- कुछ विभागों के साथ स्मार्ट सिटी ने की रेन वाटर हार्वेस्टिंग की शुरुआत
- नक्शे पास कराते वक्त होता है रेन वाटर हार्वेस्ंिटग का जिक्र, जांच नहीं

देहरादून, 25 जुलाई (ब्यूरो)।
एमडीडीए (मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण) के नियम कानूनों के मुताबिक अथॉरिटी क्षेत्र में रेन वाटर हॉर्वेस्टिंग तो जरूरी है। लेकिन, सच्चाई इससे जुदा है। एकाध सरकारी व गैर सरकार भवनों या इमारतों को छोड़ दें तो कहीं भी इस योजना का कोई एग्जांपल तक नजर नहीं आता। जबकि, पानी का संकट गहराते वक्त, पर्यावरण दिवस के खास मौकों पर इसको लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं। इससे भी बड़ी हकीकत ये है कि प्राधिकरण अपने बायलॉज के मुताबिक मकान या मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के जिस वक्त नक्शा पास करता है, रेन वाटर हॉर्वेस्टिंग का जिक्र भी होता है। बावजूद इसके एमडीडीए की ओर से आज तक एक चालानी कार्रवाई तक नहीं की गई है।


23 साल में एक चालान तक नहीं
देश-दुनिया के दूसरे शहरों की तर्ज पर दून में ग्राउंड वाटर लेवल गहरा रहा है। जानकारों के मुताबिक दून के अलग-अलग इलाकों में ग्राउंड वाटर लेवल 60 से लेकर 150 मीटर तक गहरा गया है। जिससे समर सीजन में लोगों को पानी के लिए खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पानी का ग्राउंड वाटर लेवल बना रहे, रेन वाटर हॉर्वेस्टिंग पर जोर दिया जा रहा है। एमडीडीए ने नक्शा पास करने से पहले अपने बायलॉज में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य किया है। लेकिन, अब तक न तो एमडीडीए की ओर से न जांच हुई और न ही कोई चालान किया गया।


आम लोग भी नहीं ले रहे दिलचस्पी
बताया जा रहा है कि स्मार्ट सिटी के अलावा कुछ विभागों ने इसमें कदम बढ़ाए हैं। जिनकी संख्या कम से कम दून में तो न के बराबर है। जानकार बताते हैं कि जब सरकारी विभाग ही कदम नहीं बढ़ा रहे हैं तो आम लोग भी दिलचस्पी नहीं ले रहे।

एमडीडीए की ओर से दावा
-भवनों में वर्षा जल संरक्षण के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग टैंक का प्रावधान जरूरी।-प्राधिकरण क्षेत्र में स्वीकृत, निर्मित व निर्माणाधीन भवनों में वर्षा जल भंडारण के प्रावधान का सत्यापन जरूरी।-चलेगा अभियान, भवन निर्माणकर्ताओं को जरूरी तौर पर बारिश के पानी का भंडारण करना होगा।-ऐसा न किए जाने पर उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई किया जाना होगा जरूरी।
::स्मार्ट सिटी ने लिया है इनीशिएटिव:::
लगातार गहरा रहे वाटर लेवल को देखते हुए अब स्मार्ट सिटी दून ने अपने कुछ प्रोजेक्ट में रेन वाटर हार्वेस्टिंग किए जाने का इनीशिएटिव लिया है। इसमें परेड ग्राउंड ब्यूटिफिकेशन, दून लाइब्रेरी, दून परेड ग्राउंड फुटपाथ और हरिद्वार रोड स्थित बनने जा रही ग्रीन बिल्डिंग शामिल है।
::स्मार्ट सिटी के रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रोजेक्ट पर नजर:::
-परेड ग्राउंड में 2200 केएलडी यानि 22 लाख लीटर का टैंक बनकर तैयार
-इस रेन वाटर हार्वेस्टिंग टैंक में स्टोर हो रहा पानी।-परेड ग्राउंड स्थित दून लाइब्रेरी में भी करीब 20 केएल का टैंक अस्तित्व में।-पूरे रूफ का पानी टैंक में हो रहा है स्टोर।-परेड ग्राउंड के पास ही फुटपाथ पर बनाए गए हैं 3 रिचॉर्ज पिट।-ये तीनों रिचॉर्ज पिट करीब साढ़े तीन मीटर गहरे, आपस में इंटरकनेक्ट।-रोडवेज वर्कशॉप में बन रही ग्रीन बिल्डिंग में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था।-इस बिल्डिंग की 6500 स्क्वा.मी। छत का पानी टैंक में होगा स्टोर।
::दून में वाटर लेवल पर एक नजर:::
-राजधानी दून में चल रहे हैं 206 ट्यूब वैल
-हर रोज करीब 275 एमएलडी से ज्यादा पानी की खपत।
जिलेवार पानी के कनेक्शन से वंचित लोग
::जनवरी 2023 तक का परिदृश्य::
-दून में 127731
-चमोली--77650
-बागेश्वर--55030
-उत्तरकाशी--71810
-पिथौरागढ़--95479
-रुद्रप्रयाग--56779
-टिहरी---135110
-चंपावत--47993
-पौड़ी--116444
-नैनीताल--113624
-हरिद्वार--266743
-अल्मोड़ा--128792
-यूएसनगर--201229
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कुल---1494414
(आंकड़े::जनवरी 2023 तक के.)
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::दून में पानी की स्थिति पर एक नजर::
-पानी सप्लाई को पानी के टैंकरों की 95
-इनमें से 14 किराए के टैंकर
-कंट्रोल रूम में 2022 में आई 194 शिकायतें।-2020 में 230 कॉलोनियों में आई पानी की कंप्लेंस।-दून के 43 ऐसे पानी के स्रोत, जहां 70 से 100 परसेंट तक पानी सूखा
-इनमें गधेरे व झरने शामिल
(आंकड़े::मार्च 2023 तक के.)

