देहरादून (ब्यूरो)। रायपुर स्थित सीएचसी सेंटर में पहुंचने वाली गर्भवती महिलाओं को सर्जरी की जरूरत पडऩे पर उन्हें गांधी शताब्दी हॉस्पिटल, दून हॉस्पिटल या प्राइवेट हॉस्पिटल के चक्कर काटने पड़ते थे। लेकिन, अब रायपुर स्थित सीएचसी में गर्भवती महिलाओं को सर्जरी की जरूरत पडऩे पर दूसरे हॉस्पिटल में रेफर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वेडनसडे को यहां गर्भवती महिला की सर्जरी की गई।
न्यू बॉर्न के लिए फोटोथैरेपी शुरू
रायपुर हॉस्पिटल में न्यू बॉर्न बेबी को जॉन्डिस की शिकायत होने पर उन्हें फोटोथैरेपी की शुरुआत की गई है। प्राइवेट हॉस्पिटल में फोटोथैरेपी ट्रीटमेंट का खर्च 15 से 20 हजार रुपये तक देना पड़ता है। इससे स्थानीय लोगों को फायदा होगा।
यहां के लोग पहुंचते है यहां
सरोना
मालदेवता
टिहरी गढ़वाल
सहस्रधारा
तपोवन
गांधी ग्राम
रायपुर
आईटी पार्क
हॉस्पिटल में बढ़ेगी बेड की संख्या
रायपुर स्थित सीएचसी सेंटर में बेड की कमी को देखते हुए यहां 30 से 50 बेड की डिमांड भेजी गई है। हालांकि हॉस्पिटल प्रबंधन के अनुसार यहां हॉस्पिटल में फिलहाल यहां एक्स्ट्रा बेड भी लगाए गए है। जिससे पहाड़ से पहुंचने वाले पेशेंट को परेशानी न हो।
गर्भवती महिलाओं के लिए बढ़ेगी सुविधा
रायपुर हॉस्पिटल में टिहरी गढ़वाल का बेस कैंप होने के कारण यहां पेशेंट पहुंचते है। इनमें कई गर्भवती महिलाएं भी होती है। कई बार वह गंभीर हालत में हॉस्पिटल में पहुंचती है। लेकिन सुविधा न होने पर उन्हें रेफर कर दिया जाता है। हॉस्पिटल के सीएमएस के अनुसार यहां महिलाओं के लिए सुविधा को बढ़ाया जा रहा है।
इस हॉस्पिटल पर करीब 1 लाख से ज्यादा लोग निर्भर हैं, जिसे देखते हुए हॉस्पिटल में सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। बेड के साथ बच्चों व गर्भवती महिलाओं के लिए सुविधाओं को भी बढ़ाया जाएगा। जिससे उन्हें दूसरे हॉस्पिटल में न जाना पड़े।
डॉ। प्रताप रावत, सीएमएस, सीएचसी रायपुर