देहरादून, (ब्यूरो): मानसून हर साल बरसता है और सड़कों का टूटना आम बात है। लेकिन इस बार मानसून ने ऐसा कहर बरपाया कि कई जगहों पर सड़कें चलने लायक नहीं हैं। बारिश से सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं। ये गड्ढ़े पब्लिक के लिए परेशानियों का सबब बन रहे हैं। मानसून लगभग विदाई ले चुका है, लेकिन सड़कों की हालत नहीं सुधर रही। समस्या जब हद से पार हो गई, तो सीएम को दखल देकर 15 दिन के भीतर सड़कों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए। इसकेबाद सड़कों की सूरत कितनी बदलती है, कह नहीं सकते। लेकिन दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से चलाए जा रहे अभियान के जरिए हम आपको सड़कों की मौजूदा स्थिति से रूबरू करा रहे हैं।

वाहनों के पहिए रोक रहे गड्ढे

राजधानी दून की सड़कों पर बड़े-बड़े गड्डों में पैसेंजर्स न केवल हिचकोले खा रहे हैैं, बल्कि बैक पेन समेत कई गंभीर बीमारियों का भी शिकार हो रहे हैं। बारिश से जख्मी हुई सड़कों के गड्ढे वाहनों के पहिए भी रोक रहे हैं। इससे यातायात भी प्रभावित हो रहा है। वाहनों की रफ्तार कम होने से कई जगहों पर जाम की स्थिति बन रही है।

हालत इतने खराब सीएम भी हैरान

राजधानी की खराब सड़कों की हालत देखकर खुद प्रदेश के मुखिया को आगे आना पड़ा। सीएम ने पीडब्ल्यूडी को दो हफ्ते में सड़कों के गड्ढे भरने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा एक माह के भीतर पूरे प्रदेश की सड़कों के भी सीएम ने निर्देश दिए हैं। सीएम के निर्देश देने के बाद करीब एक सप्ताह का समय बीत गया, अभी तक कहीं भी आदेश अभी तक अमल नहीं हो पाया है।

दून में 30 करोड़ का नुकसान

इस बार मानसून ने दून की सड़कों को करीब 30 करोड़ का नुकसान पहुंचाया। दून के आउटर की कई सड़कें भूस्खलन से बंद हैं। सड़कों को टैंपररी यातायात के लिए खोलने के लिए पीडब्ल्यूडी को करीब 3 करोड़ रुपए के बजट की जरूरत है। जबकि, सड़कों को पूर्व की स्थिति में लाने लिए 30 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। पीडब्ल्यूडी के अफसरों के मुताबिक पूरे प्रदेश में बारिश से सड़कों को करीब 245 करोड़ का नुकसान पहुंचा है। बंद सड़कों को लगातार खोलने का क्रम जारी है। साथ ही सड़कों की मरम्मत का काम भी शुरू किया जा रहा है। बरसात बंद होते ही डामरीकरण का कार्य शुरू किया जा रहा है।

निर्माण कार्यों से नासूर गड्ढे

शहर में मैन रोड से लेकर इंटरनल सड़कों को निर्माण कार्यों के लिए खोदा गया है, जिससे बरसात में सड़कों की हालत खराब हुई है। कहीं पेयजल, कहीं सीवर तो कहीं दूसरे कार्यों के लिए रोड खोदी गई। बरसात से पहले रोड दुरुस्त न किए जाने से बरसात में पूरी रोड उधड़ गई, जिससे रोड और बुरी स्थिति में पहुंच गई। शहर की एक भी सड़क ऐसी नहीं है, जिस पर सफर आसान हो।

मॉडल रोड के सबसे बुरे हाल

सबसे ज्यादा खराब हालत दून की एक मात्र मॉडल रोड के हैं। आईएसबीटी से सहारनपुर चौक तक मॉडल रोड बुरी तरह जख्मी है। मातावाला बाग से लेकर सहारनपुर चौक तक तो इतने बड़े-बड़े गड्ढ़े हैं कि इस एरिया में हर वक्त जाम की स्थिति बनी रहती है। जिस तरह से सड़क की स्थिति बनी हुई है उससे कहीं नहीं लग रही है कि यह मॉडल रोड है।

गांधी रोड के भी बुरे हाल हैं। यहां भी जगह-जगह पर बड़े-बड़े गड्ढेे बने हुए हैं। इस रोड पर सीवर का काम चल रहा है। सीवर के कार्य के चलते यहां जगह-जगह पर रोड क्षतिग्रस्त है। यहां पर जल भराव होने के कारण रोड़ की हालत खराब बनी हुई है। सीवर कार्य के चलते रेलवे स्टेशन के पास सड़क संकरी हो गई है, जिससे यहां पर जाम की स्थिति बनी रहती है।

लाल पुल-कारगी रोड भी कई जगह ऊबड़-खाबड़ है। श्री महंत इंद्रेश अस्पताल के पास काली मंदिर का एरिया बुरी तरह उखड़ा हुआ है। यहां पर बरसात में कीचड़ रहने से पूरी सड़क पर गड्ढ़े हैं। इस एरिया में पैदल चलना भी दूभर है। इस सड़क को बनाने के लिए कई बार लोग गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ।

मातावाला बाग से पथरी वाली रोड के हालात भी इतने खराब है कि यहां पर बरसात के दौरान रोजाना एक्सीडेंट होता है। इस रोड पर रोड ओवर ब्रिज बनाए जान से पूरी रोड खस्ताहाल बनी हुई है। जल भराव होने पर यहां रोड पर कई बार मिट्टी पत्थर डाले गए, जिससे रोड और खतरनाक हो गई। कीचड़ होने से यहां पर दोपहिया वाहन फिसलने का लगातार खतरा बना हुआ है।

हमें दें जानकारी (आईनेक्स्ट कॉलिंग)

आपके एरिया में सड़क खराब है। सड़कों पर गड्ढे हैं। सड़कों पर जल भराव होता है। कंप्लेन करने के बाद भी सड़क दुरुस्त नहीं हो पाई है, तो आप भी हमें अपनी समस्या भेज सकते हैैं, हर आपकी समस्या शासन प्रशासन तक पहुंचाएंगे।

9411325055

खास बातें.

- बारिश के चलते दून की सड़कों पर बने हैं बड़े-बड़े गड्ढ़े

- इस बार मानसून से दून की सड़कों को हुआ करीब 30 करोड़ का नुकसान

- सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढ़े होने से एक्सीडेंट का बढ़ा खतरा

- सड़को की इतनी खराब हालत कि सीएम को आना पड़ा आगे

- सीएम के आदेश के एक सप्ताह बाद भी नहीं सुधरे हालात

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