 बीघा प्रतीकपुर, शिमलाबाईपास
35 बीघा मेदनीपुर, शिमला बाईपास
70 बीघा आमवाला तरला, सहस्रधारा
15 बीघा मेंहूवाला
50 बीघा मसूरी डायवर्जन
इन इलाकों में चल रही इलीगल प्लॉटिंग
- मौजा डांडा नूरीवाला, सहस्रधारा रोड
- शिवालिक रेजीडेंसी, बीमा विहार
- नईबस्ती मौथरोवाला, दीपनगर
- हर्रावाला पुलिस चौके के पीछे
- भागीरथीपुरम, बंजारावाला, दुधली
- धोरणखास, नागल हटनाला
- नथुवावाला, शांति विहार, गुजरोवाली
- कालागांव, सहस्रधारा, धर्मपुर डांडा
- अपर बद्रीश कलोनी, राजीव नगर
- मयूर कालोनी नेहरूग्राम, रायपुर
- कुल्हान मान सिंह, सहस्रधारा रोड
- नवाना निकट भत्त भट्टा
एमडीडीए लगातार अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। अवैध तरीके से प्लॉटिंग और निर्माण करने वालों के विरूद्ध चालान किए जा रहे हैं। चालान के बाद दोबारा अवैधानिक तरीके से निर्माण करते हुए पाया जाता, तो ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कठोर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
बंशीधर तिवारी, वाइस चेयरमैन, एमडीडीए
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