देहरादून, (ब्यूरो): भारतीय दिवाला और दिवालियापन बोर्ड (आईबीबीआई) के सदस्य सुधाकर शुक्ला और एचडीएफसी के सुधीर कुमार ने रियल एस्टेट क्षेत्र में दिवालियापन की चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की। उन्होंने परियोजना-वार कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रियाओं (सीआईआरपी), लेनदारों और घर खरीदारों के परस्पर विरोधी हितों व आरईआरए नियमों के अनुपालन जैसे मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने परियोजना की जानकारी अनिवार्य रूप से ऑनलाइन अपलोड कर पारदर्शिता को बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए रेरा की सराहना की। साथ ही निगरानी व सुधार के लिए अतिरिक्त डेटा कैप्चर की सिफारिश की।

सामूहिक शिक्षा पर बढ़ावा देने पर जोर

मसूरी में 11 व 12 सितंबर को एक होटल में आयोजित ऑल इंडिया फोरम ऑफ रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटीज के सम्मेलन का उद्घाटन हिमाचल प्रदेश रेरा और एआईएफओआरईआरए के अध्यक्ष डॉ। श्रीकांत बाल्दी ने किया। सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के रेरा के 14 चेयरपर्सन ने भाग लिया। उत्तराखंड रेरा के अध्यक्ष रवीन्द्र पंवार ने प्रतिनिधियों का वेलकम किया। उन्होंने सामूहिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए रेरा के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के महत्व पर जोर दिया। सम्मेलन की मेजबानी उत्तराखंड रेरा ने की।

निवेश को बढ़ाने में निभाई अहम भूमिका

ऑल इंडिया फोरम ऑफ रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटीज (एआईएफओआरईआरए) ने पिछले कुछ वर्षों में रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 के कार्यान्वयन में अंतराल की पहचान करने, घर खरीदारों के हितों की रक्षा, विकास और निवेश को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एआईएफओआरईआरए की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में प्रमुख एजेंडा वस्तुओं में रियल एस्टेट अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन पर चर्चा की गई। जिससे अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित किया जा सके।

एक दूसरे के अनुभवों से सीखा

उत्तराखंड रेरा के अध्यक्ष रवीन्द्र पंवार ने बताया कि इस दौरान रेरा कर्मचारियों के लिए क्षमता निर्माण योजनाओं और वेबसाइटों को अपग्रेड करने से संबंधित विषयों पर भी चर्चा हुई। पंवार ने यह भी बताया कि सम्मेलन ने भाग लेने वाले राज्य रेरा के प्रतिनिधियों को राज्यों में रियल एस्टेट क्षेत्र के विनियमन और विकास में एक-दूसरे के अनुभवों से बातचीत करने और सीखने का अवसर दिया है।

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