देहरादून ब्यूरो: अवैध रूप से की जा रही प्लॉटिंग और आवासीय भवनों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। दरअसल जानकारी न होने पर लोगों ऐसे बिल्डरों और प्रॉपर्टी डेवलपरों के झांसे में आ जाते हैं। बाद में कानून का डंडा चलने पर लोगों की मोटी रकमें या तो डूब जाती हैं, या फिर उन्हें बिल्डरों के चक्कर लगाने को मजबूर होना पड़ता है।
जारी किया गया था
बुधवार को मसूरी रोड पर ब्राह्मण गांव में मेफेयर हाईलैंड नाम से नई कॉलोनी डेवलप की जा रही है, जिसे रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी ने अवैध घोषित कर डेवलपर को नोटिस जारी किया है। डेवलेपर को 1 अगस्त तक अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए गए हैं। नियत तिथि को प्राधिकरण में उपस्थित न होने पर जुर्माने को भी चेताया गया है।
जारी किया ब्रोशर
प्राधिकरण के सदस्य मनोज कुमार की ओर से धारा 59 के तहत जारी नोटिस में कहा गया है कि मेफेयर हाईलैंड के मसूरी रोड स्थित परियोजना के तहत बिना प्राधिकारण में पंजीकरण कराए बगैर प्लॉटों की बिक्री की जा रही है। इसके लिए डेवलपर विज्ञापन और ब्रोशर भी जारी कर रहा है, जो पूरी तरह अवैध है।

ये है नियम
भूसंपदा विनियमन एवं विकास अधिनियम 2016 की धारा 3 के अनुसार किसी भी भूसंपदा परियोजना को राज्य भूसंपदा नियामक प्राधिकरण में पंजीकृत कराए बिना परियोजना के प्लॉट, अपार्टमेंट, भवन आदि का विक्रय या विज्ञापन का प्रकाशन नहीं किया जा सकता है

40 से 45 हजार हजार गज बेचे जा रहे प्लॉट
बताया जा रहा है कि मेफेयर हाईलैंड नामक रीयल एस्टेट परियोजना में 40 से 45 हजार रुपये प्रति गज की दर से प्लॉट बेच रहा है। ये आवासीय कालोनी कई एकड़ भूमि पर विकसित की जा रही है। डेवलपर विज्ञापन और ब्रोशर के माध्यम से प्लॉट बिक्री के लिए लोगों से अपील कर रहा है। रेरा ने विज्ञापन की इस कार्रवाई को भी अवैध बताया है।
डीएम से नोटिस तामील कराने की अपील
रेरा ने डीएम को पत्र लिखकर मेफेयर हाईलैंड को जारी नोटिस का अनुपालन कराने का अनुरोध किया है। रेरा ने डीएम से अपने स्तर से इस संबंध में कार्रवाई के लिए महानिरीक्षक निबंधन स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग को निर्देशित करने को कहा है।

डेवलपर पर लगेगा परियोजना लागत का 5 प्रतिशत जुर्माना
रीयल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी ने डेवलपर को जारी नोटिस में कहा है कि 1 अगस्त तक पक्ष रखने के लिए उपस्थित न होने पर विनियमन एवं विकास अधिनियम 2016 की धारा 59 के तहत अर्थदंड लगाया जाएगा। रेरा की इस कार्रवाई से डेवलपरों में हड़कंप का माहौल है।