::वर्जन:::
रेन वाटर को खास मैकेनिज्म से बचाया जा सकता है। इससे मैं खुद शत-प्रतिशत सहमत हूं। ग्राउंड वाटर रिचॉर्ज के लिए सभी को आगे आने की जरूरत है। जिससे भविष्य में पानी की समस्या निजात पाया जा सके।-अजय सिंह

हमारा मानना है कि अब रेन वाटर हॉर्वेस्टिंग के लिए देर नहीं होनी चाहिए। सरकारी गैर सरकार भवनों के साथ ही लोगों भी आगे आने की जरूरत है। नहीं तो भविष्य में पानी की भी लड़ाई का सामना करना पड़ सकता है।-शिवांश बग्गा

जिस प्रकार से पूरी दुनिया में पानी का हा-हाकर मचा हुआ है। यकीनन रेन वाटर हॉर्वेस्टिंग की अब सख्त जरूरत हो गई है। जिसको आसानी से स्टोर किया जा सकता है। बस, इसके लिए आम लोगों के इनिसिएटिव की जरूरत है।-डा। वर्षा

बारिश का पानी कीमती है। भविष्य में आने वाली परेशानियों को देखते हुए अभी से रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर जोर देना चाहिए। अपने घर, मकान व प्रतिष्ठान में बारिश का पानी स्टोर किए जाने की जरूरत है।-रोहित रावत

रेन वाटर हॉर्वेस्टिंग से मैं पूरी तरह सहमत हूं। बारिश का पानी वेस्ट न जाए, हर कोई टैंक के जरिए कहीं भी रिचॉर्ज के लिए स्टोर कर सकता है। जिसका यूज तमाम तरीके से आसानी से किया जा सकता है।-अमन जोशी

शहरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग बिल्कुल भी कम दिखता है। जबकि, गांवों में लोगों आगे हैं। गांवों में पानी की प्रॉब्लम है तो लोग बड़े-बड़े ड्रम में पानी को स्टोर कर कई कार्यों के लिए यूज करते हैं।-अभय नेगी

::बॉक्स::
पर्यावरणविद गर्ग की पहल 2001 से जारी
पर्यावरणविद व इको ग्रुप सोसाइटी से जुड़े आशीश गर्ग कहते हैं कि उन्होंने अपने घर में वर्ष 2001 से रेन वाटर हार्वेस्टिंग की शुरुआत की है। इसका उन्हें काफी लाभ मिल रहा है। उनका कहना है कि एमडीडीए की ओर से नियम कानून तो बना दिए गए हैं, लेकिन इसका इंप्लीमेंटेशन नहीं किया जा रहा है। जबकि, यह आसान सा तरीका है। कहते हैं, अब शुरू करना बेहद जरूरी है, दून काफी लेट हो चुका है। जिस तेजी से दून में बड़ी तादात में अपार्टमेंट बन रहे हैं, उसका .5 परसेंट भी रेन वाटर हॉर्वेस्टिंग भी खर्च हो जाए तो पानी की कमी को कम किया जा सकता है।
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