देहरादून (ब्यूरो)। दून की लगभग दर्जनभर नदियों से रेत-बजरी का खनन किया जाता है। सरकारी स्तर पर साल में कुछ महीने के लिए रेत-बजरी खनन के पट्टे दिये जाते हैं। पट्टों के साथ कई शर्तें भी होती हैं। लेकिन पट्टों की आड़ में तय सीमा से ज्यादा खनन के मामले लगातार सामने आते रहते हैं। कई बार बिना पट्टे के भी अवैध रूप से खनन होता है।
पुलिस देख भागे खनन माफिया
अवैध खनन की लगातार आ रही शिकायतों के बीच विकासनगर थाना पुलिस ने एक बार फिर खनन करने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। पुलिस को आता देख खनन में लगे सभी मजदूर और ठेकेदार भाग गये, लेकिन अपने वाहन वहीं छोड़ दिये। पुलिस ने मौके पर मिली 7 ट्रैक्टर-ट्रॉली सीज कर दी हैं। पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि यमुना नदी के किनारे अवैध रूप से खान किया जा रहा है। पुलिस ने टीमों का गठन कर अलग-अलग घाटों से घेराबंदी कर दी। लेकिन, सभी घाटों पर खनन करने वाले लोग भाग गये। पुलिस को इन घाटों पर कुल 7 ट्रैक्टर ट्रॉली ही मिलीं, जिन्हें खनन माफिया छोड़कर भाग गया था। पुलिस ने सभी ट्रैक्टर-ट्रॉली को लावारिस वाहन के रूप में सीज कर दी।
बिना नंबर होते है व्हीकल
अवैध खनन पर पड़ने वाले पुलिस छापों में दूसरी खास बात यह भी होती है कि जो व्हीकल छोड़कर खनन माफिया के लोग भागते हैं, उनमें ज्यादातर व्हीकल्स पर नंबर नहीं होते हैं। संडे की कार्रवाई में भी जो 7 व्हीकल मौके पर मिले वे सभी ट्रैक्टर-ट्रॉली थे और सिर्फ एक व्हीकल पर नंबर मिला। बाकी 6 मिबना नंबर के थे।
इन नदियों में होता है खनन
- रिस्पना नदी
- बिंदाल नदी
- सुसवा नदी
- टौंस नदी
- जाखन नदी
- यमुना नदी
- सौंग नदी
- अमलावा नदी
- उदियावा नाला
- चंद्रभागा नदी