देहरादून (ब्यूरो) । मिड सिटी में मौजूद रेंजर्स ग्राउंड का अपना इतिहास है। ब्रिटिशकाल में जब रेंजर्स ग्राउंड के पास में ही 1878 में ब्रिटिश इंपीरियल फॉरेस्ट स्कूल की स्थापना हुई थी। इसके बाद 1906 में इस स्कूल को इंपीरियल फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के तौर पर इंपीरियल फॉरेस्ट्री सर्विस के दौरान रि-एस्टेब्लिस्ड किया गया। उस दौरान ग्राउंड को स्पोर्ट्स के लिए यूज किया जाता रहा। बताया जाता है कि इसी दौरान रेंजर्स ग्राउंड भी स्थापित किया गया था। तब से लेकर अब तक ये रेंजर्स ग्राउंड के नाम पर से पहचान रखता है। उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित होने से पहले यह ग्राउंड एफआरआई के अधीन था।
संडे बाजार की फिर उठी डिमांड
स्टेट गवर्नमेंट को ग्राउंड ट्रांसफर होने के बाद अब मेले, आयोजन के साथ ही व्यापारिक संगठन भी ग्राउंड को लेकर हाथ पैर मारने लगे हैं। एडीएम प्रशासन डा। शिव कुमार बरनवाल के अनुसार संडे बाजार के लिए व्यापारियों की ओर से आवेदन आ रहे हैैं। लेकिन, जिला प्रशासन कोविड को देखते हुए इसके पक्ष में फिलहाल नहीं है। एडीएम के अनुसार अभी भी कोरोना को लेकर काफी एहतियात बरती जा रही है। दरअसल, कोविडकाल से पहले परेड ग्राउंड के आस-पास संडे बाजार लगा करता था। मेले के जरिए व्यापारी अपना व्यापार करते थे। हालांकि, संडे बाजार दून में हमेशा विवादित रहा है। कभी पलटन बाजार, कभी तिब्बती मार्केट चौक, कभी परेड ग्राउंड जैसे स्थानों पर संडे मेला लगते रहा है। एक बार फिर से कोरोना के मामले कम होते ही संडे बाजार के प्रयास तेज कर दिए हैं।
लगातार जारी थी डिमांड
दून शहर में परेड मैदान के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अन्य कार्यों के यूज में लाए जाने को देखते हुए स्पोर्ट्स व अन्य कल्चरल एक्टिविटीज को बढ़ावा देने के लिए रेंजर्स ग्राउंड को राज्य सरकार को ट्रांसफर किए जाने की लगातार केंद्र से डिमांड की जा रही थी। तत्कालीन सीएम तीरथ सिंह रावत के निर्देश पर शासन की ओर से केंद्रीय वन एवं पर्यावरण को प्रपोजल भेजा गया था। जिसके बाद केंद्र ने मंजूरी दी थी।
पार्किंग बड़ा चैलेंज
भले ही रेंजर्स ग्राउंड में एक्टिविटीज के लिए परमिशन मिल रही हो, लेकिन ग्राउंड में पार्किंग बड़ी समस्या रहा करती थी। बड़ी एक्टिविटीज के दौरान विजिटर्स सड़क पर ही अपने वाहन पार्क कर देते हैं।
कई साल तक गोल्ड कप रहा आकर्षण
कई वर्षों तक दून के रेंजर्स ग्राउंड ऑल इंडिया गोल्ड कप के लिए सबसे पसंदीदा रहा। जिसका लोगों को वर्ष 2018 तक इंतजार रहा। यहां देशभर की टीमें गोल्ड कप में पार्टिसिपेट करने के लिए पहुंचा करती थीं। कहा ये भी जाता था कि जो भी क्रिकेटर्स इस ग्राउंड में क्रिकेट खेलता था, उसका चयन इंडियन टीम में तय माना जाता था। गोल्ड कप आयोजकों का भी दावा रहा कि करीब कई ऐसे क्रिकेटर्स शामिल रहे हैं, जिन्होंने यहां क्रिकेट खेला और इंडिया टीम में अपना सलेक्शन पाया।
इसी ग्राउंड पर खेला था इन क्रिकेटर्स ने क्रिकेट
महेंद्र सिंह धोनी, सुरेश रैना, भूपेंद्र सिंह, गौतम गंभीर, मोहम्मद कैफ, पंकज धर्माणी, योगेंद्र शर्मा, पवन सुयाल, पवन नेगी, वीरेंद्र सहवाग, विक्रम राठौर, चेतन शर्मा, एमएसके प्रसाद, न्यूल डेविड, उन्मुक्त चंद, पियूष चावला व प्रवीन कुमार सहित कई नाम शामिल हैं। गोल्ड कप आयोजकों ने कहा था वर्ष 2004 में जब महेंद्र सिंह धोनी मैच खेलने के लिए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से दून पहुंचे, तो उसके बाद उनका सिलेक्शन इंटरनेशनल इंडियन क्रिकेट टीम के लिए हुआ।
3 दिसंबर को ग्राउंड में ईट राइट मेले का आयोजन
रेंजर्स ग्राउंड में आगामी 3 दिसंबर को आजादी का अमृत महोत्सव के मौके पर ईट राइट मेला कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन, नगर निगम, फूड सेफ्टी जैसे डिपार्टमेंट की ओर से मंजूरी दे दी गई है। एडीएम प्रशासन डा। शिव कुमार बरनवाल ने बताया कि भारतीय खाद्य संरक्षा संबंधी जागरुकता के लिए ईट राईट मेला का आयोजन रेंजर्स ग्राउंड किया जाएगा। इस मेले में गवर्नमेंट के दो दर्जन से अधिक डिपार्टमेंट पार्टिसिपेट करेंगे।